विश्व की संसदों के अध्यक्षों का 5वां सम्मेलन 19-20 अगस्त को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस सम्मलेन में भारतीय संसदीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया. इस वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से जिनेवा स्थित अंतरसंसदीय संघ और ऑस्ट्रिया की संसद ने किया था. इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘Parliamentary leadership for more effective multilateralism’ था.
इस सम्मेलन में पाकिस्तान के बयान पर उत्तर देने के अधिकार का उपयोग करते हुए उन्होंने आतंक फैलाने की पाकिस्तानी साजिशों पर जोर दिया और आतंक को समर्थन और प्रोत्साहन देने की पाकिस्तानी नीतियों को दुनिया के सामने उजागर किया.
स्पीकर ने ये भी कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने का आह्वान करते हैं कि लेकिन हमारी पहल को कमजोरी के संकेत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-08-20 23:10:512020-08-21 18:52:21विश्व की संसदों के अध्यक्षों का 5वां सम्मेलन आयोजित किया गया
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (United Nations Economic and Social Council) का वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में किया गया. इस वार्षिक बैठक में विभिन्न सरकारी, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन के समापन सत्र को 17 जुलाई को संबोधित किया. इस वर्ष 17 जून को वर्ष 2021-22 के लिए भारत के सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य चुने जाने के बाद यह पहला अवसर था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र को संबोधित किया. इससे पहले जनवरी, 2016 में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद की 70वीं वर्षगांठ पर अपना संबोधन दिया था.
प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में बहुपक्षीय सुधारों का दायरा बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संकट के बाद के समय में इसका स्वरूप समकालीन विश्व की वास्तविकता को परिलक्षित करने वाला होना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष पूरे होने का अवसर वैश्विक बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार का संकल्प लेने का अवसर है ताकि इसकी प्रासंगिकता और प्रभावशीलता बढ़े और यह मानव-केंद्रित हो सके.
भारत ने परिषद् की कार्यसूची तय करने में अपनी भूमिका निभाई है. भारत सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अन्य विकासशील देशों की भी मदद कर रहा है.
पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कार्बन उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 3.80 करोड़ टन की कमी आई है. इसके लिए गांवों में बिजली पहुंचाई गई है, 8 करोड़ गरीब परिवारों को रसोई गैस उपलब्ध कराई गई है और ऊर्जा बचत के अन्य उपाय भी शुरु किए गए हैं.
इस वर्ष का विषय
इस वर्ष का विषय- ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षवाद: 75वीं वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र का कैसा स्वरूप हो’ था. बदलते अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य और कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट को ध्यान में रखते हुए यह सत्र बहु-पक्षवात की दिशा तय करने वाली महत्वपूर्ण ताकतों पर केन्द्रित था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-18 21:53:572020-07-18 21:53:57संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद का वर्चुअल सम्मेलन
भारत यूरोपीय संघ की 15वीं शिखर बैठक 15 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गयी थी. इस बैठक की सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लियन ने की थी.
शिखर बैठक में राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी, व्यापार और निवेश तथा आर्थिक सहयोग की समीक्षा की गयी. कोविड-19 महामारी और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ साझेदारी की आर्थिक पुनर्निर्माण और मानवता केन्द्रित वैश्विकरण में महत्वपूर्ण भूमिका होगी. प्रधानमंत्री ने यूरोप को भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढाने के प्रयासों में निवेश और प्रौद्योगिकी के लिए आमंत्रित किया.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि यूरोपीय संघ को, 2022 में G-20 में भारत की अध्यक्षता और 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता की उत्सुकता से प्रतीक्षा है.
भारत-यूरोपीय संघ शिखर वार्ता
भारत और यूरोपीय संघ के बीच पहली शिखर वार्ता सन 2000 में हुई थी. कोविड-19 के कारण मार्च में भारत-यूरोपीय संघ शिखर वार्ता स्थगित करनी पड़ी थी.
विश्व के बदलते परिप्रेक्ष्य में यूरोपीय संघ द्वारा भारत के साथ संबंध और अधिक सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से यह शिखर सम्मेलन अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-16 21:33:572020-07-16 21:33:57भारत और यूरोपीय संघ की 15वीं शिखर वार्ता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सह-अध्यक्षता की
‘इंडिया ग्लोबल वीक’ 2020 वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन 9-11 जुलाई को किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था.
