उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने 19 मार्च को राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ ली. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने उन्हें शपथ दिलाई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित किया था. उन्होंने 3 अक्तूबर 2018 से 15 नवंबर 2019 तक देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में सेवा दी थी.
ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति ने किसी पूर्व प्रधान न्यायाधीश को राज्यसभा के लिए मनोनित किया हो. इससे पहले पूर्व प्रधान न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह और रंगनाथ मिश्रा भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं, लेकिन ये राज्यसभा चुनाव द्वारा चुने गये थे.
केंद्र सरकार ने गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया था और गृह मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की थी. जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (a) और इसी अनुच्छेद के खंड (3) के तहत राष्ट्रपति ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित किया था. राष्ट्रपति ने राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों में से एक के कार्यकाल पूरा होने की वजह से रिक्त हुई सीट पर रंजन गोगोई का मनोयन किया है. यह सीट केटीएस तुलसी के कार्यकाल पूरा होने की वजह से रिक्त हुई थी.
राज्यसभा: एक दृष्टि
राज्यसभा भारतीय संसद का उच्च सदन जबकि लोकसभा निम्न सदन है. राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है. जिनमें 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. अन्य सदस्यों का चुनाव होता है.
राज्यसभा के सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमें एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं. भारत के उप-राष्ट्रपति (वर्तमान में वैकेया नायडू) राज्यसभा के सभापति होते हैं. राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था.
संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है. जिनमें 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं. राज्यसभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है.
राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है.
संविधान के अनुच्छेद 84 के अनुसार राज्यसभा का सदस्य चुने जाने वाले उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसे कम से कम 30 वर्ष की आयु का होना चाहिए.
रंजन गोगोई: मुख्य बिंदु
रंजन गोगोई पूर्वोत्तर (असम) के पहले व्यक्ति बने जिन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे.
गोगोई सुप्रीम कोर्ट की उस पांच सदस्यीय पीठ के अध्यक्ष थे जिसने नौ नंवबर 2019 को संवेदनशील अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था. यह इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई रही थी.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उन पीठों की भी अध्यक्षता की थी जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे जैसे मसलों पर फैसले सुनाए थे.
गोगोई सुप्रीम कोर्ट के 25 न्यायाधीशों में से उन 11 न्यायाधीशों में शामिल रहे जिन्होंने अदालत की वेबसाइट पर अपनी संपत्ति का विवरण दिया था.
जस्टिस गोगोई का 16 दिसंबर 2015 को दिया गया एक आदेश उन्हें इतिहास में खास मुकाम पर दर्ज कराता है.
देश में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के जरिए किसी राज्य का लोकायुक्त नियुक्त किया था.
जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस वीरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त करने का आदेश जारी किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-19 23:23:362020-03-20 21:19:46पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ ली
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 18 नवम्बर को शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद श्री बोबड़े भारत के मुख्य न्यायाधीश बने हैं. न्यायमूर्ति बोबड़े का कार्यकाल 23 अप्रैल, 2021 तक होगा.
न्यायमूर्ति बोबड़े 12 अप्रैल, 2013 में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किये गये थे. वे ऐतिहासिक अयोध्या फैसला सुनाने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में शामिल थे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे के मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने को 29 अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी. प्रक्रिया के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायधीश अगले मुख्य न्यायधीश के नाम की अनुशंसा विधि मंत्री को भेजते हैं. विधि मंत्री इस नाम को मंत्रीपरिषद् के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और मंत्रीपरिषद् की सहमति से राष्ट्रपति मंजूरी प्रदान करते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-18 16:30:152019-11-18 16:37:29भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शरद अरविंद बोबडे ने शपथ ली
सुप्रीम कोर्ट ने शबरिमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले की सुनवाही के लिए सात जजों की बड़ी बेंच को दे दिया है. यह संवैधानिक बेंच इस मामले के साथ-साथ मस्जिद में मुस्लिम, अज्ञारी में पारसी महिलाओं और दाऊदी बोहरा समुदाय की महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर भी फैसला लेगी.
सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने अपने फैसले पर पुनर्विचार याचिकाओं को 3-2 के बहुमत के आधार पर बड़ी बेंच को भेजा. 3 जजों ने बहुमत से मामले को 7 जजों की संविधान पीठ को रेफर किया है जबकि 2 जजों- जस्टिस नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके खिलाफ अपना निर्णय दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि महिलाओं के प्रवेश का पिछला फैसला फिलहाल बरकरार रहेगा. CJI रंजन गोगोई ने कहा कि धार्मिक प्रथाओं को सार्वजनिक आदेश, नैतिकता और संविधान के भाग 3 के अन्य प्रावधानों के खिलाफ नहीं होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने लिंग आधारित भेदभाव माना था उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को अपने फैसले में शबरिमला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर लगी रोक को लिंग आधारित भेदभाव माना था. कोर्ट ने हिंदू धर्म की सदियों पुरानी इस परंपरा को गैरकानूनी और असंवैधानिक कहा था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हिंसक विरोध के बाद 56 पुनर्विचार याचिकाओं सहित करीब 60 याचिकाएं अदालत में दाखिल हुईं जिन पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई की.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-14 23:59:032019-11-15 00:21:59सुप्रीम कोर्ट ने शबरिमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले की सुनवाही बड़ी बेंच को दिया
सुप्रीम कोर्ट ने 36 रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग संबंधी पुनर्विचार याचिकाओं को आज खारिज कर दिया. न्यायालय ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई लायक नहीं है. तीन न्यायाधीशों की पीठ ने रफाल सौदे में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग भी नामंजूर कर दी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने फैसला सुनाया.
इन याचिकाओं में 14 दिसम्बर 2018 के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी जिसमें न्यायालय ने कहा था कि रफाल खरीद के निर्णय से संबंधित प्रक्रिया में संदेह का कोई सवाल ही नहीं है.
न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिकाओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाएं भी शामिल थीं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि रफाल सौदे से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया है, इसलिए इसकी आपराधिक जांच की जानी चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-14 23:58:012019-11-15 00:19:44सुप्रीम कोर्ट ने रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में जांच की याचिका को नामंजूर किया
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 9 नवम्बर को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को रामलला का बताया. न्यायालय ने निर्मोही अखाड़े की उस याचिका को नामंजूर कर दिया जिसमें विवादित जमीन पर नियंत्रण की मांग की गई थी.
कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 महीने के भीतर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन कर विवादित स्थान को मंदिर निर्माण के लिए देने को कहा. साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश दिया.
5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर थे.
अयोध्या भूमि विवाद में मध्यथता का प्रयास विफल हो जाने के बाद संविधान पीठ ने इस मामले में 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू की थी. 16 अक्तूबर को न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सुनवाही 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. उच्च न्यायालय के निर्णय में कहा गया था कि विवादित भूमि को दावेदारों में बराबर बांट दिया जाना चाहिए. इस विवाद में तीन प्रमुख पक्ष हिन्दू महासभा, निर्मोही अखाडा़ और मुस्लिम वक्फ बोर्ड हैं.
ASI की रिपोर्ट पर फैसला कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को आधार मानते हुए कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद किसी खाली स्थान पर नहीं बनाई गई थी. मस्जिद के नीचे विशाल संरचना थी जो इस्लामिक संरचना नहीं थी. ASI ने इसे 12वीं सदी का मंदिर बताया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-09 23:07:212019-11-10 00:17:43सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया
उच्चतम न्यायालय के चार नये न्यायाधीशों ने 23 सितम्बर को पद की शपथ ली. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति रविन्द्र भट्ट, न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय को शपथ दिलाई. इन चारों न्यायधीशों की नियुक्ति के बाद उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या पूरी होकर 34 हो गई है.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले सर्वोच्च न्यायालय के कलिजियम ने उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश के रूप में नियुक्तियों का अनुमोदन किया था. उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश चुना गया है.
संसद ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 31 से बढ़ाकर 34 की थी.
उच्चतम न्यायालय के नये नियुक्त किये गये न्यायाधीश हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामा सुब्रह्मण्यन, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस रवीन्द्र भट और केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ह्रिशिकेश रॉय को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-09-19 23:56:322019-09-23 19:44:31उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया