सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 की अधिसूचना जारी गयी

केन्द्रीय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने आधार की प्रासंगिकता को कवर करने वाली सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 को अधिसूचित (notified) कर दिया है. इस धारा को प्रवासी मज़दूरों सहित अन्य श्रमिकों के डेटाबेस को एकत्रित करने के लिए अधिसूचित किया गया है.

सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 की अधिसूचना जारी होने से श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत अपने डेटाबेस के लिए लाभार्थियों के आधार का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा.

राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (National Informatics Centre) देश के असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) के लिए एक पोर्टल विकसित कर रहा है. इस पोर्टल का उद्देश्य प्रवासी मज़दूरों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डाटा एकत्रित करना है, ताकि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ इन श्रमिकों तक पहुँचाया जा सके. अंतर-राज्यीय प्रवासी मज़दूर केवल आधार कार्ड के विवरण के माध्यम से अपने आप को इस पोर्टल पर पंजीकृत कर सकता है.

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भारत-ब्रिटेन वर्चुअल शिखर बैठक, 2030 के लिए रूपरेखा जारी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच 4 मई को वर्चुअल शिखर बैठक आयोजित की गयी थी. इस बैठक में विभिन्‍न मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया. बैठक के दौरान आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्‍विक मुद्दों तथा द्विपक्षीय सम्बंधों के सभी पहलुओं पर व्‍यापक चर्चा हुई.

2030 के लिए रूपरेखा जारी

बैठक का पहला महत्‍वपूर्ण निष्‍कर्ष 2030 के लिए रूपरेखा जारी होना था. दोनों नेताओं ने ‘भारत-ब्रिटेन साझेदारी’ को बढ़ाकर ‘व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी’ का रूप देने के लिए 2030 की महत्‍वकांशी रूपरेखा स्‍वीकार की.

इस रूपरेखा में अनेक ठोस, भविष्‍योन्मुखी और परिणाम केन्‍द्र‍ित गतिविधियों की व्‍यापक सूची बनाई गई. इसके लिए पांच महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है. ये पांच क्षेत्र हैं- व्‍यक्ति से व्‍यक्ति के बीच संबंध बढ़ाना, व्‍यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई और स्‍वास्‍थ्‍य.

व्‍यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा

शिखर बैठक की एक और बड़ी उपलब्‍धि व्‍यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा था. 2019-20 में दोनों देशों के बीच दो तरफा व्‍यापार 15 अरब चालीस करोड़ डॉलर का था.

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से दोनों देशों के लिए नए और शानदार अवसर उपलब्‍ध हुए हैं. इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए दोनों नेताओं ने अंतरिम व्‍यापार समझौते पर विचार करने के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत 2030 तक आपसी व्‍यापार दोगुने से अधिक बढ़ाना है.

शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर सहमति

दोनों नेता शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर भी सहमत हुए. इसके तहत ब्रिटेन भारतीय उद्यमियों के लिए अपने मत्‍स्‍य क्षेत्र को खोलेगा, नर्सों को अधिक अवसर उपलब्‍ध कराएगा, भारतीय नौवहन चालकों के प्रमाण-पत्रों को मान्‍यता देगा और सामाजिक सुरक्षा समझौते पर संयुक्‍त संवाद करेगा.

इसके बदले भारत ने फलों, चिकित्‍सा उपकरणों और स्‍नातकोत्‍तर डिग्री की परस्‍पर मान्‍यता के बारे में ब्रिटेन के प्रस्‍ताव पर सहमति व्‍यक्‍त की है. भारत विधिक सेवाओं को खोलने की दिशा में भी काम करेगा.

भारत-ब्रिटेन वैश्‍विक नवाचार साझेदारी

वर्चुअल बैठक में नई भारत-ब्रिटेन वैश्‍विक नवाचार साझेदारी आरंभ करने के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए. प्रवासन और मोबीलिटी के क्षेत्र में साझेदारी के समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किए गए.

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किये गए

देश के पांच राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुद्दुचेरीके विधानसभा सदस्यों के चुनाव की मतगणना के नतीजे 3 अक्टूबर को घोषित किये गए. इन चारों राज्यों में मार्चा और अप्रैल में विभिन्न चरणों में मतदान हुए थे.

