प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरीका की चार दिन की यात्रा संपन्न की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 से 26 सितम्बर तक अमरीका की यात्रा पर हैं. वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने गये थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.

 अमरीका में वे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 सितम्बर को अमेरिका के राष्‍ट्रपति के साथ पहली आमने-सामने की बैठक की थी. इस बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड महामारी के खिलाफ संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव सहयोग का संकल्प लिया.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अमरीकी उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस के बीच बैठक हुई थी. दोनों नेताओं ने कोविड की स्थिति और इससे निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा की.

कई अमरीकी कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितम्बर को कई अमरीकी कंपनियों के प्रमुखों (CEO) से मुलाकात किया था. इन कंपनियों में क्‍यलकोम, एडोबी, फर्स्ट सोलर, ब्लैकस्टोन और जनरल एटॉमिक्स शामिल थे.

क्वाड शिखर सम्‍मेलन

प्रधानमंत्री ने वाशिंगटन डीसी में क्वाड शिखर सम्‍मेलन में भी हिस्सा लिया था. इस सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने हिस्सा लिया था.

सम्‍मेलन में कोविड के टीकों की सप्‍लाई, भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र को मुक्‍त और खुला रखने तथा एमर्जिंग टेक्‍नॉलोजीज और साइबर स्‍पेस में भागीदारी बनाने की योजनाएं आदि पर चर्चा हुई. क्वाड सम्मेलन में अपने संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय विश्व का कोई भी हिस्सा हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अधिक संवेदनशील नहीं है.

क्वाड क्या है? क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एक संगठन है जिसका उद्देश्‍य दुनिया में सप्‍लाई चेन को निर्बाध जारी रखना है और जो किसी एक ही एशियाई देश पर निर्भर ना रहें यह सुनिश्चित करता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वां सत्र

श्री मोदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र का 76वां महाधिवेशन 21 सितम्बर को न्यूयॉर्क में आरंभ हुआ था. अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन परम्परा के अनुसार अधिवेशन के पहले वक्ता थे.

2021 के संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र का विषय था ‘उम्मीद के माध्यम से लचीलापन बनाना – कोविड -19 से उबरना, स्थायी रूप से पुनर्निर्माण करना, ग्रह की जरूरतों का जवाब देना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना था.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र संगठन में सुधार, कोविड महामारी, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन की चुनौती जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बल दिया

द्विपक्षीय बैठकें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से अलग-अलग द्विपक्षीय बातचीत की थी. क्वाड नेताओं के शिखर सम्‍मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री सुगा योशीहिदे से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर चर्चा की.

ग्‍लोबल सिटीजन लाइव कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 25 सितम्बर को ग्‍लोबल सिटीजन लाइव कार्यक्रम को भी वर्चुअल माध्‍यम से सम्‍बोधित किया था. ग्‍लोबल सिटीजन अंतरराष्‍ट्रीय संगठन है जो अत्‍यधिक गरीबी को खत्‍म करने के लिए कार्य कर रहा है. इसके अन्‍तर्गत मुम्‍बई, न्‍यूयॉर्क, पेरिस, रियो डी जनेरो, सिडनी, लॉस एंजलिस, लागोस और सोल सहित प्रमुख शहरों में लाइव कार्यक्रम होंगे.

जलवायु और पर्यावरण पर सहयोग के लिए भारत और अमेरिका ने CAFMD संवाद शुरू किया

भारत और अमेरिका ने ‘क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग’ (Climate Action and Finance Mobilization Dialogue – CAFMD) शुरू किया है. इस संवाद की शुरुआत नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव और श्री जॉन केरी, जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत ने की. यह संवाद, जलवायु और पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

CAFMD संवाद भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत शुरू किया गया है. यह संवाद, पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्यों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन द्वारा की गई घोषणा की पृष्ठभूमि में शुरू की गई है.

भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच ‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता आयोजित की गयी

भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच 11 सितम्बर को नई दिल्‍ली में ‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता आयोजित की गयी थी. इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से वहाँ के विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.

बैठक में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में अफगानिस्‍तान, हिंद-प्रशांत महासागर में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और अन्‍य मुद्दों पर चर्चा हुई.

‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता: एक दृष्टि

‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता में दोनों देशों के दो-दो मंत्री (रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री) एक वार्ता बैठक में हिस्सा लेते हैं. जून 2020 में भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक बनाने के लिए दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच यह मंत्रिस्‍तरीय वार्ता आयोजित की जा रही है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑसइंडेक्स’

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच 6 से 10 सितम्बर तक द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑसइंडेक्स’ (AUSINDEX) आयोजित किया गया था. यह द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास में भारत के जहाज IN शिवालिक और कदमत शामिल हुए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से एंजेक क्लास फ्रिगेट HMAS वाररामुंगा ने हिस्सा लिया था. ऑस्ट्रेलिया के इस जहाज ने हाल ही में भारतीय नौसेना इकाइयों के साथ मालाबार अभ्यास में भाग लिया था.

‘ऑसइंडेक्स’ अभ्यास

ऑसइंडेक्स, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आयोजित होने वाला द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास है. इस अभ्यास की शुरुआत 2015 में हुई थी. ‘ऑसइंडेक्स’ का तीसरा संस्करण 2019 में बंगाल की खाड़ी में हुआ था, जिसमें पहली बार पनडुब्बी रोधी अभ्यास भी शामिल हुआ था.

यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं को अंतर-संचालन को और मजबूत करने, सर्वोत्तम प्रथाओं से लाभ उठाने और समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है. इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना भी है.

25वें संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार 2021’ का आयोजन गुआम द्वीप में किया गया

25वां संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार’ (Malabar Naval Exercise) 2021 का आयोजन 26 से 29 अगस्त तक किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, अमरीकी नौसेना, जापान का समुद्री आत्मरक्षा बल और ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नौसेना ने हिस्सा लिया था.

इस वर्ष मालाबार नौसैन्य अभ्यास का 25वां संस्करण था, जिसकी मेजबानी अमेरिकी नौसेना द्वारा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र स्थित गुआम द्वीप में किया गया.

मालाबार 2021: मुख्य बिंदु

इस अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व युद्धपोत-आईएनएस शिवालिक, आईएनएस कदमत और निगरानी लडाकू विमान पी-81 ने किया.

अमरीका की ओर से यूएसएस बैरी, यूएसएनएस रपानोक, यूएसएनएस बिगहोर्न और निगरानी रखने वाला लडाकू विमान पी-8ए समुद्री अभ्यास में शामिल हुआ.

जापान के समुद्री आत्मरक्षाबल का प्रतिनिधित्व जे एस कागा, मोरासा में और शिरानोई और निगरानी विमान पी-1 ने किया जबकि ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नेवी की ओर से एचएमएएस वारामुंगा ने इस समुद्री अभ्यास में भाग लिया.

मालाबार अभ्यास: एक दृष्टि

  • मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुआ था. 2015 में जापान इस अभ्यास का स्थायी भागीदार बना था.
  • 2007 के बाद चारों देशों की नौसेनाएं पहली बार किसी महा नौसैनिक अभ्यास में एक साथ हिस्सा ले रही हैं. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड गठबंधन के सदस्य देश हैं. इसका पूरा नाम क्वाड्रीलैटरल सिक्टोरिटी डायलॉग है. इसके सदस्य ‘स्वतंत्र, खुले और समृद्ध’ भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने और समर्थन करने के लिये साझा उद्देश्य वाले चार लोकतंत्र हैं.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य चारों देशों की नौसेनाओं के बीच परस्पर कार्यक्षमता को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा संचालनों के लिए प्रक्रियाओं की आम सूझ-बूझ को विकसित करना है.
  • इस अभ्यास का 24वां संस्करण नवंबर‚ 2020 में बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में किया गया था.

भारत की वित्तीय सहायता से तैयार होने वाली ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ समझौता

भारत के वित्तीय मदद से मालदीव में ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ का विकास किया जायेगा. इस परियोजना के लिए 27 अगस्त को मालदीव के राष्ट्रीय योजना, आवास और बुनियादी ढांचा मंत्रालय और भारतीय कंपनी एफकॉन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

क्या है ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’?

ग्रेटर माले संपर्क परियोजना मालदीव की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना है. भारत इसे वित्त पोषित कर रहा है. इसके लिए 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद और 40 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी जाएगी. योजना के तहत माले में 6.74 किमी लंबा पुल और सेतु लिंक तैयार किया जाएगा और यह परियोजना राजधानी माले को नजदीकी द्वीपों विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी से जुड़ेगी.

भारत और वियतनाम की नौसेना के बीच द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया

भारतीय नौसेना और वियतनाम की पीपुल्स नौसेना के बीच 18 अगस्त को द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था. इसका आयोजन दक्षिण चीन सागर में किया गया था.

