ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2020: covid-19 और जलवायु संकट एक चिंताजनक मुद्दा

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने 22 जनवरी को ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट (The Global Risks Report) 2020 जारी की. यह रिपोर्ट को WEF के 650 से अधिक सदस्यों द्वारा किए गए वैश्विक जोखिम धारणा सर्वेक्षण (GRPS) पर आधारित है.

ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2021 के मुख्य बिंदु

  • ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट के अनुसार, अगले 5-10 सालों में भू-राजनीतिक स्थिरता गंभीर रूप से कमजोर हो जाएगी. यदि इस रिपोर्ट की भविष्यवाणी सच साबित होती हैं तो पूरी दुनिया को अरबों रुपयों का नुकसान होगा. इसका मतलब है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बार फिर से खतरे में पड़ जाएगी.
  • इसके अलावा आने वाले समय में वैश्विक महामारी, आर्थिक मंदी, राजनीतिक उथल-पुथल और जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए समस्या बन सकते हैं.
  • जलवायु से संबंधित मामलों को मानवता के लिए संभावित खतरा माना जाता है. 2020 में लॉकडाउन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और यात्रा पर प्रतिबंध की वजह से बेशक कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आई है लेकिन इसके बावजूद जलवायु संकट एक चिंताजनक मुद्दा है.
  • जैसे ही कोरोना के बाद जिंदगी और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी तब कार्बन उत्सर्जन एक बार फिर से बढ़ने लगेगा. इससे जलवायु संकट गहराता चला जाएगा. जलवायु संकट से इतर जंगल में लगने वाली आग, संक्रामक रोग आदि का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है.

विश्व आर्थिक मंच

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है. इसका मुख्यालय जिनेवा में है. इसका मंच का उद्देश्य, विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है. इस मंच की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी.