विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2022: भारत 136वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट (World Happiness Report) 2022 हाल ही में जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 146 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में 136वें स्थान पर है.

मुख्य बिंदु

  • फिनलैंड ने लगातार पांचवी बार पहला स्थान हासिल किया है, जबकि अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है. इस रिपोर्ट में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, स्विट्जरलैंड चौथे और नीदरलैंड्स पांचवे स्थान पर है.
  • सूची में शीर्ष पांच देश यूरोप से हैं. इस सूची में अमरीका 16वें स्थान पर है. लक्जमबर्ग, नॉर्वे, इस्राइल और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • इस रिपोर्ट में कोविड काल में सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि यह पता लग सके कि कोविड ने जीवन के विभिन्न पहलुओं को कितना बदल दिया है.

जम्‍मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया

जम्‍मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया है. यह सूचकांक गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 23 जनवरी को वर्चुअल माध्‍यम से जारी किया.

जम्‍मू-कश्‍मीर  का जिला सुशासन सूचकांक जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन के सहयोग से प्रशासनिक सुधार तथा सार्वजनिक शिकायत विभाग ने तैयार किया है. देश के जिलों के बीच स्‍वस्‍थ स्‍पर्धा सुनिश्चित करने के लिए यह सूचकांक तैयार किया जा रहा है.

इस सूचकांक में भारत के सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिए जिला स्‍तर पर सुशासन का बेंचमार्क उपलब्‍ध कराया गया है.

ILO ने वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक 2022 रिपोर्ट जारी की

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में ‘वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक’ (WESO) 2022 रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में 2022 और 2023 के लिए व्यापक श्रम बाजार अनुमानों का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट में दुनिया भर में श्रम बाजार में सुधार का आकलन किया गया है.

मुख्य बिदु

  • ILO ने इस रिपोर्ट में, 2022 में श्रम बाजार में सुधार के लिए अपने पूर्वानुमान को घटा दिया है. 2022 में वैश्विक श्रम बल की भागीदारी दर COVID-19 महामारी शुरू होने से पहले 2019 की तुलना में 1.2 प्रतिशत नीचे रहने का अनुमान है.
  • 2019 में 186 मिलियन की तुलना में 2022 में वैश्विक बेरोजगारी का स्तर 207 मिलियन होने का अनुमान है.
  • 2022 में वैश्विक स्तर पर काम करने के कुल घंटे पूर्व-महामारी स्तर से 2% कम होने का अनुमान है, और यह 52 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के नुकसान के बराबर है.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स: भारत 83वें स्थान पर, जापान और सिंगापुर शीर्ष स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2022 रिपोर्ट हाल ही में जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 83वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से 7 स्थान का सूधार हुआ है. इस सूचकांक में शीर्ष तीन स्थानों पर एशियाई देश हैं. ये तीन देश जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया हैं.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 60 देशों में बिना वीजा यात्रा

रैंकिंग में भारत 83वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 60 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं. 2021 में भारत का स्कोर 58 था. ओमान और आर्मेनिया ने हाल ही में भारतीय धारक को पूर्व वीजा की शर्त से छूट दी है.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स: एक दृष्टि

  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स में जापान और सिंगापुर संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान पर  हैं. दोनों देशों के पासपोर्टधारक 192 देशों की यात्रा बिना वीजा के यात्रा कर सकते है.
  • इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया और जर्मनी हैं. इन दोनों देशों के पासपोर्टधारक 190 देशों में वीजा के बिना यात्रा कर सकते हैं.
  • अमेरिका इस रैंकिंग में 6ठे स्थान पर है. अमेरिका के पासपोर्टधारक को 186 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते है.
  • पड़ोसी देश चीन के पासपोर्ट का रैंकिंग में 72वां स्थान है. चीन के पासपोर्ट का 79 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है और पाकिस्तान का पासपोर्ट जो 108वें स्थान पर है, उसका 31 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है.
  • इस रैंकिंग में अफगानिस्तान, इराक और सीरिया सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए. अफगानिस्तान अंतिम 116वें स्थान पर है.

वर्ष 2021 के लिए ARIIA रैंकिंग जारी, IIT-मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया

वर्ष 2021 के लिए अटल नवाचार संस्थानों की रैंकिंग (Atal Rankings of Institutions on Innovation Achievements- ARIIA) 29 दिसम्बर को जारी की गयी थी. इस रैंकिंग-में एक बार फिर IIT-मद्रास ने केंद्र पोषित श्रेष्ठ संस्थानों में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके बाद IIT-बम्बई और IIT-दिल्ली का स्थान है.