इस सम्मेलन में तीस देशों से करीब पांच हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस सम्मेलन का विषय- ‘पुन: प्रवर्तक बनें : भारत और बेहतर नया विश्व’ (Be The Revival: India and a Better New World) था.
प्रधानमंत्री के अलाबा इस आयोजन में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य वक्ताओं में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब और गृह सचिव प्रीति पटेल, भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर और अन्य शामिल थे.
इस वर्चुअल सम्मेलन में आत्म निर्भार भारत अभियान पर “never-seen-before” कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें सुप्रसिद्ध सितार वादक पंडित रविशंकर के 100वें जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-14 11:57:042020-07-14 11:57:04इंडिया ग्लोबल वीक वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किया गया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मेजवानी में 5 जून को वैश्विक वैक्सीन शिखर बैठक (Global Vaccine Summit) का आयोजन किया गया. इस बैठक में 50 से अधिक देशों के उद्योगपतियों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, सिविल सोसाइटी, विभिन्न सरकार के मंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया.
वैश्विक वैक्सीन शिखर बैठक का आयोजन GAVI की मदद के लिए 7.4 अरब डॉलर इकट्ठे करने को किया गया था. ब्रिटेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दुनिया भर के कई नेता शामिल हुए और उन्होंने वैक्सीन की समान उपलब्धता के लिए अपनी योजना का रोडमैप भी रखा.
GAVI एलायंस 1.50 करोड़ डॉलर देने की घोषणा
बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय वैक्सीन एलायंस GAVI को 1.50 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की.
वैक्सीन एलायंस GAVI क्या है?
GAVI, the Global Alliance for Vaccines and Immunisation का संक्षिप्त रूप है. इसका काम नेक्स्ट जनरेशन की सुरक्षा के लिए टीके का इंतजाम करना है.
GAVI की स्थापना Public–Private Partnership के आधार पर वर्ष 2000 में की गयी थी. यूनिसेफ, WHO, विश्व बैंक, बिल तथा मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill and Melinda Gates Foundation) ने इसकी स्थापना में मुख्य भूमिका निभाई है.
इसके स्थापना का मुख्य उद्देश्य प्रभावी वैक्सीन की लागत को कम करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-05 23:46:252020-06-05 23:46:25वैश्विक वैक्सीन शिखर बैठक का आयोजन, भारत वैक्सीन एलायंस GAVI को 1.50 करोड़ डॉलर देगा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन 4 जून को आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया. वार्ता में दोनों देशों के बीच संबंधों पर विस्तार से उत्कृष्ट चर्चा हुई.
सम्मेलन के मुख्य बिंदु
सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की और हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में समुद्री सहयोग पर एक साझा दृष्टिपत्र जारी किया. दोनों देशों के बीच, व्यापक कार्यनीतिक भागीदारी पर संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि यह आपसी समझ, भरोसा, साझा हित और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित होगी.
आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए दोनों देशों ने हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की है और इस बात पर बल दिया है कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता.
ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता के लिए भारत का पुरजोर समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया.
दोनों देशों के बीच सहमति और समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉर्ट मॉरिसन के बीच बातचीत के बाद सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इनमें साइबर और साइबर-सक्षम क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सहयोग पर समझौता और खनन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग शामिल हैं.
दोनों देशों ने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लोक-प्रशासन और प्रशासनिक सुधारों, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण तथा जल संसाधन प्रबंधन सहयोग के बारे में भी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए.
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का भी संकल्प व्यक्त किया है और डिजिटल अर्थव्यवस्था, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने का फैसला किया है. समुद्री क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर भी दोनों देशों में सहमति बनी.
दोनों देश साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के नये उपायों के लिए रक्षा सहयोग और संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ाने पर सहमत हुए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-04 23:01:492020-06-04 23:01:49भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन, दोनों देशों के बीच सात समझौते
सेना के कमाण्डरों के सम्मेलन का पहला चरण 27 से 29 मई तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. सम्मेलन में थल सेना के शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा संबंधी मौजूदा और नई उभरती चुनौतियों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया.
मानव संसाधन प्रबंधन संबंधी मुद्दों, गोली-बारूद के प्रबंधन संबंधी अध्ययन, एक ही स्थान पर स्थित प्रशिक्षण संगठनों का विलय करने और सैन्य प्रशिक्षण निदेशालय के मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान में विलय के बारे में भी सम्मेलन में चर्चा हुई.
