12 अगस्त: अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं के मुद्दों और उनकी बातों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है.

इस वर्ष यानी 20233 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य विषय (थीम) “युवाओं के लिए हरित कौशल: एक सतत विश्व की ओर” (Green Skills for Youth: Towards a Sustainable World) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1999 में यह दिवस मनाये जाने का फैसला किया था. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार साल 2000 में किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1985 को ‘अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष’ घोषित किया था.

10 अगस्त: विश्‍व जैव ईंधन दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 10 अगस्‍त को ‘विश्‍व जैव ईंधन दिवस’ (World Biofuel Day) मनाया जाता है. इसका उद्देश्‍य पांरपरिक जीवाश्‍म ईंधनों के विकल्‍प के रूप में गैर-जीवाश्‍म ईंधनों के महत्‍व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. जैव ईंधन पर्यावरण के अनुकूल ईंधन हैं और इसके उपयोग से कार्बन उत्सर्जन कम करने की वैश्विक चिंताओं का समाधान होगा.

इस वर्ष यानि 2023 में विश्‍व जैव ईंधन दिवस का विषय (थीम) ‘स्थिरता और ग्रामीण आय के लिए जैव ईंधन’ (Biofuels for Sustainability and Rural Income) है.

इस्‍तेमाल किये गये खाद्य तेल से ‘जैव ईंधन’ का उत्‍पादन करना
भारत में खाद्य तेल (कुकिंग ऑयल) का उपयोग विभिन्‍न चीजों को तलने-भुनने के लिए किया जाता है. ये प्रयुक्‍त खाद्य तेल (Used Cooking Oil- UCO) या तो पूरी तरह से नष्‍ट नहीं होता है अथवा पर्यावरण अनुकूल ढंग से इसका निस्‍तारण नहीं हो पाता है, जिससे नालियां और सीवरेज प्रणालियां जाम हो जाती हैं. भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जैव ईंधनों पर जारी राष्‍ट्रीय नीति में UCO से जैव ईंधन (बायोफ्यूल) का उत्‍पादन करने की परिकल्‍पना की गई है.

भारत में लगभग 22.7 mmtpa (2700 करोड़ लीटर) कुकिंग ऑयल का उपयोग होता है, जिनमें से 1.2 mmtpa (140 करोड़ लीटर) UCO को बल्‍क उपभोक्‍ताओं जैसे कि होटलों, रेस्‍तरां, कैंटीन इत्‍यादि से प्राप्‍त किया जा सकता है. इससे हर वर्ष तकरीबन 110 करोड़ लीटर जैव डीजल की प्राप्ति होगी.

8 अगस्त 2023: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 81वीं वर्षगांठ

8 अगस्त 2023 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (अगस्त क्रांति दिवस) की 81वीं वर्षगांठ (81st Quit India Movement) मनाई गयी. आज से 80 साल पहले 1942 में आज ही के दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बंबई अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ को मंजूरी दी थी, इससे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक बड़े आंदोलन का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन खत्म करने का बिगुल बजाया था. इसकी नींव मुंबई के गोवलिआ टैंक, यानि की अगस्त क्रांति मैदान में रखी गयी थी. क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद गांधी जी ने मुंबई में गोवालिया टैंक मैदान में अपने भाषण में ‘करो या मरो’ का आह्वान किया था.

भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा के एक दिन बाद ही महात्‍मा गांधी और अन्‍य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के दौरान जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया जैसे दूसरे पंक्ति के नेताओं ने आंदोलन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत छोड़ो आंदोलन 1947 में भारत के एक संप्रभु राष्ट्र बनने से पहले आयोजित अंतिम प्रमुख सविनय अवज्ञा आंदोलन था.

प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को अहमदनगर किले में कैद किया गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन में महाराष्‍ट्र के अहमदनगर किले की विशेष भूमिका रही है. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बारह प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को इसी किले में कैद कर रखा गया, जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे. यहीं पर उन्होनें अपना लोकप्रिय ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ ग्रंथ लिखा. सन 2003 में, भारतीय पुरातत्वशास्त्र सर्वेक्षण ने अहमदनगर किले को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया.

गांधीजी को आगा खान पॅलेस में रखा गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन का आरम्भ मुंबई में करने के पश्चात महात्मा गांधीजी को हिरासत में लेकर पुणे के आगा खान पॅलेस में रखा गया. उनके साथ उनकी पत्नी कस्तुरबा तथा उनके नीजी सचिव महादेव देसाई भी थे. इस दौरान कस्तुरबा तथा देसाई का यहीं पर देहान्त हुआ, उनकी समाधियां आगा खान पॅलेस में स्थित है.

7 अगस्त: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान में इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और हथकरघा को बढ़ावा देना, बुनकरों की आय को बढ़ाना और उनके गौरव में वृद्धि करना है.