मुख्य बिंदु

  • इस सूची में IIT मद्रास ने लगातार तीसरी बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया. शीर्ष 10 स्थानों में शामिल संस्थान हैं- IIT मद्रास, IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली, IIT रुड़की, IIT कानपुर, IIT खड़गपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और IIT हैदराबाद.
  • ‘विश्वविद्यालय और डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त) (तकनीकी)’ श्रेणी के तहत, पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय शीर्ष स्थान पर थे.
  • ‘कॉलेजों/संस्थानों (सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त) (तकनीकी)’ श्रेणी के तहत, पुणे में इंजीनियरिंग कॉलेज और PSG कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी ने पुरस्कार जीते.
  • ‘गैर-तकनीकी संस्थान’ श्रेणी के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), दिल्ली और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), कोझीकोड ने पुरस्कार जीते.

ARIIA रैंक

अटल नवाचार संस्थानों की रैंकिंग (ARIIA), शिक्षा मंत्रालय और AICTE के तत्वावधान में संयुक्त रूप जारी किया जाता है, जो छात्रों और शिक्षकों के बीच स्टार्ट-अप, इनोवेशन और उद्यमिता विकास जैसे संकेतकों पर पूरे भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों को व्यवस्थित रूप से रैंक देती है.

नीति आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया

नीति आयोग ने हाल ही में स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण (NITI Aayog 4th Health Index) जारी किया था. यह सूचकांक वर्ष 2019-20 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस सूचकांक के अनुसार बड़े राज्यों में केरल और छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष पर है.

इस बीच नीति आयोग ने उन राज्यों की सूची जारी की है, जहां समग्र स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं और जिन राज्यों की स्थिति बहुत ही दयनीय है.

मुख्य बिंदु

  • नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के मुताबिक, समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से शीर्ष पर है.
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु व तेलंगाना स्वास्थ्य मानकों के मामले में क्रमशः दूसरे व तीसरे पायदान पर है. वहीं छोटे राज्यों में मिजोरम समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन में शीर्ष पर है.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली व जम्मू-कश्मीर अब तक समग्र प्रदर्शन के मामले में निचले पायदान पर थे, लेकिन स्थिति में सुधार करने के मामले में दोनों राज्य अग्रणी स्थिति में पहुंच गए हैं. इसी वर्ष 2018-19 के मुकाबले उत्तर प्रदेश वर्ष 2019-20 में स्थिति में सुधार करने के मामले में शीर्ष पर है.
  • भले ही केरल और तमिलनाडु सूचकांक में क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर काबिज हों, लेकिन वृद्धिशील प्रदर्शन के मामले में दोनों राज्य 12वें व आठवें स्थान पर रहे. वहीं तेलंगाना ने समग्र प्रदर्शन के साथ-साथ वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों में तीसरा स्थान हासिल किया.
  • उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है तो बिहार और मध्य प्रदेश की भी स्थिति दयनीय है. दोनों राज्य खराब प्रदर्शन के मामले में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे. वहीं राजस्थान समग्र प्रदर्शन व वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों के मामले में सबसे कमजोर राज्य रहा.

सरकार ने ‘सुशासन सूचकांक’ जारी किया, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शीर्ष स्थान पर

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 25 दिसम्बर को ‘सुशासन सूचकांक’ (Good Governance Index- GGI) 2021 जारी किया था. यह सूचकांक प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा तैयार किया गया है. इस सूचकांक में 20 राज्यों ने 2021 में अपने समग्र GGI स्कोर में सुधार किया है.

इस सूचकांक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शीर्ष पर हैं. वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली शीर्ष पर है. गुजरात ने 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और गोवा ने GGI 2019 संकेतकों पर 24.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

उत्तर प्रदेश ने GGI 2019 के प्रदर्शन की तुलना में 8.9% की वृद्धिशील वृद्धि दिखाई है. दिल्ली ने 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में सबसे ऊपर है.

सुशासन सूचकांक: एक दृष्टि

सुशासन सूचकांक केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा जारी किया जाता है. इस सूचकांक देश के राज्यों में सुशासन की स्थिति और राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के प्रभाव का आकलन किया जाता है.

