शेहान करुणातिलका को ‘दि सेवन मून ऑफ माली अल्मेडा’ के लिए बुकर पुरस्कार

वर्ष 2022 का बुकर पुरस्कार (Booker Prize 2022) श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलका (Shehan Karunatilaka) को दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘दि सेवन मून ऑफ माली अल्मेडा’ (The Seven Moons of Maali Almeida) के लिए दिया गया है.

शेहान करुणातिलका इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार को प्राप्त करने वाले दूसरे श्रीलंकाई हैं. पहले श्रीलंकाई माइकल ओन्डाटजे हैं, जिन्हें 1992 में ‘द इंग्लिश पेशेंट’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.

बुकर पुरस्‍कार: एक दृष्टि

  • बुकर पुरस्‍कार के पूरा नाम ‘मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन’ (Man Booker Prize for Fiction) है.
  • बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी.
  • यह पुरस्‍कार राष्ट्रमंडल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है.
  • बुकर पुरस्कार विजेता को 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है.
  • पहला बुकर पुरस्कार इंगलैंड के उपन्यासकार पी एच नेवई (P. H. Newby) को ‘Something to Answer For’ के लिए दिया गया था.

बुकर पुरस्‍कार पाने वाले भारतीय: एक दृष्टि
कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है. ये लेखक हैं- वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी, किरण देसाई और अरविन्द अडिग.

लेखक उपन्यास वर्ष
1. वी एस नाइपॉल इन ए फ़्री स्टेट 1971
2. सलमान रश्दी मिडनाइट्स चिल्ड्रेन 1981
3. अरुंधति राय द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स 1997
4. किरण देसाई द इनहैरिटैंस ऑफ लॉस 2006
5. अरविन्द अडिग द व्हाइट टाइगर 2008
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