राजस्‍थान में उप-मुख्यमंत्री सहित तीन मंत्रीयों को राज्‍य मंत्रिमंडल से निष्कासित किया गया

राजस्‍थान में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल से तीन मंत्रीयों निष्कासित कर दिया. निष्कासित किये गये मंत्रीयों में उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्‍वेन्‍द्र सिहं शामिल हैं. राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने मुख्‍यमंत्री गहलोत के प्रस्‍ताव पर तीनों मंत्रीयों के निष्कासन की मंजूरी 14 जुलाई को दी.

सचिन पॉयलट को उप मुख्‍यमंत्री के पद से तथा विश्‍वेन्‍द्र सिंह को पर्यटन मंत्री और रमेश मीणा को खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के पद से हटाया गया है. मुख्‍यमंत्री गहलोत ने उनकी सरकार को अस्थिर करने के आरोप के कारण इन मंत्रीयों निष्कासित किया है.

उप-मुख्यमंत्री का पद: एक दृष्टि

  • भारतीय संविधान में उप-प्रधानमंत्री या उप-मुख्यमंत्री पद का कोई उल्लेखन नहीं है अर्थात यह पद संवैधानिक नहीं है. इस पद पर आसीन व्यक्ति को प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री की शक्तियां प्राप्त नहीं होतीं और न ही वह प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री अनुपस्थिति में प्रदेश की अगुवाई कर सकता है. उसे कोई अतिरिक्त वेतन, भत्ता देने का भी प्रावधन नहीं है.
  • पंडित नेहरू की सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले उप-प्रधानमंत्री थे. इसके बाद मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम भी उप-प्रधानमंत्री रहे. हालांकि देवीलाल पहले ऐसे नेता रहे, जिन्होंने 1989 में उप-प्रधानमंत्री की बकायदा शपथ ली थी.
  • एसएम कृष्णा देश का पहला उप-मुख्यमंत्री थे. कर्नाटक में 1994 में वह उप-मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद कर्नाटक में ही 2004 में सिद्धारमैया उप-मुख्यमंत्री बने थे.