नीति आयोग ने अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने हाल ही में बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट जारी की थी. यह नीति आयोग द्वारा जारी पहली MPI रिपोर्ट थी जिसमें भारत के गरीब राज्यों को रेखांकित किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • नीति आयोग के MPI रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे निर्धन राज्यों में शामिल हैं. बिहार की 51.91 प्रतिशत आबादी गरीब है. इसके बाद झारखंड का स्थान है. वहां की 42.16 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करती है. उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन हैं. मध्य प्रदेश में 36.65 प्रतिशत और मेघालय में 32.67 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
  • देश के जिन राज्यों में सबसे कम गरीबी है, उनमें केरल (0.71 प्रतिशत) शीर्ष पर है. इसके बाद गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) का स्थान है.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली में सबसे ज्यादा गरीबी है. वहां 27.36 प्रतिशत लोग गरीब हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 12.58 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
  • बिहार में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. इसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है.
  • मातृत्व स्वास्थ्य से वंचित आबादी, स्कूल नहीं जाने, रसोई ईधन और बिजली से वंचित लोगों के मामले में भी बिहार की स्थिति सबसे खराब है. स्वच्छता से वंचित आबादी के मामले में झारखंड की रैंकिंग सबसे खराब है.
  • बाल और किशोर मृत्यु दर श्रेणी में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब है. इस मामले में इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का स्थान है.

बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) क्या है?

  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (National Multidimensional Poverty Index) को ‘ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव’ (OPHI) और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) द्वारा 2010 में विकसित किया गया था.
  • MPI इस विचार पर आधारित है कि गरीबी बहुआयामी है. यानी यह केवल आय पर निर्भर नहीं करती बल्कि व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जैसी कई बुनियादी ज़रूरतों की कमी से भी हो सकती है.
  • यह सूचकांक वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित है, जो प्रत्येक वर्ष व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से गरीब लोगों के जीवन की जटिलताओं की माप करता है.
  • MPI शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर जैसे तीन आयामों पर आधारित है. इन आयामों के 12 खंडों में शामिल हैं- पोषण, प्रसवपूर्व देखभाल, बाल और किशोर मृत्यु दर, स्कूल में उपस्थिति, स्कूली शिक्षा के वर्ष, खाना पकाने का ईंधन, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बिजली, बैंक खाते और संपत्ति.

श्रम मंत्रालय ने आधार वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक की नई श्रृंखला जारी की

श्रम मंत्रालय ने 25 नवम्बर को आधार वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की एक नई श्रृंखला जारी की. इसे श्रम मंत्रालय के एक संलग्न कार्यालय श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित और व्यवस्थित किया जा रहा है. आधार 2016=100 के साथ WRI की नई श्रृंखला 1963-65 के आधार के साथ पुरानी श्रृंखला की जगह लेगी.

मुख्य बिंदु

  • सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है ताकि अर्थव्यवस्था में बदलाव को प्रतिबिंबित किया जा सके और श्रमिकों के वेतन पैटर्न कैप्चर किया जा सके.
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग आदि की सिफारिशों के अनुसार कवरेज बढ़ाने और सूचकांक के अधिक प्रतिनिधित्व के लिए श्रम ब्यूरो द्वारा WRI संख्याओं का आधार वर्ष 1963-65 से 2016 तक संशोधित किया गया है.
  • WRI की नई श्रृंखला ने उद्योगों की संख्या, नमूना आकार, चयनित उद्योगों के तहत व्यवसायों, उद्योगों के महत्व आदि के संदर्भ में दायरा और कवरेज बढ़ा दिया है.
  • न्यूनतम मजदूरी पर विशेषज्ञ समूह के प्रोफेसर एसपी मुखर्जी और अन्य सदस्यों की राय थी कि WRI का यह आधार संशोधन अन्य मानकों के साथ न्यूनतम मजदूरी और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी के साथ बाहर आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो विशेषज्ञ समूह द्वारा नियत समय में तय किया जाएगा.
  • नई WRI श्रृंखला को हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को पॉइंट-टू-पॉइंट अर्ध-वार्षिक आधार पर वर्ष में दो बार संकलित किया जाएगा.

स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण-2021: राज्‍यों में छत्‍तीसगढ़ और शहरों में इंदौर सबसे स्‍वच्‍छ घोषित

शहरी विकास मंत्रालय ने 20 नवम्बर को स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) 2021 की रैंकिंग जारी की थी. विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों व निकायों को सम्मानित किया.

