13 जून: अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 13 जून को संपूर्ण विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस’ (International Albinism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एल्बिनिज्म (रंगहीनता) के शिकार लोगों से विश्व में होने वाले भेद-भाव के विरुद्ध जागरूकता फैलाना है.

अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस की थीम (मुख्य विषय)- ‘समावेश शक्ति है’ (Inclusion is Strength) हैं.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 13 जून को इस दिवस को मनाने की घोषणा 18 दिसंबर, 2014 को की थी. पहला अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस 13 जून 2015 को मनाया गया.

एल्बिनिज्म (Albinism) क्या है?

एल्बिनिज्म या रंगहीनता एक जन्मजात बीमारी है, जो त्वचा, बाल और आंखों में मेलानिन (Pigment Melanin) की कमी के कारण होता है. इससे प्रभावित लोगों की त्वचा पर सफ़ेद धब्बे होते हैं अथवा कई बार पूर्ण त्वचा ही सफ़ेद हो जाती है.

12 जून: विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है. बाल मज़दूरी (Child Labour) के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से कम उम्र के बच्‍चों को इस काम से निकालकर उन्‍हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्‍य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में ‘विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस’ की थीम- ‘सभी के लिए सामाजिक न्याय। बाल श्रम खत्म करो!’ (Social Justice for All. End Child Labour!) है.

इतिहास

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में की थी. ILO के मुताबिक आज भी 152 मिलियन बच्चे मज़दूरी करते हैं. बाल मज़दूर हर क्षेत्र में मौजूद हैं, वहीं 10 में से 7 बच्चे खेतों में काम करते हैं.

भारत में बाल श्रम से संबंधित संवैधानिक प्रावधान और कानूनी प्रयास

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 के अनुसार देश में संविधान लागू होने के 10 साल के भीतर राज्य 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रयास करेंगे.
  • बाल श्रम भारतीय संविधान के समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है. इस सूची के अन्‍तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है.
  • बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिये अहितकर कार्य को निषिद्ध करता है. फैक्टरी कानून 1948, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नियोजन को निषिद्ध करता है.

8 जून: विश्व महासागर दिवस

प्रत्येक वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Oceans Day) मनाया जाता है. महासागरों के महत्व को जानने, समझने और महासागरों में बढ़ते प्रदूषण के खतरों और उनके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व महासागर दिवस 2023 की थीम

प्रति वर्ष विश्व महासागर दिवस की एक खास थीम (मुख्य विषय) रखी जाती है. इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘ग्रह महासागर: ज्वार बदल रहे हैं’ (Planet Ocean: Tides are Changing) है.

विश्व महासागर दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र संघ ने आधि‍कारिक तौर पर इस दिवस को मनाने की मान्यता वर्ष 2008 में दी थी. पहला विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2009 को मनाया गया था.

7 जून 2023: पाँचवाँ विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 7 जून को ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ (World Food Safety Day) मनाया जाता है. यह दिवस खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाजार पहुंच, पर्यटन और सतत विकास में योगदान की ओर ध्यान आकर्षित करने और कार्रवाई के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘खाद्य मानक जीवन सुरक्षित बनाते हैं’ (Food Standards Save Lives) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2018 में खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये जाने की घोषणा की थी. पहला विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून 2019 को मनाया गया था. इस वर्ष पाँचवाँ विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया.

6 जून: संयुक्त राष्ट्र रूसी भाषा दिवस, रूसी कवि अलेक्सांद्र पुश्किन का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 6 जून को संयुक्त राष्ट्र रूसी भाषा दिवस (UN Russian Language Day) मनाया जाता है. भाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य बहु-भाषावाद तथा सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना है.

रूसी कवि अलेक्सांद्र पुश्किन का जन्मदिन

रूसी भाषा दिवस महान रूसी कवि अलेक्सांद्र पुश्किन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. उन्हें आधुनिक रूसी साहित्य का जनक माना जाता है. पुश्किन की सबसे प्रसिद्ध कविता ‘ओड टू लिबर्टी’ (Ode to Liberty) है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने उनके जन्मदिन दिन को रूसी भाषा दिवस के तौर पर चुना.

संयुक्त राष्ट्र 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस

संयुक्त राष्ट्र भाषा दिवस का शुभारंभ यूनेस्को (UNESCO) द्वारा वर्ष 2010 में किया गया था. संयुक्त राष्ट्र के 6 आधिकारिक भाषाएं हैं. इन 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस निश्चित किये गये हैं:

  1. अरबी भाषा: 18 दिसम्बर
  2. चीनी भाषा: 20 अप्रैल
  3. अंग्रेजी भाषा: 23 अप्रैल
  4. स्पेनिश भाषा: 23 अप्रैल
  5. फ्रेंच भाषा: 20 अप्रैल
  6. रूसी भाषा: 6 जून

5 जून 2023: विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ

प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. दुनियाभर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है ताकि प्रकृति और पृथ्वी की रक्षा के लिए रचात्मक कदम उठाए जा सकें. वर्ष 2023 में विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ है.

उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 5 जून को ही अवैध, गैरकानूनी और अनियमित मत्स्य पालन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Fight Against IUU Fishing) भी मनाया जाता है.

विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम

हर साल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय UNEP द्वारा घोषित विशेष थीम पर फोकस करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाता है. इस साल यानी 2023 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ (BeatPlasticPollution) है.

