27 जून: अन्तर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस

प्रत्येक वर्ष 27 जून को अन्तर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस (Micro, Small and Medium Sized Enterprises – MSME Day) मनाया जाता है. सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा सभी के लिए नवोन्मेषण एवं स्थायी कार्य को बढ़ावा देने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों बढावा देने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

MSME दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के MSME दिवस की थीम ‘इंडिया@100 के लिए भविष्य के लिए तैयार MSME’ (Future-ready MSMEs for India@100) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने प्रतिवर्ष 27 जून को इस दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2017 में थी. पहली बार MSME दिवस 27 जून 2017 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2021 में छठा MSME दिवस मनाया गया.

26 जून: अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस

प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है. मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम पर आधारित जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग के साथ-साथ मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई के लिए जागरूकता बढ़ाना भी है.

थीम 2023

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस 2023 का मुख्य विषय (थीम)- ‘लोग पहले: कलंक और भेदभाव को समाप्त करना, रोकथाम को मजबूत करना’ (People First: Ending Stigma and Discrimination, Strengthening Prevention) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UGNA) द्वारा 26 जून को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा 1987 में थी.

23 जून: संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस, अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस, अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस’ (United Nations Public Service Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में सार्वजनिक सेवा के मूल्य और गुणों के बारे में जागरूक करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष ‘23 जून’ को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा दिसंबर 2002 में की थी.

इस दिन संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार लोक सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित पुरस्कार है.

भारत में सिविल सेवा दिवस प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को मनाया जाता है.


23 जून: अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस (International Olympic Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूरे विश्‍व में किसी भी भेद-भाव को दरकिनार करते हुए विभिन्‍न खेलों में सहभागिता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का थीम ‘Let’s Move’ था.

पेरिस में 23 जून 1894 को आयोजित आधुनिक ओलिम्पिक खेलों की शुरूआत के उपलक्ष्य में यह दिन मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति ने सभी राष्ट्रीय ओलिम्पिक समितियों (NOC) को ओलिम्पिक दिवस आयोजित करने की सिफारिश 1978 में की थी. इसका उद्देश्य ओलिम्पिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना है.

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति: एक दृष्टि

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) की स्थापना 23 जून 1894 को पियरे डी कुबरटिन और डेमेत्रियोस विकेलस ने की थी. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉसेन में है. यह ओलिम्पिक खेलों के आयोजन के लिए एक नियामक संस्था है.


23 जून: अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस वर्ष का थीम ‘अदृश्य महिलाएं, अदृश्य समस्याएं’ (Invisible Women, Invisible Problems) था.

संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस घोषित किया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी घोषणा 2010 में की थी.

21 जून 2023: नौवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

21 जून 2023 को नौवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया गया. इस दिवस का उद्देश्य योग के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाना है.

नौवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023:  एक दृष्टि

  • 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का राष्ट्रीय कार्यक्रम जबलपुर में आयोजित किया गया था. उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य इस समारोह के मुख्य अतिथि थे.
  • इस वर्ष का विषय है ‘योगा फॉर वसुधैव कुटुम्बकम’ यानि ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग था.
  • अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने न्‍यूयॉर्क स्थित संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में योग दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व किया.
  • मध्य प्रदेश में राज्य के 51 पुरातात्विक स्थलों पर सामूहिक योग सत्र का आयोजन किया गया था.
  • उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव क्षेत्रों पर भी योग देखने को मिला.  आर्कटिक में भारतीय अनुसंधान बेस ‘हिमाद्रि’ तथा अंटार्कटिका में भारतीय अनुसंधान बेस ‘भारती’ में योग आयोजित किया गया.

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास

  • 21 जून को को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में मनाने की पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितम्बर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी.
  • 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. पहला अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
  • 21 जून वर्ष को सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है. इसी कारण इस दिन को योग दिवस के रूप में चुना गया.

21 जून: विश्व संगीत दिवस, विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस

विश्व संगीत दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस (World Music Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करना है ताकि लोगों का विश्वास संगीत से न उठे.

विश्व संगीत दिवस को ‘फेटे डी ला म्यूजिक’ (Fête de la Musique) के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल है.

विश्व संगीत दिवस की शुरुआत सन 1982 में फ्रांस में हुई थी जिसका श्रेय तात्कालिक सांस्कृतिक मंत्री श्री जैक लो को जाता है.


