डेली कर्रेंट अफेयर्स
परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने 4 अप्रैल को अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण भारतीय सेना की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड ने डीआरडीओ के साथ मिलकर ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप दे किया था. इससे पहले 7 जून 2023 को भी डीआरडीओ ने अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था.
अग्नि प्राइम: मुख्य बिन्दु
- अग्नि प्राइम मिसाइल को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत देश ही में विकसित किया गया है. इस प्रोग्राम के तहत पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग और आकाश जैसी मिसाइलें विकसित की गई हैं.
- अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल एक मध्यम दूरी की मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 1200-2000 किलोमीटर के बीच है. यह मिसाइल अपनी सटीकता के लिए जानी जाती है.
- यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल पर 1500 से 3000 किलो तक वॉरहेड ले जाए जा सकते हैं.
- इस मिसाइल में सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है. अग्नि प्राइम टू स्टेज मिसाइल है. यह पिछले अग्नि के वर्जन से हल्की है.
- इस मिसाइल का वजन करीब 11 हजार किलोग्राम है. अग्नि मिसाइल सीरीज की यह सबसे नई और छठी मिसाइल है. इस मिसाइल को जल्द ही भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा.
- अग्नि 1 का परीक्षण साल 1989 में किया गया था. साल 2004 में जिस अग्नि मिसाइल को सेना में शामिल किया गया था उसकी मारक रेंज 700-900 किलोमीटर थी.
यूक्रेन की रक्षा के लिए 100 अरब यूरो के सहायता कोष स्थापित करने का नाटो का प्रस्ताव
यूक्रेन की रक्षा के लिए नाटो (NATO) 100 अरब यूरो (107 अरब डॉलर) के सहायता कोष स्थापित करने का प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.
मुख्य बिन्दु
- नाटो के विदेश मंत्रियों की 3 अप्रैल को बैठक हुई जिसमें यूक्रेन को दीर्घकालिक स्तर पर सैन्य समर्थन दिए जाने को लेकर चर्चा हुई.
- बैठक में नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने यूक्रेन के लिए पांच वर्षों में 100 बिलियन यूरो (107 बिलियन डॉलर) के फंड का प्रस्ताव पर विचार हुआ.
- इस प्रस्ताव से यूक्रेन को हथियारों, गोला-बारूद और उपकरणों की आपूर्ति में मदद मिलेगी क्योंकि यह रूस के आक्रमण से लड़ रहा है.
- रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण नाटो ने यूक्रेन के लिए अब तक गैर-घातक सहायता तक ही ध्यान केंद्रित रखा है.
रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में शामिल हुए, जानिए क्या है शेंगेन क्षेत्र
बुल्गारिया और रोमानिया शेंगेन (Schengen ) सदस्य बन गए हैं. यूरोपीय आयोग के अनुसार, दोनों देश 31 मार्च 2024 को आंशिक रूप से शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) में शामिल हो गए. यह दोनों देशों के यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है.
मुख्य बिन्दु
- शेंगेन नियम दोनों सदस्य देशों में लागू होंगे, जिसमें शेंगेन वीजा जारी करना भी शामिल है और आंतरिक वायु और समुद्री सीमाओं पर नियंत्रण हटा दिया जाएगा. इन दो सदस्य देशों का शेंगेन में शामिल होने से इस क्षेत्र का विस्तार हुआ है.
- इसके साथ ही यात्रियों को उनके और दर्जनों अन्य यूरोपीय देशों के बीच स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति मिल गई. हालांकि ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण भूमि सीमा पर जांच जारी रहेगी. प्रतिदिन लगभग 3.5 मिलियन लोग शेंगेन क्षेत्र की आंतरिक सीमा पार करते हैं.
- यूरोपीय आयोग ने एक दशक से भी ज़्यादा समय से कहा है कि रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में पूर्ण प्रवेश के लिए तकनीकी मानदंडों को पूरा करते हैं. पूर्ण प्रवेश के लिए सभी सदस्य देशों से सर्वसम्मति से समर्थन की आवश्यकता होती है.
- बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया हवाई अड्डा शेंगेन उड़ानों के लिए सबसे बड़े केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सभी उड़ानों का 70% हिस्सा है. आसान नियमों से दोनों देशों के पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
- रोमानिया दक्षिण-पूर्वी यूरोप में है. इसकी राजधानी बुखारेस्ट है. यह देश कार्पेथियन पर्वत, डेन्यूब नदी और काला सागर तट का घर है. रोमानिया की आबादी लगभग 19 मिलियन है और यह यूरोपीय संघ का सदस्य है. आधिकारिक भाषा रोमानियाई है.
- बुल्गारिया यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में स्थित है, जिसकी सीमा उत्तर में रोमानिया और दक्षिण में तुर्की से लगती है. इसकी राजधानी सोफिया है. बुल्गारिया की आबादी लगभग 7 मिलियन है और यह काला सागर तट के किनारे ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है.
शेंगेन क्षेत्र क्या है?
- शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) यूरोप के 27 देशों का एक समूह है. इस क्षेत्र में शामिल देशों के बीच सीमा नियंत्रण खत्म कर दिया गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा मुफ़्त यात्रा क्षेत्र है.
- शेंगेन क्षेत्र के देशों की बीच, वीज़ा नीति, शरण नीति, और अपने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच सहयोग के लिए समझौते हैं.
- शेंगेन क्षेत्र की शुरुआत 1985 में पांच यूरोपीय संघ देशों – फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग – के बीच एक अंतर सरकारी परियोजना के रूप में हुई थी. धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ.
- शेंगेन क्षेत्र के देशों के बीच आम तौर पर कोई पासपोर्ट नियंत्रण नहीं होता. अगर किसी के पास इनमें से किसी एक देश का वैध वीज़ा है, तो वह अन्य शेंगेन देशों की भी यात्रा कर सकता है.
- शेंगेन क्षेत्र में शामिल देश: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, चेकिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, और स्विट्जरलैंड.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 जारी की
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने मानव विकास संस्थान द्वारा (IHD) के साथ मिलकर भारत रोजगार रिपोर्ट (India Employment Report) 2024 जारी की है.
भारत रोजगार रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु
- ILO की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बेरोजगार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या भी 2000 के मुकाबले दोगुनी हुई है.
- 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2% थी. 2022 में ये बढ़कर 65.7% हो गई है. इसमें उन्हें पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने कम से कम 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है.
- रिपोर्ट के अनुसार देश में लोगों का वेतन ज्यादातर एक जैसा रहा है, या ये घटा है. रिपोर्ट में भारत के युवाओं में बुनियादी डिजिटल लिटरेसी की कमी के बारे में बताया गया है. इस वजह से उनकी रोजगार की क्षमता में रुकावट आ रही है.
- भारत की महिला श्रमबल भागीदारी दर 2022 में 32.8% के साथ दुनिया में सबसे कम बनी हुई है, जो पुरुषों की तुलना में 2.3 गुना कम है
दुनिया का सबसे शक्तिशाली लेजर रोमानिया में विकसित किया गया
रोमानिया में दुनिया का सबसे शक्तिशाली लेजर विकसित किया गया है. यह लेजर सूर्य से अरबों गुना तेज और चमकीली किरण पैदा करने में सक्षम होगी. इसे रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में एक अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया गया है. यह यूरोपियन यूनियन इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सट्रीम लाइट इंफ्रास्ट्रक्चर (ELI) परियोजना का हिस्सा है.
मुख्य बिन्दु
- इस लेजर तकनीक को चिरप्ड पल्स एम्प्लीफिकेशन (CPA) तकनीक के रूप में जाना जाता है. यह नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांस के जेरार्ड मौरौ (Gérard Mourou) और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड (Donna Strickland) के आविष्कारों पर आधारित है.
