प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ का अनावरण किया. इसे आठ अलग-अलग चरणों बनाया गया है. इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है.

मुख्य बिन्दु

  • देश की नई संसद का निर्माण टाटा द्वारा किया जा रहा है. इस बार का शीतकालीन सत्र नई संसद में संचालित करने की योजना है. यानी दिसंबर 2022 से पहले नई संसद भवन का निर्माण अपेक्षित है.
  • शौर्य और साहस का यह प्रतीक चिह्न कांसे से बना है. इसका कुल वजन 9,500 किलोग्राम है. इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है.
  • राष्ट्रीय प्रतीक को सपोर्ट करने के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजनी स्टील की एक सहायक संरचना का निर्माण किया गया है.

भारत का राष्ट्रीय चिह्न: एक दृष्टि

  • भारत का राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ को 26 जनवरी 1950 को संविधान को अंगीकृत करते समय स्वीकृत किया गया था. यह मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा सारनाथ में बनवाये गए स्तंभ से लिया गया है.
  • इस स्तंभ के शिखर पर चार शेर खड़े हैं, जिनके मुंह चारों दिशाओं में हैं और उनका पिछला हिस्सा खंभों से जुड़ा हुआ है. संरचना के सामने इसमें धर्म चक्र (कानून का पहिया) भी है, जो भारत के प्रतीक शक्ति, हिम्मत, गर्व, और विश्वास को प्रदर्शित करता है.