  1. पश्चिम बंगाल: 294 सदस्यों की पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 213 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 77 सीटें जीत कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. यहाँ मुख्य विपक्षी पार्टी रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (MKP) और कांग्रेस एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी.
  2. तमिलनाडु: 234 सदस्यों की तमिलनाडु विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने 133 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है. यहाँ सत्तारूढ़ AIADMK ने 66 सीटें जीतने में सफल रही.
  3. केरल: 140 सदस्यों की केरल विधानसभा में सत्तारूढ़ वामपंथी मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI-M) ने 62 सीटें जीती. यहाँ मुख्य विपक्षी कांग्रेस 21 सीटें जीतने में सफल रही.
  4. असम: 126 सदस्यों की असम विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 60 सीटें जीती. यहाँ मुख्य विपक्षी कांग्रेस 29 सीटें मिली.
  5. पुद्दुचेरी: 60 सदस्यों की पुद्दुचेरी विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी AINRC और BJP के गठबंधन ने 16 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है. यहाँ सत्तारूढ़ कांग्रेस 2 सीटें जीतने में सफल रही.
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भारत ने लड़ाकू विमान तेजस के साथ पाइथन-5 मिसाइल की सफल परीक्षण श्रृंखला पूरी की

भारत ने लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) की मारक क्षमता के कई सफल परीक्षण ‘पाइथन-5’ मिसाइल के साथ किया. रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान (DRDO) ने यह परीक्षण श्रृंखला गोवा में हाल ही में आयोजित किया था. इस श्रृंखला में स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के साथ पाइथन-5 मिसाइल को एकीकृत किया गया था.

इस परीक्षण का लक्ष्य तेजस पर पहले से ही एकीकृत पाइथन डर्बी बियॉन्ड विजुअल रेंड (BVR) AAM की बढ़ी हुई क्षमता को सत्यापित करना था. डर्बी प्रक्षेपास्त्र ने तेज गति से हवा में करतब दिखा रहे लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया और पाइथन प्रक्षेपास्त्र ने भी 100 प्रतिशत लक्ष्य पर वार किया और इस तरह अपनी पूर्ण क्षमताओं को प्रमाणित किया.

इस परीक्षणों से पहले बेंगलुरु में तेजस में लगी विमानन प्रणाली के साथ ‘पाइथन-5’ मिसाइल के एकीकृत होने के आकलन के लिये व्यापक हवाई परीक्षण किए गए. इनमें लड़ाकू विमान की वैमानिकी, फायर-नियंत्रण रडार, प्रक्षेपास्त्र आयुध आपूर्ति प्रणाली, विमान नियंत्रण प्रणाली शामिल थे.

पाइथन-5 मिसाइल: मुख्य तथ्य

  • पाइथन-5 मिसाइल हवा से हवा में मार करने में सक्षम पांचवीं पीढ़ी की मिसाइल है. यह इजरायल के हथियार निर्माता राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित मिसाइल है. पायथन 5, डर्बी मिसाइल का एक उन्नत संस्करण है.
  • पाइथन-5 की लंबाई 10.17 फीट है. इसका व्यास 6.29 इंच है. वजन 105 किलोग्राम है. यह इंफ्रारेड और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजिंग के जरिए गाइड होती है.
  • इसकी मारक क्षमता 20 किलोमीटर है. यानी दुश्मन का जहाज अगर 20 किलोमीटर दूर पर हवा में स्थित हैं और वह दिखाई नहीं दे रहा है तो भी यह उसे नष्ट कर सकती है.
  • इस मिसाइल को स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान (फाइटर जेट) ‘तेजस’ के साथ एकीकृत किया गया है. यह मिसाइल दुश्मन के विमानों, हेलिकॉप्टरों और ड्रोन को तेजी से मर गिराने में सक्षम है. इस मिसाइल का उपयोग दुनिया के करीब 20 देशों की वायुसेना करती है.
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दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू हुआ

संसद द्वारा हाल ही में पारित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021’ (Govt of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Ac) 27 अप्रैल से लागू हो गया. संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 मार्च को मंजूरी दी थी. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक अधिनियम (कानून) का रूप ले लिया था.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021: मुख्य तथ्य

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली एक विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश है. यह विधेयक विधानसभा और उप-राज्यपाल की कुछ शक्तियों और जिम्मेदारियों में संशोधन करता है.
1991 का मौजूदा अधिनियम पुलिस और भूमि को छोड़कर विधानसभा को हर मामले में कानून बनाने की अनुमति देता था.

इस संशोधन अधिनियम में दिल्ली के उप-राज्यपाल के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. विधेयक के तहत दिल्ली सरकार को कोई भी नियम कानून या योजना लाने से पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होगी.

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प्रधानमंत्री ने देश भर में स्वामित्व योजना के तहत ई-प्रापर्टी कार्ड का वितरण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को देश में स्वामित्व योजना के अमल की शुरुआत की. उन्होंने इसकी शुरुआत ग्रामीण लोगों को ई-प्रापर्टी कार्ड का वितरण कर की. वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में चार लाख से अधिक लोगों को उनकी सम्पत्ति के ई-प्रापर्टी कार्ड दिए गये.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ‘स्वामित्व योजना’ की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने छह राज्‍यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में प्रायोगिक तौर पर ‘स्‍वामित्‍व योजना’ की शुरूआत की थी.

