प्रवासी वन्य जीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए 13वां अधिवेशन गांधीनगर में आयोजित किया जा रहा है

‘प्रवासी वन्य जीवों की प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन’ के लिए संयुक्त राष्ट्र का 13वां अधिवेशन (13th Conference of Parties of the Convention on Conservation of Migratory Species of Wild Animals- CMS COP-13) भारत की मेजबानी में 15 से 22 फरवरी तक गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी को वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिये इस अधिवेशन का उद्घाटन किया. केन्‍द्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी भी इस अवसर पर मौजूद थे.

CMS COP-13 में 15 देशों के मंत्री, 18 राज्यों के वन और पर्यावरण मंत्री समेत 130 देश शामिल होंगे. इसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों के अलावा वैज्ञानिकों की मौजूदगी भी देखने को मिलेगी. इस अधिवेशन के लिए ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोदावण) को शुभंकर बनाया गया है. यह दक्षिण भारत की पारम्परिक कला ‘कोलम’ से प्रेरित है. लोगो में, अमूर फाल्‍कन, हम्‍पबैक व्‍हेल और समुद्री कछुओं जैसी मुख्‍य प्रवासी प्रजातियों को दर्शाने के लिए कोलम कला का उपयोग किया गया है. COP-13 का विषय- ‘इस उपग्रह को जोड़ने वाली प्रवासी प्रजातियों का स्‍वागत है’ है.

इस सम्मेलन के दौरान 16 फरवरी को केन्‍द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नॉर्वे के पर्यावरण मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की. बैठक में दोनों देशों ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विशेषकर समुद्री प्रदूषण के क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया.

भारत अगले तीन वर्ष के लिए इस अधिवेशन का अध्यक्ष

भारत मेजबान के नाते अगले तीन वर्ष के लिए COP का अध्यक्ष नामित किया गया है. भारत ने प्रवासी जंगली पशुओं के संरक्षण की संधि पर 1983 में हस्ताक्षर किये थे.

CMS COP-13 में चर्चा का मुख्य विषय

CMS COP-13 का थीम: Migratory species Connect the Planet and we welcome them है. जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याओं समेत विज्ञान के उन नए तरीकों पर भी इस अधिवेशन में चर्चा होगी, जिसके जरिए वन्यजीवों के संवर्धन और संरक्षण को और बेहतर किया जा सके.

एशियाई हाथी और गोडावण को विलुप्त होती प्रवासी प्रजातियों की संरक्षण सूची में शामिल किया जायेगा

CMS COP-13 में एशियाई हाथी, गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) और बंगाल फ्लोरिकन को विलुप्त होती प्रवासी प्रजातियों की वैश्विक संरक्षण सूची में शामिल किया गया. इस प्रस्ताव को 130 देशों द्वारा स्वीकार किया गया.

CMS COP क्या है?

CMS COP, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme- UNEP) का हिस्सा है. UNEP संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण संबंधी गतिविधियों का नियंत्रण करता है. इसकी स्थापना जून 1972 में संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन के परिणामस्वरूप की गई थी. इसका मुख्यालय नैरोबी में स्थित है.