प्रधानमंत्री ने देश भर में स्वामित्व योजना के तहत ई-प्रापर्टी कार्ड का वितरण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को देश में स्वामित्व योजना के अमल की शुरुआत की. उन्होंने इसकी शुरुआत ग्रामीण लोगों को ई-प्रापर्टी कार्ड का वितरण कर की. वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में चार लाख से अधिक लोगों को उनकी सम्पत्ति के ई-प्रापर्टी कार्ड दिए गये.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ‘स्वामित्व योजना’ की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने छह राज्‍यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में प्रायोगिक तौर पर ‘स्‍वामित्‍व योजना’ की शुरूआत की थी.

क्या है स्‍वामित्‍व योजना?

भारत की 60% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ज्यादातर लोगों के पास उनकी संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं. अंग्रेजों के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों का बंदोबस्त होता आया है. यही बंदोबस्त ग्राम विवाद का मुख्य कारण होता है. स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा. इसके बाद फिर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होगा.

स्‍वामित्‍व योजना के मुख्य बिंदु

  • इसके तहत देश के सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मानचित्रण किया जायेगा. इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र दिया जाएगा.
  • इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजन तथा राजस्‍व संग्रह को सुचारू बनाने और संपदा अधिकारों पर स्‍पष्‍टता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
  • संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र मिलने से शहरों की तरह गांवों में भी बैंकों से आसानी से ऋण लिए जा सकेगा. इसके लिए ग्रामीणों से न्यूनतम डॉक्युमेंट मांगे जाएंगे.

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी किये. ये पुरस्कार दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देखमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार जैसी विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत दिए गए. पुरस्कार के तहत दी जाने वाली पांच लाख से 50 लाख रुपए तक की राशि विजेता पंचायतों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सीधे अंतरित की गई.