हथकरघा दिवस मनाने के लिए 7 अगस्‍त का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्‍व का होने के कारण चुना गया है. इसी दिन 1905 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में स्‍वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था. इस दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी.

भारत सरकार ने इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2015 में मनाया गया था. 7 अगस्त 2023 को 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया.

6 अगस्त 2023: हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की 78वीं वर्षगांठ

प्रत्येक वर्ष 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) और जापान में शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान जापान के हिरोशिमा पर इसी दिन में परमाणु बम गिराया गया था. इसे मानव इतिहास में काला दिन भी कहा जाता है. इसे दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है, ताकि दुनिया इस तबाही से कुछ सीख ले. आज जापानी शहर पर परमाणु बमबारी की 78वीं वर्षगांठ है.

हिरोशिमा दिवस: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है, जिसने मानव इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले परमाणु बमों का इस्तेमाल किया है.
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जपान के हिरोशिमा नामक नगर में ‘लिटिल बॉय’ नामक यूरेनियम गिराया था. यह बम उस समय का सबसे शक्तिशाली बम माना जाता था.
  • हिरोशिमा को तबाह करने के बाद अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर ‘फैट मैन’ नामक प्लूटोनियम बम गिराया.
  • हिरोशिमा नगर जापान के होन्शु द्वीप में स्थित है जबकि नागासाकी क्यूशू द्वीप में स्थित है.

1-7 अगस्त: विश्व स्तनपान सप्ताह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week- WBW) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य स्तनपान को प्रोत्साहन तथा समर्थन देना है. स्तनपान, बच्चे के जीवन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण व कम लागत वाला प्रयास है.

विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 की थीम

इस वर्ष (2023) के स्तनपान सप्ताह की थीम (मुख्य विषय)- ‘आइए स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!’ (Let’s make breastfeeding and work, work!) है.

यह दिवस UNICEF, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उनके सहयोगी संस्थाओं द्वारा मनाया जाता है. पहला विश्व स्तनपान सप्ताह 1992 में World Alliance for Breastfeeding Action (WABA) द्वारा मनाया गया था.

बाल अधिकारों पर WHO के कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है.

28 जुलाई: विश्व हेपेटाइटिस दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस के विषय में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम (मुख्य विषय)- ‘एक जिंदगी, एक यकृत’ (One Life, One Liver) है.

हेपेटाइटिस: एक दृष्टि
  • हेपेटाइटिस, विषाणु (virus) के कारण फैलता है जो यकृत (लीवर) को प्रभावित करता है. हेपेटाइटिस के कारण लिवर कैंसर सहित अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्‍पन्‍न हो जाती है.
  • हेपेटाइटिस A, B, C, D और E हेपेटाइटिस के प्रकार हैं. हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन और जल के सेवन से होता है. हेपेटाइटिस B, C और D आमतौर पर संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से होता है.
  • भारत में हैपेटाइटिस को 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग का जन्मदिन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पहल पर हर वर्ष 28 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है. यह दिवस नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की खोज की थी और टीका विकसित किया था.

26 जुलाई 2023: करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई गयी

प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन वर्ष 1999 में करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों की याद में मनाया जाता है. इस वर्ष 2023 में करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई गयी.

26 जुलाई, 1999 को भारत ने ऊंचे इलाकों की उन सभी चैकियों की कमान सफलतापूर्वक हासिल कर ली थी जिन पर पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया था. यह युद्ध 60 दिन से अधिक समय तक चला.

करगिल विजय दिवस: मुख्य तथ्य

  • साल 1999 में करगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था. करगिल को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने के भारतीय सेना के अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया था.
  • भारतीय सेना को कारगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था.
  • भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बंदरगाहों, विशेष रूप से कराची में नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन तलवार शुरू किया था.
  • ऑपरेशन विजय 8 मई को शुरू हुआ था और 26 जुलाई को खत्म. ‘ऑपरेशन विजय’ में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए थे.
  • कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे.

24 जुलाई: भारत में आयकर दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 24 जुलाई को भारत में आयकर दिवस (Income Tax Day) मनाया जात है. इस अवसर पर कर-भुगतान को बढ़ावा देने और इसे नागरिकों के कर्तव्य के रूप में स्थापित करने के लिए अनेक लोक संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

मुख्य बिन्दु

  • भारत में वर्ष 2010 में आयकर प्रणाली के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयकर दिवस की शुरुआत की गई थी. वर्ष 1860 में पहली बार एक शुल्क के रूप में आयकर लगाया गया था, उसी वर्ष 24 जुलाई को आयकर प्राधिकरण शुरू हुआ था.
  • 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए 24 जुलाई, 1860 को सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में भारत में आयकर पेश किया गया था.

23 जुलाई: बाल गंगाधर तिलक और चन्द्रशेखर आजाद की जयंती

23 जुलाई को देश के दो वीर सपूतों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्र शेखर आजाद की जयंती है. इन दोनों सपूतों में देश की आजादी में अहम योगदान दिया था.

