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पहला ‘खेलो इंडिया विश्‍वविद्यालय खेल’ ओडिसा में गया, पंजाब विश्वविद्यालय ने चैम्पियन्स ट्रॉफी जीता

देश का पहला ‘खेलो इंडिया विश्‍वविद्यालय खेल’ 22 फरवरी से 1 मार्च तक ओडिसा में खेला गया. पंजाब विश्वविद्यालय ने 17 स्वर्ण सहित 46 पदक जीतकर शीर्ष पर रहा और चैम्पियन्स ट्रॉफी अपने नाम की। सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय दूसरे और पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला तीसरे स्‍थान पर रहा।

इस प्रतियोगिता का आयोजन समारोह कटक के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में किया गया था. समारोह में ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू सहित अनेक जानी-मानी हस्तियां शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया था.

विश्‍वविद्यालय स्‍तर पर भारत में सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता

विश्‍वविद्यालय स्‍तर पर ये भारत में सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता थी. इस प्रतियोगिता में देश भर के 113 विश्‍वविद्यालयों के 3500 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया. 191 एथलीटों के साथ चंडीगढ़ का पंजाब विश्वविद्यालय और 183 एथलीटों के साथ अमृतसर का गुरु नानक देव विश्वविद्यालय शामिल होने वाली टीमों में से सबसे बड़े दलों में से एक था.

आयोजित होने वाली प्रतियोगिताएं

पहला ‘खेलो इंडिया विश्‍वविद्यालय खेल’ प्रतियोगिता में तीरंदाजी, एथलेटिक्‍स, मुक्‍केबाजी, तलवारबाजी, जूडो, तैराकी, भारत्‍तोलन, कुश्‍ती, बैडमिंटन, बॉस्‍केटबॉल, फुटबॉल, हाकी, टे‍बल टेनिस, टेनिस, वालीबॉल, रग्‍बी और कबड्डी की प्रतियोगिताएं शामिल किये गये थे. बैडमिंटन और टेबल टेनिस कटक के जेएन इंडोर स्‍टेडियम में जबकि एथलेटिक्‍स राजधानी भुवनेश्‍वर के कलिंगा स्‍टेडियम में आयोजित किये गये थे.

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तीसरे खेलो इंडिया युवा खेलों का समापन, महाराष्‍ट्र 78 स्‍वर्ण पदकों के साथ पहले स्‍थान पर रहा

खेलों इंडिया युवा खेलों (यूथ गेम्स) 2020 का 10 से 22 जनवरी तक आयोजित किया गया था. इसका आयोजन भारत सरकार के खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा किया गया था. ये खेल असम के गुवाहाटी में 8 जगहों पर आयोजित किए गये थे. इसकी शुरुआत गुवाहाटी के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुआ था जिसका उद्घाटन असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया था.

यह ‘खेलों इंडिया युवा खेलों’ का तीसरा संस्करण था. इस खेलों में लगभग 6,800 एथलीट ने 20 खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लिया. ‘लॉन बॉल’ और ‘साइक्लिंग’ इस बार के दो नए इवेंट इन खेलों में जोड़े गये थे. इस प्रतियोगिता में देश भर के 6000 खिलाड़ी अंडर-17 और अंडर-21 श्रेणियों में 18 विभिन्न स्पर्धाओं में हिस्सा लिया.

महाराष्‍ट्र पदक तालिका में शीर्ष पर

तीसरे खेलों इंडिया युवा खेलों में महाराष्‍ट्र पदक तालिका में शीर्ष पर रहा. उसने 78 स्वर्ण पदक सहित कुल 256 पदक जीते. सर्वाधिक पदक जीतने के लिए महाराष्ट्र ने चैंपियंस ट्राफी भी अपने नाम की। पदक तालिका में हरियाणा 200 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर, जबकि दिल्ली 122 पदक जीत कर तीसरे स्थान पर रहा।

खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य

इन खेलों का उद्देश्य आने वाले भविष्‍य के लिए खेल प्रतिभाओं को तलाशना और तराशना है। खेलो इंडिया के विजेता खिलाड़ियों को वित्तीय और ढांचागत सहायता मुहैया कराई जाती है ताकि उन्हें भविष्य में होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए तैयार किया जा सके.

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13वें दक्षिण एशियाई खेलों का समापन, 312 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में शीर्ष पर रहा

13वें दक्षिण एशियाई खेलों (13th South Asian Games) का 10 दिसम्बर को समापन हो गया. ये खेल नेपाल में 1 से 10 दिसम्बर तक खेले गये थे. इन खेलों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव ने हिस्सा लिया था.

इन खेलों में भारत ने 174 स्‍वर्ण, 93 रजत और 45 कांस्‍य सहित कुल 312 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहा. मेज़बान नेपाल दूसरे और श्रीलंका तीसरे स्‍थान पर रहा.

