सतह-से-हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
भारत ने हाल ही में नई पीडी की Akash-NG मिसाइल (प्रक्षेपास्त्र) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण चांदीपुर परीक्षण परिसर LC-3 से किया गया था.
आकाश मिसाइल: एक दृष्टि
- आकाश, स्वदेश में निर्मित मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसे को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है. यह भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के साथ परिचालन सेवा में है.
- इसको एंटी मिसाइल के तौर पर भी उपयोग में लाया जा सकता है. इसमें लड़ाकू जेट विमान क्रूज़ मिसाइलों और हवा-से-सतह वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता है.
- आकाश 30 किलोमीटर की एक अवरोधक सीमा के साथ सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसका वजन 720 किलोग्राम व्यास 35 सेंटीमीटर और लंबाई 5.78 मीटर है.
- आकाश सुपर सोनिक गति पर 2.5 मैक के आसपास पहुंचती है यह 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती है. इस मिसाइल को चरण बद्घ सारिणी फायर कंट्रोल रडार द्वारा निर्देशित किया जाता है, जिसे राजेंद्र कहा जाता है. यह बैटरी स्तर रडार (BLR) के रूप में लगभग 7 किलोमीटर तक के टारगेट की ट्रैकिंग कर सकता है.
- आकाश मिसाइल का पहला परीक्षण 1990 में किया गया था. पिछले दिनों आकाश मिसाइल की खरीद में दक्षिण एशिया के नौ देशों एवं अफ्रीकी मित्र देशों ने रुचि दिखाई.