क्या है स्‍वामित्‍व योजना?

भारत की 60% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ज्यादातर लोगों के पास उनकी संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं. अंग्रेजों के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों का बंदोबस्त होता आया है. यही बंदोबस्त ग्राम विवाद का मुख्य कारण होता है. स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा. इसके बाद फिर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होगा.

स्‍वामित्‍व योजना के मुख्य बिंदु

  • इसके तहत देश के सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मानचित्रण किया जायेगा. इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र दिया जाएगा.
  • इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजन तथा राजस्‍व संग्रह को सुचारू बनाने और संपदा अधिकारों पर स्‍पष्‍टता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
  • संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र मिलने से शहरों की तरह गांवों में भी बैंकों से आसानी से ऋण लिए जा सकेगा. इसके लिए ग्रामीणों से न्यूनतम डॉक्युमेंट मांगे जाएंगे.

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी किये. ये पुरस्कार दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देखमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार जैसी विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत दिए गए. पुरस्कार के तहत दी जाने वाली पांच लाख से 50 लाख रुपए तक की राशि विजेता पंचायतों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सीधे अंतरित की गई.

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DCGI ने COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए ‘विराफिन’ के उपयोग की मंजूरी दी

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए ‘विराफिन’ (Virafin) के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है. इस दवा को कोरोना के मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इस्तेमाल के लिए आपातकालीन मंजूरी दी गयी है.

विराफिन: एक दृष्टि

इस दावा की निर्माता कंपनी जाइडस कैडिला ने DCGI से विराफिन दवा के लिए मंजूरी की मांग की थी. विराफिन का जेनेरिक नाम Pegylated Interferon alpha-2b है. यह दवा एक सिंगल डोज दवा है, जिसकी वजह से कोरोना मरीजों के इलाज में काफी हद तक मदद मिलेगी.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI)

भारत में किसी दावा के उपयोग की अनुमति DCGI द्वारा दी जाती है. यह केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन का प्रमुख है. यह संगठन देश में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को नियंत्रित करता है और दवाओं के विनिर्माण, आयात, बिक्री और वितरण के लिए मानक स्थापित करता है.

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संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के तीन निकायों के लिए भारत को चुना गया

भारत, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (United Nations Economic and Social Council) के तीन निकायों में निर्वाचित हुआ है. ये निकाय हैं-

  1. अपराध निरोधक एवं आपराधिक न्याय आयोग (Commission on Crime Prevention and Criminal Justice),
  2. संयुक्त राष्ट्र लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण कार्यकारी बोर्ड (Executive Board of the UN Entity for Gender Equality and Empowerment of Women) और
  3. विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यकारी बोर्ड (Executive Board of World Food Programme).

भारत को मौखिक अनुमोदन के साथ अपराध निरोधक एवं आपराधिक न्याय आयोग में चुना गया है. इसका कार्यकाल 1 जनवरी 2022 से तीन साल के लिए होगा. वहीं ऑस्ट्रिया, बहरीन, बेलारूस, बुल्गारिया, कनाडा, फ्रांस, घाना, लीबिया, पाकिस्तान, कतर, थाइलैंड, टोगो और अमेरिका को भी मौखिक अनुमोदन के साथ चुना गया जबकि ब्राजील, डोमिनिक गणराज्य, प्राग, चिली, क्यूबा को गुप्त मतदान के जरिए चुना गया.

भारत को संयुक्त राष्ट्र लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण संस्था के कार्यकारी बोर्ड में भी 1 जनवरी, 2022 से तीन साल के कार्यकाल के लिए अनुमोदन के द्वारा निर्वाचित किया गया. इस निकाय में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कैमरून, कोलंबिया, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, गांबिया, गुयाना, केन्या, मोनाको, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, थाइलैंड, तुर्कमेनिस्तान और यूक्रेन भी निर्वाचित हुए.

इसके अलावा भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड में भी निर्वाचित हुआ. 1 जनवरी, 2022 से उसका कार्यकाल शुरू होगा. इस बोर्ड में फ्रांस, घाना, कोरिया गणराज्य, रूस और स्वीडन को भी अनुमोदन द्वारा निर्वाचित किया गया.

