भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की एक सौवीं जयन्‍ती मनाई गयी

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की एक सौवीं जयन्‍ती 12 अगस्त 2019 को मनाई गयी. डॉ साराभाई ने देशभर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सहित बड़ी संख्‍या में संस्‍थानों की स्‍थापना की.

विक्रम साराभाई: एक परिचय

  • अहमदाबाद में 12 अगस्त 1919 को जन्में विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष विकास कार्यक्रम के विकास में अतुलनीय योगदान है.
  • नवंबर 1947 में उन्होंने अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory- PRL) की स्थापना की थी.
  • इन्होंने वर्ष 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (Indian National Committee for Space Research) की स्थापना की, जिसे बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नाम दिया गया.
  • विक्रम साराभाई को 1962 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला. उन्हें 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था.
  • ISRO द्वारा भेजा गया चंद्रमा के लिए दूसरे मिशन, चंद्रयान-2 के लैंडर का नाम डॉ विक्रम साराभाई नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है. वर्ष 1973 में चंद्रमा पर एक गड्ढे का नाम उनके नाम पर रखा गया था.
  • डॉ. विक्रम साराभाई का निधन 30 दिसम्बर, 1971 को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था.