WMO ने ‘वार्षिक वैश्विक जलवायु स्थिति 2020’ रिपोर्ट जारी की

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) ने हाल ही में ‘वार्षिक वैश्विक जलवायु स्थिति 2020’ (State of the Global Climate 2020) रिपोर्ट जारी की थी.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 ला-नीना (La Niña) की स्थिति के बावजूद अब तक के तीन सबसे गर्म वर्षों में से एक था.
  • जनवरी-अक्तूबर 2020 की अवधि में वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर (1850-1900) से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
  • वर्ष 2016 और वर्ष 2019 अन्य दो सबसे गर्म वर्ष थे. वर्ष 2015 के बाद के छः वर्ष सबसे गर्म रहे हैं. वर्ष 2011-2020 सबसे गर्म दशक था.
  • वर्ष 2019-2020 में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ा है. यह उत्सर्जन वर्ष 2021 में और अधिक हो जाएगा. कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की सघनता का औसत पहले ही 410 ppm (Parts Per Million) से अधिक हो चुका है, और वर्ष 2021 में 414 ppm तक पहुँच सकता है.
  • महासागरों में वर्ष 2020 में सबसे अधिक समुद्री हीट वेव (Marine Heat Wave) दर्ज की गई. वर्ष 2020 में लगभग 80 प्रतिशत महासागरीय सतह पर कम-से-कम एक बार समुद्री हीट वेव दर्ज की गई. समुद्री हीट वेव के दौरान समुद्र के पानी का तापमान लगातार कम से कम 5 दिनों तक सामान्य से अधिक बना रहता है.
  • समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है. यह घटना ला-नीना प्रेरित शीतलन के बावजूद हो रही है. समुद्र का जलस्तर ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ की चादरों के पिघलने से उच्च दर से बढ़ रहा है.
  • आर्कटिक समुद्री बर्फ की सीमा वर्ष 2020 में दूसरे निम्नतम स्तर पर आ गई. आर्कटिक समुद्री बर्फ की न्यूनतम सीमा वर्ष 2020 में 3.74 मिलियन वर्ग किलोमीटर थी.

भारत के सन्दर्भ में

  • भारत, 1994 से मानसून में परिवर्तन का अनुभव कर रहा है, जिससे यहाँ गंभीर बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति देखी गई है.
  • मई 2020 में कोलकाता के तट से टकराने वाला चक्रवात ‘अम्फन’ (Amphan) को उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र का सबसे महँगा उष्णकटिबंधीय चक्रवात था. इस चक्रवात से लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन: एक दृष्टि

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) एक अंतर सरकारी संगठन है. इसकी स्थापना 23 मार्च 1950 को हुई थी. भारत सहित 192 देश इस संगठन के सदस्य देश हैं. यह संगठन मौसम विज्ञान, जल विज्ञान तथा संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान के लिये संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की विशेष एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है.