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भारत का सबसे बड़ा प्रवाहमान सौर ऊर्जा संयंत्र रामगुंडम में स्‍थापित किया जायेगा

भारत का सबसे बड़ा प्रवाहमान (तैरता हुआ) सौर ऊर्जा संयंत्र (India’s biggest floating solar power plant) तेलंगाना के रामगुंडम में स्‍थापित किया जायेगा. इस संयंत्र की क्षमता 100 मेगावॉट होगी. इस परियोजना को रामगुंडम के ताप बिजली संयंत्र जलाशय में स्‍थापित किया जायेगा.

यह सौर परियोजना राष्‍ट्रीय ताप बिजली निगम (NTPC) द्वारा शुरू किया जायेगा. इसकी अनुमानित लागत 423 करोड़ रुपये है. इस संयंत्र में साढे चार लाख फोटोवोल्‍टिक पैनल होंगे जो जलाशय के 450 एकड़ के क्षेत्र में प्रवाहित रहेंगे.

NTPC ने अपनी कुल क्षमता का 30 प्रतिशत उत्‍पादन हरित ऊर्जा के लिए रखा है. प्रवाहमान सौर ऊर्जा परियोजना का उद्देश्‍य कार्बन उत्‍सर्जन को कम करना है.

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सेना ने अपने सैन्य फार्म को 1 अप्रैल 2021 से औपचारिक रूप से बंद किया

सेना ने अपने सैन्य फार्म (Military Farm) को 1 अप्रैल 2021 से औपचारिक रूप से बंद कर दिया है. ये सैन्य फार्म सैनिकों को गायों का स्वास्थ्यप्रद दूध उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए थे.

सैन्य फार्म: एक दृष्टि

  • सैन्य फार्म की स्थापना सेना की इकाइयों को दूध की आपूर्ति के लिए 132 साल पहले ब्रिटिश काल में की गई थी.
  • स्वतंत्रता के बाद पूरे भारत में 30 हजार मवेशियों के साथ 130 सैन्य फार्म बनाए गए थे. पहला सैन्य फार्म 1 फरवरी 1889 को इलाहाबाद में स्थापित किया गया था.
  • ये सैन्य फार्म लगभग 20 हजार एकड़ भूमि पर फैले थे और सेना इनके रखरखाव पर सालाना लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च करती थी.
  • रक्षा मंत्रालय ने अगस्त 2017 में कई सुधारों की घोषणा की थी कि जिनमें सैन्य फार्म को बंद करना भी शामिल था.
  • इन फार्म में रखे गए मवेशियों को सेना ने बहुत ही साधारण मूल्य में अन्य सरकारी विभागों या सहकारी डेयरियों को देने का फैसला किया है.
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दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक-2021 संसद से पारित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक-2021’ को 28 मार्च को मंजूरी दे दी. इस विधेयक को हाल ही में संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी दी गई थी. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लिया है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली एक विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश है. यह विधेयक विधानसभा और उप-राज्यपाल की कुछ शक्तियों और जिम्मेदारियों में संशोधन करता है. 1991 का मौजूदा अधिनियम पुलिस और भूमि को छोड़कर विधान सभा को हर मामले में कानून बनाने की अनुमति देता है.

विधेयक के प्रावधान

इस विधेयक में दिल्ली के उप-राज्यपाल के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. विधेयक के तहत दिल्ली सरकार को कोई भी नियम कानून या योजना लाने से पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होगी.

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स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिये प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में समिति का गठन

15 अगस्‍त 2022 को भारत के स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. इसके उपलक्ष्‍य में 75 सप्‍ताह पहले से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

सरकार ने स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय समिति गठित की है. समिति में 259 सदस्‍य हैं. इस समिति में कई केंद्रीय मंत्री, मुख्‍यमंत्री, राज्‍यपाल और प्रमुख राजनीतकि दलों के नेता तथा प्रधान न्‍यायाधीश शरद अरविंद बोबडे भी शामिल हैं.

यह समिति राष्‍ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्‍तर पर आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर विभिन्‍न कार्यक्रमों की तैयारी के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश देगी.

आजादी का अमृत महोत्‍सव

  • सरकार, राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस अवसर को आजादी का अमृत महोत्‍सव के रूप में मनाना चाहती है. अमृत महोत्‍सव के कार्यक्रम 12 मार्च 2021 से शुरू हो जायेंगे. 12 मार्च को राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के नेतृत्‍व में चलाए गए ऐतिहासिक नमक सत्‍यग्रह के 91 वर्ष पूरे हो रहे हैं.
  • अमृत महोत्‍सव के उपलक्ष्‍य में विभिन्‍न मंत्रालयों से आयोजित कार्यक्रमों के बारे में मार्गदर्शन के लिए राष्‍ट्रीय कार्यान्‍वयन समिति पहले ही गठित कर ली गई है.
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