16वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

16वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन 8 मई को वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी थी. यह बैठक पुर्तगाल के पोरतो में यूरोपीय परिषद की शिखर बैठक के इतर आयोजित की गयी थी. बैठक में यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्‍य देशों के नेता, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन (जर्मनी) और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल (बेल्जियम) ने हिस्स्सा लिया.

इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया. प्रधानमंत्री मोदी को इस बैठक में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. बैठक का आयोजन पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्‍टा की पहल पर किया गया था. पुर्तगाल यूरोपीय संघ का वर्तमान अध्‍यक्ष देश है.

16वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन: मुख्य बिंदु

  • पहली बार प्रधानमंत्री ने यूरोपीय संघ+27 के प्रारूप में नेताओं के साथ बैठक की. बैठक के दौरान नेताओं ने लोकतांत्रिक, मौलिक स्वतंत्रता, कानून सम्मत नियम और बहुपक्षवाद पर आधारित भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
  • प्रतिभागियों ने विदेश नीति और सुरक्षा, कोविड-19, जलवायु और पर्यावरण तथा व्यापार संपर्क और प्रौद्योगिकी विषयों पर विचार-विमर्श किया.
  • भारत और यूरोपीय संघ ने ‘संतुलित और व्यापक मुक्त व्यापार’ (FTA) तथा ‘निवेश समझौतो’ पर आठ वर्ष बाद बातचीत फिर शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया. इन दोनों समझौतों को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिये जाने के लिए बातचीत जारी रखी जाएगी.
  • नेताओं ने 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान तय किये गये ‘भारत यूरोपीय संघ कार्ययोजना 2025’ को जल्‍दी लागू करने पर सहमति व्‍यक्त की.
  • बैठक में शामिल नेताओं ने महत्वाकांक्षी और व्यापक ‘संपर्क साझेदारी’ का शुभारंभ किया जिससे डिजिटल, ऊर्जा, परिवहन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. यह साझेदारी सामाजिक, आर्थिक, वित्तीय और पर्यावरणीय सुरक्षा तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रतिबद्धताओँ के सम्मान पर आधारित है. इससे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र सहित विकासशील देशों में संपर्क पहल तेज करने में मदद मिलेगी.
  • इस दौरान भारत के वित्त-मंत्रालय और यूरोपियन निवेश बैंक द्वारा पुणे मेट्रो रेल परियोजना के लिए 15 करोड़ यूरो के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये.

भारत-यूरोपीय संघ व्यापर

यूरोपीय संघ, भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समूह है. यह 2018 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा है. यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2018-19 में 115.6 अरब डालर था. जिसमें निर्यात 57.17 अरब डॉलर और आयात 58.42 अरब डॉलर रहा.