भारत को सबसे अधिक पदक तैराकी में मिले. भारतीय तैराकों ने 27 स्वर्ण सहित 50 पदक हासिल किए. एथलेटिक्स में भारत को 48 पदक मिले, कुश्ती में भारतीय पहलवानों ने अपने सभी मुकाबले जीतकर 15 स्वर्ण हासिल किए. निशानेबाजों ने 18 स्वर्ण सहित कुल 29 पदकों पर कब्जा किया. मुक्केबाजी में भारत ने 12 स्वर्ण सहित कुल 16 पदक प्राप्त किये. टेनिस और टेबिल टेनिस में भारतीय खिलाड़ी सभी स्पर्धाओं में विजयी रहे. जुडों में भारत का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा जिसमें 4 स्वर्ण व 3 रजत पदक हासिल किए.

भारतीय दल ने फुटबॉल, कबड्डी, जुडो और बॉस्केट बॉल समेत अन्य खेलों में गोल़्ड मेडल हासिल किए. व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धाओं के अलावा भारत ने महिला फुटबॉल का खिताब अपने नाम किया. साथ ही भारत ने वॉलीबॉल, खोखो, कबड़्डी और बास्केटबॉल में महिला और पुरुष दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक हासिल किए.

फुटबाल में भारतीय महिला टीम ने मेज़बान टीम नेपाल को 2-0 से हराकर लगातार अपना तीसरा स्वर्ण पदक हासिल किया. कबड्डी में भी भारत को दो स्वर्ण पदक हासिल हुए. भारतीय महिला टीम ने फाइलन में मेज़बान नेपाल को 50-13 से हराया जबकि पुरुष टीम ने श्रीलंका को 51-18 से पराजित किया.

बॉस्केट बॉल खेल में भी महिला व पुरुष दोनों टीमों ने स्वर्ण पदक जीते. जुडों में भारत का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा जिसमें भारतीय टीम ने 4 गोल्ड व 3 सिल्वर पदक हासिल किए. जबकि बॉक्सिंग में भारत ने 6 स्वर्ण व 2 रजत पदक जीतने में कामयाब रहे.

दक्षिण एशियाई खेल: एक दृष्टि
दक्षिण एशियाई खेलों का आयोजन दक्षिण एशिया में प्रत्येक दो वर्ष में किया जाता है. इस खेलों के संचालन की जिम्मेदारी दक्षिण एशियाई ओलिंपिक परिषद् की है.

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एथलीट ऑफ द ईयर पुरस्कार 2019: इलियुड किपचोगे को पुरुष एथलीट और दालिला मोहम्मद को महिला एथलीट चुना गया

वर्ल्ड एथलीट्स फेडरेशन ने 24 नवम्बर को वर्ष 2019 के एथलीट पुरस्कारों (Athlete of the Year Awards) की घोषणा की. इन पुरस्कारों में केन्या के एथलीट इलियुड किपचोगे (Eliud Kipchoge) को वर्ष 2019 का पुरुष एथलीट और अमेरिका की दालिला मोहम्मद (Dalilah Muhammad) को महिला एथलीट चुना गया. इसके साथ आयरलैंड के दिग्गज ट्रेनर ब्रदर कॉल ओकॉनेल को केन्या में कोचिंग के काम के लिए सम्मानित किया गया.

महिला एथलीट ऑफ द ईयर–दालिला मोहम्मद: 29 साल की दालिला ने दोहा में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में 400 मीटर हर्डल्स (बाधा दौड़) में स्वर्ण पदक जीता था. दालिलाह ने 52.16 सेकेंड के नये विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था.

पुरुष एथलीट ऑफ द ईयर–इलियुड किपचोगे: 35 साल के किपचोगे ने इस साल अप्रैल में चौथी बार लंदन मैराथन जीती थी. इस स्पर्धा में किपचोगे ने 42.2 किमी की दूरी 1 घंटे, 59 मिनट, 40 सेकंड में पूरी की थी जबकि ओलिंपिक चैम्पियन के नाम अधिकारिक विश्व रिकॉर्ड 2 घंटे 1 मिनट 39 सेकेंड का है. किपचोगे ने लगातार दूसरे साल पुरुष एथलीट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता है.

विजेताओं का चुनाव मत प्रक्रिया के द्वारा
विश्व एथलेटिक्स पुरस्कार विजेताओं का चुनाव मत प्रक्रिया के द्वारा होता है. इस मतदान में 50 प्रतिशत खिलाड़ियों के, 25 प्रतिशत कोचों व पत्रकारों के तथा 25 प्रतिशत मत आम जनता के होते हैं.

विश्व पैरा-एथेलेटिक्‍स चैंपियनशिप 2019: भारत ने 2 स्‍वर्ण सहित नौ पदक जीते, चीन पहले स्‍थान पर रहा

विश्व पैरा-एथेलेटिक्‍स चैंपियनशिप (World Para Athletics Championships) 2019 दुबई में 7 नवम्बर से 15 नवम्बर तक खेला गया था. इस प्रतियोगिता में भारत ने 2 स्‍वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्‍य सहित 9 पदक जीतकर 24वें स्थान पर रहा.

यह पैरा-एथेलेटिक्‍स प्रतियोगिता में भारत का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन है. अब तक 2017 में लंदन में आयोजित चैम्पियनशिप में भारत का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन रहा था जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने पांच पदक हासिल किए थे.