मुख्य पुरस्कार

  • राष्ट्रपति ने इंदौर को लगातार 5वीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में सम्मानित किया.
  • सूरत और विजयवाड़ा को सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहर का दूसरा और तीसरा पुरस्कार दिया गया.
  • सबसे स्वच्छ राज्य का सम्‍मान छत्तीसगढ़ को मिला है. इसके बाद झारखंड दूसरे स्‍थान पर रहा.
  • वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर का पुरस्कार दिया गया.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी विश्‍व के लोकप्रिय नेताओं की रेटिंग में शीर्ष पर

अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ (Morning Consult) के एक सर्वे में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता बताया गया है. इस सर्वे में 70 प्रतिशत अनुमोदन  के साथ वे रेटिंग सूची में सबसे ऊपर हैं. श्री मोदी को पूरे विश्व के वयस्क लोगों से अधिकतम अनुमोदन मिला है.

मैक्सिको के राष्‍ट्रपति आंद्रे मैनुअल लोपेज़ ऑब्रेदोर 66 प्रतिशत के साथ दूसरे स्‍थान पर हैं. इसके बाद 58 प्रतिशत अनुमोदन के साथ इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी, 54 प्रतिशत के साथ जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल और 47 प्रतिशत के साथ ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन का स्थान है.

अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन 44 प्रतिशत के साथ छठे स्थान पर हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 43 प्रतिशत के साथ सातवें स्‍थान पर और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 40 प्रतिशत के साथ शीर्ष दस में शामिल हैं.

मॉर्निंग कंसल्ट (Morning Consult)

मॉर्निंग कंसल्ट, अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म है. मॉर्निंग कंसल्ट की ओर से प्रत्येक देश के वयस्कों के साथ साक्षात्कार के आधार पर रेटिंग निर्धारित की जाती है।

मॉर्निंग कंसल्ट ने ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में शीर्ष नेताओं के लिए अनुमोदन रेटिंग को ट्रैक किया है।

वर्ष 2019 में मॉर्निंग कंसल्‍ट पॉलिटिकल इंटेलीजेंस के पूरे विश्‍व से आंकड़े एकत्र करने की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री मोदी को 60 प्रतिशत से अधिक अनुमोदन मिलता रहा है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र मौसम एजेंसी की ‘एशिया में जलवायु की स्थिति 2020’ रिपोर्ट जारी

संयुक्‍त राष्‍ट्र मौसम एजेंसी की विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने हाल ही में ‘एशिया में जलवायु की स्थिति ‘ रिपोर्ट (State of the Climate in Asia) 2020 जारी की थी. इस रिपोर्ट में वर्ष 2020 में हुए मौसमी घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण हुए नुकसान पर प्रकाश डाला गया है.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • 2020 में हुए मौसमी घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में प्रभाव डाला, जिससे हजारों लोगों की मौत हुई, लाखों अन्य विस्थापित हो गए और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ.
  • खाद्य एवं जल असुरक्षा, स्वास्थ्य को जोखिम और पर्यावरणीय क्षरण बढ़ने से सतत विकास को खतरा पैदा हुआ. इसने कहा है कि चक्रवाती तूफान, बाढ़ और सूखे से अरबों डॉलर का नुकसान होने का खतरा है.
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से पूरे एशिया में हजारों लोगों की मौत हुई, लाखों विस्‍थापित हुए और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ.
  • भारत को चक्रवाती तूफान, बाढ़ और सूखे जैसी मौसमी घटनाओं से औसतन करीब 87 अरब डॉलर का सालाना नुकसान होने का अनुमान है.
  • चीन, भारत और जापान ने इसमें से ज्यादातर नुकसान झेला है. इसके मुताबिक चीन में करीब 238 अरब डॉलर, भारत में 87 अरब डॉलर और जापान में 83 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
  • 2020 में बाढ़ और तूफान ने करीब पांच करोड़ लोगों को प्रभावित किया, जिनमें 5000 से अधिक लोगों की जान भी गई. चक्रवात अम्फान से मई 2020 में बांग्लादेश और भारत में घनी आबादी वाले तटीय इलाके प्रभावित हुए. भारत में, चक्रवात से पश्चिम बंगाल में 1.36 करोड़ लोग प्रभावित हुए और करीब 14 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.