21 जून: विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 21 जून को ही ‘विश्व हाइड्रोग्राफी डे’ (World Hydrography Day) मनाया जाता है. यह दिवस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और जल के महत्व को प्रचारित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

यह दिवस एक वार्षिक उत्सव के रूप में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (International Hydrographic Organization) द्वारा अपनाया गया था.

हाइड्रोग्राफी क्या है?
हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर मौजूद नदी, झील तालाब और समुद्र के जलभंडार का विवरण देता है. इसका प्रमुख उद्देश्य नेविगेशन (जहाज और नाव के संचालन) में सुबिधा के लिए डेटा उपलब्ध करना है.

20 जून: विश्‍व शरणार्थी दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्‍व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शरणार्थियों के संघर्ष और योगदान को याद करना है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्‍व शरणार्थी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘उम्मीद है घर से दूर’ (hope away from home) है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रत्येक वर्ष विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2000 में की थी. इसे दिवस घोषित करने से पहले 20 जून को कई देशों में अफ्रीकी शरणार्थी दिवस औपचारिक रूप से मनाया गया था.

शरणार्थी (Refugee) क्या है?

शरणार्थी यानि शरण में उपस्थित असहाय, लाचार, निराश्रय तथा रक्षा चाहने वाले व्यक्ति या उनके समूह को कहते हैं. इस प्रकार वह व्यक्ति विशेष या उनका समूह जो किसी भी कारणवश अपना घरबार या देश छोड़कर अन्यत्र के शरणांगत हो जाता है, वह शरणार्थी कहलाता है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अनुसार, विश्व में सबसे अधिक (6.6 मिलियन, 68%) शरणार्थी सीरिया से हैं. इसके बाद वेनेजुएला (3.7 मिलियन), अफगानिस्तान (2.7 मिलियन), दक्षिण सूडान (2.2 मिलियन) और म्यांमार (1.1 मिलियन) देशों से हैं.

19 जून: विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) मनाया जाता है. यह दिन सिकल सेल रोग, इसके उपचार के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए मनाया जाता है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा वर्ष 2008 में की थी. पहला विश्व सिकल सेल दिवस वर्ष 2009 में मनाया गया था.

सिकल सेल रोग क्या है?

  • सिकल सेल रोग (SCD) एनीमिया (रक्ताल्पता) लाल रक्त कणिकाएं (RBC) की एक प्रमुख वंशानुगत असामान्यता है.
  • सामान्य अवस्था में RBC गोलाकार होती है और उनका जीवनकाल 120 दिन तक होता है. परन्तु सिकल सेल रोग में RBC का आकार अर्धचंद्र/हंसिया (sickle) की तरह होता है और इनका जीवनकाल मात्र 10-20 तक ही होता है.
  • ये असामान्य आकार की RBC कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में फंस जाती हैं, जिससे शरीर के कई हिस्सों में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम या रुक जाता है.
  • यह RBC के जीवन काल को भी कम करता है तथा एनीमिया का कारण बनता है, जिसे सिकल सेल एनीमिया (रक्ताल्पता) के नाम से जाना जाता है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की ज़रुरत पड़ती है.

18 जून: ऑटिस्टिक प्राइड डे, ऑटिज्म से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 18 जून को ‘ऑटिस्टिक प्राइड डे’ (Autistic Pride Day) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य यह जागरुकता लाना है कि ऑटिज्म कोई रोग नहीं बल्कि स्नायु तंत्र का विकार है जिसके कारण व्यक्ति के व्यवहार और सामाजिक संपर्क में असंतुलन आ जाता है.

इस दिन को एक इंद्रधनुष अनंत प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है, जो ऑटिस्टिक लोगों की अनंत संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है.

इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को ‘विश्व ऑटिज्म दिवस’ मनाया जाता है. यह संयुक्त राष्ट्र के 7 आधिकारिक स्वास्थ्य विशिष्ट दिनों में से एक है.

ऑटिज्म क्या है?

यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बातचीत और दूसरे लोगों से व्यवहार करने की क्षमता को सीमित कर देता है. हर एक बच्चे में इसके अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ बच्चे बहुत जीनियस होते हैं. कुछ को सीखने-समझने में भी परेशानी होती है. 40 प्रतिशत ऑटिस्टिक बच्चे बोल नहीं पाते. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक 160 में से एक बच्चा ऑटिस्टिक है.

17 जून: विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 17 जून को ‘विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस’ (World Day to Combat Desertification and Drought) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से बंजर और सूखे के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए जन जागरुकता को बढ़ावा देना है.

विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)– ‘उसकी भूमि. उसके अधिकार’ (Her land. Her rights) है.

विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस का इतिहास

वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम और सूखा दिवस की घोषणा की थी. पहला विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (WDCD) वर्ष 1995 से मनाया गया था.

मरुस्थलीकरण क्या है?

मरुस्थलीकरण जमीन के अनुपजाऊ हो जाने की प्रक्रिया है. जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से शुष्क, अर्द्ध-शुष्क और निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों की जमीन मरुस्थल या रेगिस्तान में बदल जाती है. इससे जमीन की उत्पादन क्षमता में कमी और ह्रास होता है.

वर्तमान में समस्त विश्व के कुल क्षेत्रफल का 20 प्रतिशत मरुस्थलीय भूमि के रूप में है. जबकि सूखाग्रस्त भूमि कुल वैश्विक क्षेत्रफल का एक तिहाई है.

मरुस्थलीकरण भारत की प्रमुख समस्या

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मरुस्थलीकरण भारत की प्रमुख समस्या बनती जा रही है. भारत का 29.32 फीसदी क्षेत्र मरुस्थलीकरण से प्रभावित है. इसमें से 82 प्रतिशत हिस्सा केवल आठ राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में हैं.

मरुस्थलीकरण से निवारण के उपाय

वनीकरण को प्रोत्साहन इस समस्या से निपटने में सहायक हो सकता है, कृषि में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक उर्वरकों का प्रयोग सूखे को कम करता है. फसल चक्र को प्रभावी रूप से अपनाना और सिंचाई के नवीन और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना जैसे बूंद-बूंद सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई आदि.

15 जून: विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 15 जून को दुनिया भर में ‘विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस’ (World Elder Abuse Awareness Day) मनाया जाता है. यह दिवस बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्‍यवहार की रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2023 में बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस ‘क्लोजिंग द सर्कल: एड्रेसिंग जेंडर-बेस्ड वॉयलेंस’ (Closing the Circle: Addressing Gender-Based Violence) थीम पर मनाया गया.

संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2011 में इस दिवस को मान्यता दी थी. पहला ‘विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस’ 15 जून 2012 को मनाया गया था.

16 जून: अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस

प्रत्येक वर्ष 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस (International Day of Family Remittances) मनाया जाता है. यह दिन विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के प्रयासों को सम्मानित करने और प्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) की गवर्निंग काउंसिल द्वारा 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2015 में की थी. 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे स्वीकृत किया था.

विदेशों में रह रहे अप्रवासी द्वारा अपने देश में धन के हस्तांतरण को प्रेषण (remittance) कहा जाता है. यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विकासशील देशों के लिए सबसे बड़े वित्तीय प्रवाहों में से एक है.

14 जून: विश्व रक्तदान दिवस, नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती

प्रत्येक वर्ष 14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस’ (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुरक्षित रक्त की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्त-दाताओं के सुरक्षित जीवन-रक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है.

विश्व रक्तदान दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व रक्तदान दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन बांटो, बार-बार बांटो’ (Give blood, give plasma, share life, share often) है.

इतिहास: नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रत्येक वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा 2004 में की थी. पहली बार विश्व रक्तदान दिवस 14 जून 2004 को मनाया गया था.

14 जून को नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती पर यह दिवस मनाया जाता है. कार्ल लैंडस्टेनर को ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय जाता है. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने के लिए कार्ल लैंडस्टेनर को 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

WHO ने आठ वैश्विक स्वास्थ्य अभियान घोषित किया है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व रक्तदाता दिवस सहित आठ वैश्विक स्वास्थ्य अभियान घोषित किया है. अन्य स्वास्थ्य अभियानों में विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च), विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल), विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल), विश्व टीकाकरण सप्ताह (अप्रैल का अंतिम सप्ताह), विश्व तंबाकू दिवस (31 मई), विश्व हेपेटाइटिस दिवस (28 जुलाई) और विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) हैं.