सेना के कमाण्डरों का सम्मेलन: एक दृष्टि
सेना के कमाण्डरों का सम्मेलन प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाता है. यह सम्मलेन अप्रैल 2020 में आयोजित किया जाना था लेकिन COVID-19 आपातकाल के कारण आयोजित नहीं किया जा सका था. इस सम्मेलन को दो चरणों में कराने का निर्णय लिया गया था. इसका दूसरा चरण 24 से 27 जून तक आयोजित किया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-30 23:44:322020-05-30 23:44:32सेना के कमाण्डरों का सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया
11वां पीटरबर्ग जलवायु संवाद (11th Petersberg Climate Dialogue) 27-28 अप्रैल को विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया. इस संवाद की मेजबानी जर्मनी सह-अध्यक्षता यूनाइटेड किंगडम (UK) ने की जिसमें 30 से अधिक देशों ने भाग लिया. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
पीटरबर्ग जलवायु संवाद: एक दृष्टि
‘पीटर्सबर्ग जलवायु संवाद’ (PCD) को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की पहल पर 2010 में शुरू किया गया था. वर्ष 2009 में कोपेनहेगन जलवायु वार्ता के प्रभावी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचने के कारण इसे शुरू किया गया था. PCD का लक्ष्य जलवायु के संबंध में अंतरराष्ट्रीय विचार-विमर्श हेतु एक मंच प्रदान करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-29 21:58:202020-04-29 21:58:2011वां पीटरबर्ग जलवायु संवाद जर्मनी की मेजबानी में आयोजित किया गया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 मार्च को सार्क (SAARC) के सदस्य देशों के साथ वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए संवाद किया. इस संवाद का उद्देश्य कोविड-19 (कोरोना वायरस) बीमारी से निपटने के लिए संयुक्त रूप से एक सशक्त रणनीति तैयार करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सार्क सदस्यों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रणनीति पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था, जिसका सभी सदस्य देशों ने स्वागत किया था.
सार्क देशों के साथ इस संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कोविड-19 इमर्जेंसी फंड’ बनाने का सुझाव दिया और भारत की तरफ से इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की. इस बैठक में सार्क देशों के शामिल प्रतिनिधियों ने अपने यहाँ उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.
इस कॉफ्रेंस में शामिल प्रतिनिधि
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और पाकिस्तान की तरफ से वहां के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा शामिल हुए.
सार्क (SAARC): एक दृष्टि
SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.
वर्तमान सदस्य देश
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान
वर्तमान प्रेक्षक देश
अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान
सार्क चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य:
दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना.
क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना.
दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना.
आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाना.
आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-15 23:17:242020-03-15 23:19:09प्रधानमंत्री ने सार्क के सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श किया
पूर्वी क्षेत्रिय परिषद की 24वीं बैठक 28 फरवरी को ओडिसा में भुवनेश्वर में आयोजित की गयी. गृहमंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की. ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बैठक के उपाध्यक्ष थे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओड़िसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने इस बैठक में हिस्सा लिया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जगह राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर ओराम बैठक में शामिल हुए.
बैठक में विभिन्न राज्यों के बीच पानी से जुड़े विवाद, बिजली की लाइनों, कोयला खदानों पर रॉयल्टी, रेल परियोजनाओं के लिए भूमि और वन संबंधी मंजूरी, जघन्य अपराधों की जांच, सीमावर्ती राज्यों में पशुओं की तस्करी, दूर-दराज के क्षेत्रों में दूरसंचार और बैंकिंग संबंधी बुनियादी ढांचे के अभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
सम्मेलन में राज्यों के प्रमुख मुद्दों और अन्तर्राज्यी तथा केन्द्र-राज्य संबंधों पर चर्चा की गई. ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की. पटनायक ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को दी जाने वाली केन्द्रीय राशि को दोगुना किये जाने की जरूरत है, ताकि वे राष्ट्रीय मानदंड के स्तर तक पहुंच सकें.
क्षेत्रिय परिषदें: एक दृष्टि
केंद्र एवं राज्यों के बीच मिलकर काम करने की संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से 1956 में राज्य पुनर्गठन कानून (States Reorganisation Act) संसद द्वारा पारित किया गया था. इस कानून के तहत 5 क्षेत्रिय परिषदें स्थापित की गई थीं. ये क्षेत्रिय परिषदें हैं:
उत्तरी क्षेत्रिय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ शामिल हैं.