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे. बाल गंगाधर तिलक ने ही सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी.

23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक ब्राह्मण परिवार में जन्में तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. अंग्रेजों ने तिलक को 1906 में विद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर 6 साल की सजा सुनाई और बर्मा के एक जेल में डाल दिया था.

उन्होंने बर्मा के जेल में रहते हुए महान किताब ‘गीता रहस्य’ लिखी थी. भारत का यह महान सपूत 1 अगस्त 1920 को हमें अलविदा कह गया.

चन्द्रशेखर आजाद

महान क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 के दिन अलीराजपुर जिला के भाबरा गांव में पिता पण्डित सीताराम तिवारी और माता जगरानी देवी के यहां हुआ था. महज 14 साल के थे जब गांधीजी जी के सन् 1921 में असहयोग आन्दोलन में भाग लेने पर वे पहली बार गिरफ़्तार हुए थे. यही से चन्द्रशेखर के साथ आजाद नाम जुड गया.

9 अगस्त 1925 में काकोरी काण्ड को अंजाम दिया. चन्द्रशेखर आज़ाद ने 8 सितम्बर 1928 को दिल्ली के फीरोजशाह कोटला मैदान में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन की स्थापना की. 27 फ़रवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क में चन्द्रशेखर आजाद और पुलिस बल के बीच भयंकर गोलीबारी हुई आखीरी गोली बचने पर चन्द्रशेखर आजाद ने खूद को गोली मार ली और इस तरह देश का सच्चा सपूत शहीद हो गया.

23 जुलाई: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National Broadcasting Day) मनाया जाता है.

1927 में आज के ही दिन देश का पहला रेडियो प्रसारण एक निजी कंपनी- इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) के तहत बॉम्बे (बम्‍बई) केंद्र से किया गया था. 1930 में सरकार ने इस कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया और ‘भारतीय प्रसारण सेवा’ के नाम से उन्‍हें परिचालित करना शुरू कर दिया. 8 जून 1936 को भारतीय प्रसारण सेवा को ‘ऑल इंडिया रेडियो’ नाम दिया गया. 1956 में इसे ‘आकाशवाणी’ नाम दिया गया.

आकाशवाणी जन जन को सूचना पहुंचाने, शिक्षा और मनोरंजन प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. वर्तमान में आकाशवाणी के 414 केन्‍द्र हैं, जो 23 भाषाओं और 179 बोलियों में प्रसारण उपलब्‍ध कराते हैं. आकाशवाणी का आदर्श वाक्य – ‘बहुजन हिताय : बहुजन सुखाय’ है.

22 जुलाई: राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस, राष्ट्रीय झण्डा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस (National Flag Adoption Day) मनाया जाता है. इसी दिन 1947 में भारतीय संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.

राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

  • स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान कई अलग-अलग ध्वजों का प्रयोग किया गया. प्रथम राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक कलकत्ता में फहराया गया था. इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था. पीली पट्टी पर कमल बना हुआ था.
  • कांग्रेस के बेजवाड़ा (वर्तमान विजयवाड़ा) सत्र में आंध्र प्रदेश के एक युवक पिंगली वेंकैया ने एक झंडा बनाया. यह दो रंगों लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है. गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए.
  • 1931 ध्‍वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष रहा. तिरंगे ध्‍वज को राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया गया. यह ध्‍वज केसरिया, सफेद और मध्‍य में चलते हुए चरखे के साथ था.
  • 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्‍त भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया. स्स्वतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और उनका महत्‍व बना रहा. केवल ध्‍वज में चलते हुए चरखे के स्‍थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया.
  • वर्तमान में भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है. बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्‍य का प्रतीक है. निचली हरी पट्टी हरियाली, उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है.
  • 2002 से पहले, भारत की आम जनता के लोग केवल गिने चुने राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़ सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहरा नहीं सकते थे. लेकिन एक याचिका पर 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्‍वज संहिता में संशोधन किया गया और स्‍वतंत्रता के कई वर्ष बाद भारत के नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्‍ट‍री में न केवल राष्‍ट्रीय दिवसों पर, बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रुकावट के फहराने की अनुमति मिल गई.
  • सुविधा की दृष्टि से भारतीय ध्‍वज संहिता, 2002 को तीन भागों में बांटा गया है. संहिता के पहले भाग में राष्‍ट्रीय ध्‍वज का सामान्‍य विवरण है. संहिता के दूसरे भाग में जनता, निजी संगठनों, शैक्षिक संस्‍थानों आदि के सदस्‍यों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में बताया गया है. संहिता का तीसरा भाग केन्‍द्रीय और राज्‍य सरकारों तथा उनके संगठनों और अभिकरणों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में जानकारी देता है.