इस अभ्यास में INS रणविजय और INS कोरा जबकि वियतनाम पीपुल्स नौसेना (VPN) के VPNS ली थाई तो (HQ-012) युद्ध-पोत ने हिस्सा लिया था.

इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के मजबूत रिश्तों को दृढ़ता के साथ आगे ले जाना था. यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने नौसैन्य संबंध पर एक संयुक्त दिशा निर्देश पर हस्ताक्षर किए

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने आपसी नौसैन्य संबंध पर 18 अगस्त को एक संयुक्त दिशा-निर्देश (Joint Guidance for the Australia- India Navy to Navy Relationship) पर हस्ताक्षर किए. इस दस्तावेज़ पर भारतीय नौसेना के नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना प्रमुख, वाइस एडमिरल माइकल जे नूनन ने हस्ताक्षर किए.

  • यह दस्तावेज़ दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) 2020 के अनुरूप है. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के लिए साझा दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस साझेदारी पर सहमति व्यक्त की थी.
  • यह मुख्य रूप से हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS), हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), पश्चिमी प्रशांत नौसेना संगोष्ठी (WPNS) और विशेषज्ञ कार्य समूहों जैसे क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों में घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डालता है.
  • यह हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करने में मदद करेगा.

भारत और सऊदी अरब के बीच संयुक्त नौसैन्य अभ्यास ‘अल-मोहद अल-हिंदी’ आयोजित किया गया

भारत और सऊदी अरब के बीच 11-13 अगस्त को एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास‘अल-मोहद अल-हिंदी’ (Al-Mohed Al-Hindi) 2021  आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल सऊदी नेवल फोर्स ने हिस्सा लिया था. यह अभ्यास सऊदी अरब के अल-जुबैल तट पर आयोजित किया गया था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना ने स्वदेश निर्मित स्टील्थ विध्वंसक कोच्चि और दो अभिन्न सी-किंग हेलीकॉप्टरों के साथ इस अभ्यास में भाग लिया. दोनों नौसेनाओं के बीच तालमेल और अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था.

भारत और UAE के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘जायेद तलवार 2021’ आयोजित किया गया

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच 7 अगस्त को द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘जायेद तलवार (Zayed Talwar) 2021’ आयोजित किया गया गया था. इस अभ्यास का आयोजन फारस की खाड़ी में आबूधाबी के तट पर किया गया था.

इस अभ्यास में INS कोच्चि के साथ दो सी-किंग MK 42-B हैलीकॉप्टर भी इस अभ्यास के लिए फारस की खाड़ी में तैनात किए गए थे. संयुक्त अरब अमीरात की ओर से प्रक्षेपास्त्र युक्त UAE AL दफरा-बेनुनाह और एक AS-565-B पेंथर हैलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच लक्ष्य साधने, बचाव और राहत अभियान चलाने तथा आपसी सहयोग पर बल दिया गया. पूरे अभ्यास के दौरान हैलीकॉप्टरों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया.

भारत और रूस के नौसेना के बीच समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया

भारत और रूस के नौसेना के बीच 28  से 29  जुलाई तक समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन बाल्टिक सागर में किया गया था. यह INDRA NAVY का 12वां संस्करण था.

इस युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा के लिए आपसी समझ को विकसित करना था.

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ भारत और रूस के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है. यह अभ्यास “INDRA NAVY” दोनों नौसेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंध का प्रतीक है.

इंद्र नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. भारतीय वायु सेना ने 2014 में रूसी वायु सेना के साथ अभ्यास ‘एविया इंद्र’ में भाग लिया था. 2017 में पहली बार त्रि-सेवा अभ्यास का आयोजन किया गया था.

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 27-28 जुलाई को भारत यात्रा पर आये थे. विदेश मंत्री का पद सम्‍भालने के बाद श्री ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा थी. यात्रा के दौरान परस्‍पर हित के विभिन्‍न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.

एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा: मुख्य बिंदु

  • अमरीका के विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. श्री मोदी ने चार देशों के समूह-क्वाड को मजबूत करने, कोविड महामारी से निपटने और जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सराहना की.
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्री एंटनी के साथ बैठक की. बैठक दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि तथा अफगानिस्‍तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए प्रयास करने, क्‍वाड्रिलेटरल सिक्‍योरिटी डायलॉग – क्‍वाड को प्रगाढ करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर बल दिया.
  • अमरीका ने भारत के कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ढाई करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की.