मध्य क्षेत्रिय परिषद: मध्य क्षेत्रिय परिषद में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश राज्य शामिल हैं.
पूर्वी क्षेत्रिय परिषद: पूर्वी क्षेत्रिय परिषद में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल को रखा गया है.
पश्चिमी क्षेत्रिय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली है.
दक्षिणी क्षेत्रिय परिषद: इसमें आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
पूर्वोत्तर परिषद: पूर्वोत्तर के राज्यों को पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम (North Eastern Council Act), 1972 के तहत गठित पूर्वोत्तर परिषद में रखा गया है.
केंद्रीय गृहमंत्री सभी क्षेत्रिय परिषदों का अध्यक्ष और प्रत्येक आंचलिक परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री एक वर्ष की अवधि (बारी-बारी रोटेशन से) के लिये उस क्षेत्रिय परिषद का उपाध्यक्ष होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-28 23:53:302020-02-28 23:53:30पूर्वी क्षेत्रिय परिषद की 24वीं बैठक ओडिसा के भुवनेश्वर में आयोजित की गयी
नीति आयोग 24 से 26 फरवरी तक गुवाहाटी में सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development goals- SDG): पूर्वोत्तर राज्यों की भागीदारी, सहयोग और विकास सम्मेलन 2020 का आयोजन किया. सम्मेलन का उद्घाटन पूर्वोत्त्र राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया था.
SDG कार्यक्रम में उत्तर-पूर्व राज्यों, केन्द्रीय मंत्रालयों, शिक्षाविदों नागरिक समाज और अन्तर्राष्ट्रीय विकास संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में उत्तर-पूर्व में एसडीजी स्थानीयकरण, आर्थिक समृद्धि और स्थायी आजीविका, जलवायु अनुकूल कृषि, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दे शामिल थे.
सतत विकास लक्ष्य (SDG): एक दृष्टि
सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) वैश्विक विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किये गये लक्ष्य हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की समय-सीमा 2030 तय की है.
2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में ‘2030 सतत् विकास हेतु एजेंडा’ के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य अर्थात् SDG (Sustainable Development goals) तय किये गए थे.
SDG का मुख्य उद्देश्य विश्व से गरीबी को पूर्णतः खत्म करना तथा सामाजिक न्याय और पूर्ण समानता स्थापित करना है.
भारत में 2030 तक SDG को प्राप्त करने की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गयी है.
संयुक्त राष्ट्र का 17 विकास लक्ष्य (SDG)
गरीबी के सभी रूपों की पूरे विश्व से समाप्ति.
भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा.
सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा.
समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना.
लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना.
सभी के लिये स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना.
सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोज़गार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना.
लचीले बुनियादी ढाँचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढ़ावा.
देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना.
सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण.
स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना.
जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिये तत्काल कार्रवाई करना.
स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग.
सतत् उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव-विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना.
सतत् विकास के लिये शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही साथ सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके.
सतत् विकास के लिये वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-26 23:41:452020-02-26 23:42:34नीति आयोग ने गुवाहाटी में SDG पर सम्मेलन 2020 का आयोजन किया, जानिए क्या SDG
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (IJC) 2020 का आयोजन 22-23 फरवरी को दिल्ली में किया गया. इस सम्मेलन में 47 देशों के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल और अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के जज ने हिस्सा लिया।
इस सम्मेलन का आयोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया गया था जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस सम्मेलन का विषय “न्यायपालिका और बदलता विश्व” था. इस सम्मलेन का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन से हुआ.
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के आलावा, देश के प्रधान न्यायधीश जस्टिस एसए बोबडे, आस्ट्रेलिया की प्रधान न्यायधीश सुजैन केफेल और ब्रिटेन की शीर्ष अदालत के अध्यक्ष लॉर्ड रॉबर्ट जॉन रीड सहित देश विदेश कई न्यायधीशों ने हिस्सा लिया.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के पूर्ण विकास में जेंडर जस्टिस अनिवार्यता की बात कही. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान हर व्यक्ति को समानता का अधिकार प्रदान करता है. प्रधानमंत्री ने कहा आज भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. ऐसा माना जाता है कि तेजी से विकास और पर्यावरण की रक्षा एक साथ होना संभव नहीं है लेकिन भारत ने इस अवधारणा को भी बदला है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-23 22:32:372020-02-23 22:32:37अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 का दिल्ली में आयोजन