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5 मई: विश्व हाथ स्वच्छता दिवस, 2020 की थीम, संबंधित जानकारी

प्रत्येक वर्ष 5 मई को ‘विश्व स्वच्छता दिवस’ (World Hygiene Day) मनाया जाता है. इस दिवस को ‘विश्व हाथ स्वच्छता दिवस’ (World Hand Hygiene Day) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में एक वैश्विक अभियान चलाया जाता है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और स्वास्थ्य देखभाल को प्रोत्साहित करना होता है.

WHO के मुताबिक, अस्पतालों और अन्य स्थानों पर बैक्टीरिया के संचरण को रोकने के लिए हाथों को साफ रखना सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी उपाय है. सिर्फ हाथों को साफ रखने से ही कई संक्रमणों को रोका जा सकता है.

विश्व स्वच्छता दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में विश्व स्वच्छता दिवस का विषय (थीम)- ‘Save Lives: Clean Your Hands’ है. इस साल अधिकतर देश ‘COVID-19’ बिमारी का सामना कर रहे हैं. इस थीम का चुनाव इस बिमारी की रोक-थाम में जागरूकता बढाने के लिए किया गया है.

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4 मई: अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस

प्रत्येक वर्ष 4 मई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस (International Firefighters’ Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उन फायर फाइटरों को सम्मान देना है, जो अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों और वन्य जीवों की जान आग से बचाते हैं. इस साहसिक काम में कई फाइटर्स की मौत भी हो जाती है.

इस दिन यूरोप में दोपहर के समय 30 सेकंड तक फायर बिग्रेड के सायरन बजाए जाते हैं. इसके बाद एक मिनट के लिए मौन रखा जाता है, जिसमें फायर फायटरों को सम्मान और धन्यवाद दिया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक लाल और नीले रंग के दो रिबन हैं. जिसमें लाल रंग आग को, और नीला रंग पानी को दर्शाता है.

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस को पहली बार 1999 में मनाया गया था, जब ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित लिंटन की झाड़ियों में आग लगी थी. इस आग को बुझाने गई टीम के पांच सदस्यों की झुलसकर मौत हो गई थी.

इस दिन को चुनने की मुख्य वजह संत फ्लोरिन हैं, जो कि एक संत और फायर फाइटर थे. संत फ्लोरिन की मृत्यु 4 मई को हुई थी.

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मई माह का प्रथम रविवार: विश्व हास्य दिवस

प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहले रविवार को ‘विश्व हास्य दिवस’ (World Laughter Day) मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2020 में यह दिवस 3 मई को मनाया गया. विश्व हास्य दिवस का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और भाई-चारे और सदभाव के उद्देश्य से हुई.

विश्व हास्य दिवस की शुरुआत डॉ. मदन कटारिया ने 11 जनवरी 1998 को मुंबई में की थी. मदन कटारिया विश्व हास्य-योग आंदोलन के संस्थापक थे.

हास्य-योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं. यह व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

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1 मई 2020: महाराष्ट्र और गुजरात का 60वां स्थापना दिवस

महाराष्ट्र और गुजरात प्रत्येक वर्ष 1 मई को अपना स्थापना दिवस मनाते हैं. 1960 में इसी दिन मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य (बांबे स्टेट) का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई थी. इस वर्ष यानी 2020 में दोनों राज्यों ने 60वां स्थापना दिवस मनाया.

भारत के संसद ने बांबे स्टेट को गुजरात और महाराष्ट्र में विभाजित करने के लिए ‘बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960’ पारित किया था. यह अधिनियम 1 मई 1960 को लागू हुआ था.

भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन

  1. 1960 से महाराष्ट्र एवं गुजरात ‘बांबे स्टेट’ का हिस्सा हुआ करते थे. बॉम्बे में मराठी और गुजराती दोनों भाषाएं बोली जाती थीं. धीरे-धीरे दोनों भाषाओं के लोगों के बीच अलग राज्य की मांग उठने लगी.
  2. 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्यों का गठन किया गया. इस अधिनियम के अंतर्गत तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश, कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बना, वहीं मलयालम बोलने वालों के लिए केरल और तमिल भाषी लोगों के लिए तमिलनाडु बना.
  3. 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम में बॉम्बे के मराठी और गुजराती लोगों को अलग राज्य नहीं मिला. गुजराती और मराठी लोगों ने अलग राज्य की मांग के लिए बॉम्बे में आंदोलन करना शुरू कर दिया.
  4. 1 मई 1960 को बॉम्बे को बांटकर दो राज्य महाराष्ट्र और गुजरात बना दिए गए. अब दोनों राज्य बॉम्बे को अपने राज्य का हिस्सा बनाना चाहते थे. काफी खींचातान के बाद बॉम्बे को महाराष्ट्र की राजधानी बना दिया गया.
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1 मई: अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 मई को अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम दिवस (May Day / Labour Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे मई दिवस या मजदूर दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन को मजदूरों के योगदान के सम्‍मान के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संघों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देना है.

मजदूर दिवस का इतिहास

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़दूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई, 1886 को हुई थी. उस दिन अमरीका के मज़दूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे रोज़ाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए मज़दूर संघों ने हड़ताल की. इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम विस्फोट के बाद पुलिस की गोलीबारी में कई मज़दूरों की जान गई.

1889 में अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में घोषणा की गई कि हेमार्केट में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों तथा श्रमिकों का अवकाश रहेगा.

भारत के सन्दर्भ में मजदूर दिवस

भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई, 1923 को इसकी शुरूआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन अब दुनिया के अन्य देशों की तरह इसे मई दिवस के रूप में ही मनाया जाता है.

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