विश्व पर्यावरण दिवस 2023 का मेजवान देश

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी विश्व का एक अलग देश करता है, जहां औपचारिक समारोह आयोजित होते हैं. भारत ने पहली बार वर्ष 2018 के विश्व पर्यावरण दिवस समारोह की मेजवानी की थी. वर्ष 2023 में विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ है और इस वर्ष नीदरलैंड के साथ साझेदारी में कोटे डी आइवर इसकी मेजबानी कर रहा है.

विश्व पर्यावरण दिवस: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • पर्यावरण की समस्या पर पहला सम्मेलन साल 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया था. साल 1973 से हर साल यह दिवस 5 जून को मनाया जाता है.
  • ग्लोबल वार्मिग, पिघलते ग्लेशियर, धरती का बढ़ता तापमान और वायु प्रदूषण के कारण बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय पर जोर दिया जा रहा है.

3 जून 2023: छठा विश्व साइकिल दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 3 जून को दुनियाभर में ‘विश्व साइकिल दिवस’ (World Bicycle Day) मनाया जाता है. यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद और पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

विश्व साइकिल दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष ‘विश्व साइकिल दिवस 2023’ का मुख्य विषय (थीम) ‘एक सतत भविष्य के लिए एक साथ सवारी’ (Riding Together for a Sustainable Future) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष यानी 2022 में पांचवां विश्व साइकिल दिवस मनाया गया.

2 जून 2023: तेलंगाना का नौवां स्‍थापना दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 2 जून को तेलंगाना राज्य अपना स्‍थापना दिवस (Telangana Formation day) मनाता है. वर्ष 2014 में इसी दिन आंध्रप्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना भारत का 29वाँ राज्य बना था. इस वर्ष यानी 2023 में तेलंगाना ने अपना नौवां स्‍थापना दिवस मनाया.

तेलंगाना राज्य: एक दृष्टि

  • तेलंगाना, दक्षिणी भारत में स्थित भारत का एक राज्य है. ‘तेलंगाना’ शब्द का अर्थ है- ‘तेलुगूभाषियों की भूमि’.
  • 2014 में संसद की मंजूरी के बाद आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर तेलंगाना औपचारिक तौर पर भारत का 29वाँ राज्य था.
  • विभाजन के समय हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया था.
  • के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले और वर्तमान मुख्यमंत्री है. ईएसएल नरसिम्हन इस राज्य के प्रथम राज्यपाल और डॉ. तमिलसई सौंदर्यराजन वर्तमान राज्यपाल हैं.

1 जून: विश्व दुग्ध दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस आर्थिक विकास, आजीविका और पोषण में दुग्ध उत्पादों के महत्वपूर्ण योगदान के प्रति लोगों में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में विभिन्न अभियानों और रैलियों के द्वारा दूध के महत्ता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाया जाता है.

विश्व दूध दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के विश्व दूध दिवस का मुख्य विषय (थीम)- “डेयरी का आनंद लें” (Enjoy Dairy) है.

दूध में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व

दूध में कैल्सियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, आइरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन A, विटामिन D, राइबोफ्लेविन, विटामिन B12, प्रोटीन, वसा आदि मौजूद होता है.

विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास

विश्व दुग्ध दिवस को मनाये जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने किया था. पूरे विश्व में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस 2001 में मनाया गया था.

खाद्य व कृषि संगठन (FAO)

FAO की स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को की गयी थी. इसका मुख्यालय इटली के रोम में है. संयुक्त राष्ट्र के सभी 194 सदस्य FAO के भी सदस्य हैं. यह संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामजिक परिषद् के अधीन कार्य करती है.

26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है

भारत में 26 नवंबर को वर्गीज कुरियन के जन्मदिन पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाता है. कुरियन को भारत में दुग्ध क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है. देश में दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए 1970 में उनके नेतृत्व में ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood) शुरू किया गया था.

1 जून: वैश्विक अभिभावक दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 जून को वैश्विक अभिभावक दिवस (Global Day of Parents) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उदेश्य माता-पिता के प्रति सम्‍मान प्रकट करना है. इस दिन बच्चों के प्रति अभिभावकों की प्रतिबद्धता और कर्तव्‍यों की सराहना की जाती है.

वैश्विक अभिभावक दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष वैश्विक अभिभावक दिवस 2023 का मुख्य विषय (थीम)- ‘पेरेंटिंग की शक्ति: खुश, स्वस्थ और आशावान बच्चों की परवरिश’ (The power of parenting: raising happy, healthy and hopeful children) है.

इतिहास

वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली जून को इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी.

31 मई: विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No-Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिवस के मानाने का उद्देश्य देश और दुनिया भर में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे कर लोगों को जागरूक करना है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम

WHO ने इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘We need food, not tobacco’ रखा है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1987 में की थी. दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए साल WHO ने इसे एक महामारी घोषित किया.

WHO ने पहली बार 7 अप्रैल 1988 को अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया था. बाद में इसके लिए एक तारीख ’31 मई’ निर्धारित की गई.

30 मई: गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस (Goa Statehood Day) मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1987 में इसी दिन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 30 मई 1987 को गोवा को दमन व दिउ से अलग करके गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. गोवा देश का 25वां राज्य बना था.

19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाया जाता है.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 वर्षों तक शासन किया था.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
    1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • 1961 में, भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) शुरू किया और दमन व दीव, द्वीपों और गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ जोड़ लिया.
  • इस तरह 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.