12 जून: विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है. बाल मज़दूरी (Child Labour) के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से कम उम्र के बच्‍चों को इस काम से निकालकर उन्‍हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्‍य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में ‘विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस’ की थीम- ‘सभी के लिए सामाजिक न्याय। बाल श्रम खत्म करो!’ (Social Justice for All. End Child Labour!) है.

इतिहास

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में की थी. ILO के मुताबिक आज भी 152 मिलियन बच्चे मज़दूरी करते हैं. बाल मज़दूर हर क्षेत्र में मौजूद हैं, वहीं 10 में से 7 बच्चे खेतों में काम करते हैं.

भारत में बाल श्रम से संबंधित संवैधानिक प्रावधान और कानूनी प्रयास

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 के अनुसार देश में संविधान लागू होने के 10 साल के भीतर राज्य 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रयास करेंगे.
  • बाल श्रम भारतीय संविधान के समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है. इस सूची के अन्‍तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है.
  • बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिये अहितकर कार्य को निषिद्ध करता है. फैक्टरी कानून 1948, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नियोजन को निषिद्ध करता है.
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