पदक तालिका में 25 स्‍वर्ण सहित 59 पदकों के साथ चीन पहले स्‍थान पर रहा. ब्राजील 14 स्‍वर्ण सहित 29 पदकों के साथ दूसरे, ब्रिटेन 13 स्‍वर्ण सहित 28 पदकों के साथ तीसरे, और अमरीका 12 स्‍वर्ण सहित 34 पदकों के साथ चौथे स्‍थान पर रहा. 2016 में डोपिंग प्रतिबंध के बाद प्रतियोगिता में पहली बार भाग ले रहे रूस ने 10 स्‍वर्ण सहित 41 पदक जीते.

संदीप चौधरी ने भाला फेंक स्‍पर्धा की F-64 श्रेणी में स्‍वर्ण पदक जीता. इस स्‍पर्धा में सुमित अंतिल को रज‍त पदक मिला. दूसरा स्‍वर्ण पदक जैवलिन थ्रो की F-46 श्रेणी में सुंदर सिंह गुर्जर को मिला. जबकि दूसरा रजत पदक ऊंची कूद में शरद कुमार ने हासिल किया.

विश्व एथेलेटिक्स: अनु रानी के महिला जैवलिन थ्रो फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं

अनु रानी AAF विश्व एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप के महिला जैवलिन थ्रो फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. दोहा में आयोजित इस प्रतियोगिता के क्वालिफिकेशन राउंड में उन्होंने 62.43 मीटर तक जैवलिन फेंक कर 62.34 मीटर का अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. इस राउंड में अनु रानी पांचवें स्थान पर रहीं.

भारत की ट्रैक ऐंड फील्ड ऐथलीट पीटी उषा को IAAF वेटरन पिन से सम्मानित किया गया

भारत की ट्रैक ऐंड फील्ड ऐथलीट पीटी उषा को 25 सितम्बर को विश्व ऐथलेटिक्स संचालन संस्था (The International Association of Athletics Federations) द्वारा ‘वेटरन पिन’ से सम्मानित किया गया. IAAF प्रमुख सेबेस्टियन ने दोहा में आयोजित 52वें IAAF कांग्रेस के दौरान वेटरन पिन भेंट की. एशिया से तीन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें से एक उषा हैं.

पीटी उषा: एक परिचय
पीटी उषा भारत के केरल राज्य की एथलीट हैं. वे दक्षिण रेलवे में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं. 1985 में उन्हें पद्म-श्री व अर्जुन पुरस्कार दिया गया था. उषा ने अब तक 101 अतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं. उन्हें ‘उड़न परी’, ‘पायोली एक्सप्रेस’, ‘स्वर्ण परी’ आदि उप-नामों से भी जाना जाता है.

1984 में लोस एंजेल ओलंपिक्स में 400 मीटर की बाधा दौड़ में वह फाइनल में 0.01 सेकंड के अंतर से मेडल जीतने से चुक गयी थी. हार के बाद भी पीटी उषा की यह उपलब्धि बहुत बड़ी थी, यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था, जब कोई महिला एथलीट ओलंपिक के किसी फाइनल राउंड में पहुंची थी. इन्होने 55.42 सेकंड में रेस पूरी की थी, जो आज भी भारत के इवेंट में एक नेशनल रिकॉर्ड है.


भारत की फर्राटा धाविका पीटी उषा को एथलीट आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया

एशियाई एथलेटिक्स संघ (AAA) ने भारत की फर्राटा धाविका पीटी उषा को एथलीट आयोग का सदस्य नियुक्त किया है. उषा AAA एथलीट आयोग के छह सदस्यों में से एक होगी. आयोग के प्रमुख 1992 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैमर थ्रो खिलाड़ी उजबेकिस्तान के आंद्रे अब्दुवालियेव होंगे. आयोग के अन्य सदस्यों में चीन की वांग यू, 2012 लंदन ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता त्रिकूद खिलाड़ी कजाखस्तान की ओल्गा राइपाकोवा , मलेशिया के ली हुप वेइ और सउदी अरब के साद शादाद शामिल हैं.

पीटी उषा: एक परिचय
पीटी उषा भारत के केरल राज्य की एथलीट हैं. वे दक्षिण रेलवे में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं. 1985 में उन्हें पद्म-श्री व अर्जुन पुरस्कार दिया गया था. उषा ने अब तक 101 अतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं. उन्हें ‘उड़न परी’, ‘पायोली एक्सप्रेस’, ‘स्वर्ण परी’ आदि उप-नामों से भी जाना जाता है.

1984 में लोस एंजेल ओलंपिक्स में 400 मीटर की बाधा दौड़ में वह फाइनल में 0.01 सेकंड के अंतर से मेडल जीतने से चुक गयी थी. हार के बाद भी पीटी उषा की यह उपलब्धि बहुत बड़ी थी, यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था, जब कोई महिला एथलीट ओलंपिक के किसी फाइनल राउंड में पहुंची थी. इन्होने 55.42 सेकंड में रेस पूरी की थी, जो आज भी भारत के इवेंट में एक नेशनल रिकॉर्ड है.