- चिरप्ड पल्स एम्प्लीफिकेशन के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए जेरार्ड मौरौ और डोना स्ट्रिकलैंड को 2018 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- रोमानिया में विकसित अति-शक्तिशाली लेजर में विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने और महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने की क्षमता है.
शक्तिशाली लेजर के कुछ संभावित अनुप्रयोग
- परमाणु अपशिष्ट उपचार: लेजर का उपयोग परमाणु कचरे की रेडियोधर्मिता अवधि को कम करने के लिए किया जा सकता है, जिससे इसका निपटान सुरक्षित और अधिक प्रबंधनीय हो जाता है.
- अंतरिक्ष मलबा हटाना: अंतरिक्ष में जमा हो रहे मलबे की बढ़ती मात्रा के साथ, उपग्रहों और अंतरिक्ष यान के साथ टकराव के जोखिम को कम करते हुए, कक्षीय वातावरण को साफ करने के लिए लेजर तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.
- चिकित्सा प्रगति: लेज़र की सटीक और शक्तिशाली प्रकृति लक्षित कैंसर उपचारों और उन्नत शल्य चिकित्सा तकनीकों जैसे चिकित्सा उपचारों में सफलता दिला सकती है.
- कैंसर थेरेपी: यह कैंसर थेरेपी के फील्ड में भी उपयोगी साबित हो सकती है. इसका उपयोग कैंसर के रेडियोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए एक नई कण त्वरण विधि (Particle acceleration method) की स्टडी करने के लिए भी किया जा सकता है.
- रिन्यूएबल एनर्जी: यह न्यूक्लियर फ्यूजन, रिन्यूएबल एनर्जी और बैटरी के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देगा. इनके अलावा इसके और भी कई अनोखे फायदे होंगे.
केंद्रीय जल आयोग रिपोर्ट: देश में सूख रहीं नदियां, 13 में नहीं बचा पानी
केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने देश में सूख रहीं नदियों को लेकर हाल ही में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार भारत की नदियां लगातार सूख रही हैं.
CWC के आँकड़े: मुख्य बिन्दु
- महानदी और पेन्नार के बीच पूर्व की ओर बहने वाली 13 नदियों में इस समय पानी नहीं है. इनमें रुशिकुल्या, बाहुदा, वंशधारा, नागावली, सारदा, वराह, तांडव, एलुरु, गुंडलकम्मा, तम्मिलेरु, मुसी, पलेरु और मुनेरु शामिल हैं.
- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा राज्यों के 86,643 वर्ग किमी क्षेत्र से बहती हुईं नदियां सीधे बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं. इस बेसिन में कृषि भूमि कुल क्षेत्रफल का लगभग 60 फीसदी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्मी के कारण पहले ही यह स्थिति चिंताजनक है.
- देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जल भंडारण क्षमता 36 फीसदी तक गिर चुकी है. छह जलाशयों में कोई जल भंडारण दर्ज नहीं किया गया है. वहीं, 86 जलाशय ऐसे हैं जिनमें भंडारण या तो 40 प्रतिशत या उससे कम है. इनमें से ज्यादातर दक्षिणी राज्यों, महाराष्ट्र और गुजरात में हैं.
- 11 राज्यों के लगभग 2,86,000 गांव गंगा बेसिन पर स्थित हैं, जहां पानी की उपलब्धता धीरे-धीरे घट रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह चिंता की बात है, क्योंकि यहां कृषि भूमि कुल बेसिन क्षेत्र का 65.57 फीसदी है.
- नर्मदा, तापी, गोदावरी, महानदी और साबरमती नदी घाटियों में उनकी क्षमता के सापेक्ष क्रमशः 46.2 फीसदी, 56, 34.76, 49.53 और 39.54 फीसदी भंडारण रिकॉर्ड किया गया.
- कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्य वर्षा की कमी के कारण सूखे से जूझ रहे हैं, जिससे देश के प्रमुख जलाशय सूख गए हैं. चिंताजनक बात यह है कि इसमें से 7.8% क्षेत्र अत्यधिक सूखे की स्थिति में है.
5 अप्रैल: राष्ट्रीय समुद्री दिवस
प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को देशभर में ‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ (National Maritime Day) मनाया जाता है. इस वर्ष (5 अप्रैल 2024 को) राष्ट्रीय समुद्री दिवस का 61वां संस्करण मनाया गया.
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी उद्योग की गतिविधियों और देश की अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका से अवगत कराना है.
5 अप्रैल, 1919 को पहला भारतीय जहाज मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर निकला था. सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड का पहला स्टीम शिप ‘एसएस लॉयल्टी’ (SS Loyalty) मुंबई से लंदन की पहली समुद्री यात्रा पर रवाना हुआ था. इसकी याद में 1964 से हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाने लगा.
4 अप्रैल: अन्तर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस
प्रत्येक वर्ष 4 अप्रैल को पूरे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस’ (International Day for mine Awareness and Assistance in Mine Action- IMAD) मनाया जाता है. यह दिवस बारूदी सुरंगों (landmines) की वजह से पैदा हुए खतरे से सुरक्षा प्रदान करने, स्वास्थ्य और जीवन से सम्बंधित परेशानियों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
IMAD का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस’ को प्रत्येक वर्ष एक दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा वर्ष 2005 में की थी. इस दिवस को पहली बार 4 अप्रैल 2006 को मनाया गया था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
कजाख्स्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के सुरक्षा सम्मेलन
कजाख्स्तान के अस्ताना में 3 मार्च को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन में भारत का प्रतिनधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने किया. श्री डोभाल ने एससीओ क्षेत्र में विभिन्न आतंकी संगठनों के निरंतर खतरे का मुद्दा उठाया. उन्होंने 22 मार्च को मास्को के क्रोकस सिटी हॉल में बर्बर आतंकी हमले की भी कडी निंदा की.
निर्वाचन आयोग ने मिथ वर्सेस रियलिटी प्लेटफार्म की शुरूआत की
निर्वाचन आयोग ने चुनाव में भ्रामक सूचनाओं के प्रसार से निपटने के लिए ‘मिथ वर्सेस रियलिटी’ के नाम से एक प्लेटफार्म की शुरूआत की है. इसे निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
इस्राइली हमले में सात मानवीय सहायता कर्मियों की मौत
गजा में इस्राइली हमले में सात मानवीय सहायता कर्मियों की मौत हो गई है. अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसकी कड़ी निन्दा की है. 2 मार्च को हमले में ब्रिटेन, अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के नागरिकों के मारे जाने के बाद इस्राइल ने स्वतंत्र जांच कराए जाने का वायदा किया है.
ताइवान के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्रों में तेज भूकंप
ताइवान के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्रों में 3 मार्च को तेज भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.4 मापी गयी. भूकंप का केंद्र प्रशांत महासागर में हुवालिएन काउंटी से 25 किलोमीटर दक्षिणपूर्व लगभग 16 किलोमीटर गहराई पर था. भूकंप के झटकों के कारण दक्षिणी जापान में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. जापान के योनागुनी द्वीप पर 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी दर्ज की गई.
जुलाई और दिसंबर 2023 के बीच UPI लेनदेन में 56% की वृद्धि
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लेनदेन में जुलाई और दिसंबर 2023 के बीच 56% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2022 के उत्तरार्ध में लेनदेन की मात्रा 42.1 बिलियन से बढ़कर 65.7 बिलियन हो गई है.
भारत का बाजार पूंजीकरण 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगा
वित्तीय समूह पैंटोमैथ ग्रुप द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट ‘Recap 2024. Crystal Gaze 2025’ के अनुसार, भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना है. वर्तमान में भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 4.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया में पाँचवाँ सबसे बड़ा है. अमेरिका: $44.7, चीन: 9.8, जापान: 6, हांगकांग: 4.8 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत से आगे हैं.