डेली कर्रेंट अफेयर्स
संयुक्त राष्ट्र ने ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट’ 2021 जारी की
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट’ (Global Forest Goals Report) 2021 जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी ने वनों के प्रबंधन में विभिन्न देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को बढ़ा दिया है.
इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (Department of Economic and Social Affairs) द्वारा तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट में ‘यूनाइटेड नेशन स्ट्रेटेजिक प्लान फॉर फॉरेस्ट’ 2030 में शामिल उद्देश्यों और लक्ष्यों की समीक्षा की गयी है.
वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट 2021: मुख्य बिंदु
- वैश्विक आबादी का 25% (लगभग 1.6 बिलियन) लोग अपनी जीवन निर्वाह संबंधी आवश्यकताओं (आजीविका, रोज़गार और आय) के लिये वनों पर निर्भर हैं.
- विश्व में ग्रामीण क्षेत्रों में से लगभग 40% लोग वनों और सवाना क्षेत्रों में रहते हैं. यह वैश्विक जनसंख्या का 20% है.
विश्व में वन की स्थिति: एक दृष्टि
- वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन 2020 (FRA 2020) रिपोर्ट के अनुसार विश्व में कुल वन क्षेत्र लगभग 4.06 बिलियन हेक्टेयर है, जो कि कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 31 प्रतिशत है. यह क्षेत्र प्रति व्यक्ति 0.52 हेक्टेयर के बराबर है.
- विश्व के 54 प्रतिशत से अधिक वन केवल पाँच देशों- रूस, ब्राज़ील, कनाडा, अमेरिका और चीन में हैं.
- वनों के लिए संयुक्त राष्ट्र सामरिक योजना (United Nations Strategic Plan for Forests) में वर्ष 2030 तक विश्व में वन क्षेत्र को 3% तक बढ़ाने का लक्ष्य शामिल है जो लगभग 1.20 बिलियन हेक्टेयर है.
भारत में वन की स्थिति: एक दृष्टि
भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 के अनुसार देश के भौगोलिक क्षेत्र का कुल वन और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र 24.56% है. भारत में सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले पांच राज्य- मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र हैं.
भारत की राष्ट्रीय वन नीति, 1988 में देश के 33% भौगोलिक क्षेत्र को वन और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया है.
रूस ने जानवरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित किया
रूस ने जानवरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला वैक्सीन (टीका) विकसित किया है. जानवरों के लिए बनाई गई इस वैक्सीन का नाम ‘कार्निवैक-कोव’ (Carnivac-Cov) है.
जानवरों के लिए कोरोना वैक्सीन कार्निवैक-कोव (Carnivac-Cov) वैक्सीन रूस में पशु चिकित्सा और फाइटोसैनिटरी निगरानी के लिए एक संघीय सेवा रोसेलखोज़नाज़ोर (Rosselkhoznadzor) द्वारा विकसित किया गया है. इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ था. इसमें कुत्तों, बिल्लियों, आर्कटिक लोमड़ियों, मिंक, लोमड़ियों और अन्य जानवरों को शामिल किया गया था.
ट्रायल के परिणाम में यह बात सामने आई कि वैक्सीन जानवरों के लिए हानिरहित और अत्यधिक प्रतिरक्षात्मक है. जितने जानवरों को टीका लगाया गया था उन सब में कोरोना वायरस के लिए एंटीबॉडी विकसित हुई. टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षण छह महीने तक रहता है.
भारत और किर्गिज़स्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ आयोजित किया गया
भारत और किर्गिज़स्तान के बीच 16 से 30 अप्रैल तक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ आयोजित किया गया था. इसका आयोजन किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक में किया गया था. यह सैन्य अभ्यास मुख्य तौर पर ऊँचाई वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों और आतंकवाद एवं अतिवाद पर केंद्रित था.
भारत और किर्गिज़स्तान के संयुक्त विशेष बलों के बीच आयोजित होने वाले ‘खंजर’ सैन्य अभ्यास का आठवाँ संस्करण था. इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी.
भारतीय वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की अधिक उपज देने किस्म MACS-1407 विकसित की
भारतीय वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की एक अधिक उपज देने वाली और कीट प्रतिरोधी किस्म विकसित की है. MACS-1407 नाम की यह नई किस्म असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त. इसके बीज वर्ष 2022 के खरीफ के मौसम के दौरान किसानों को बुवाई के लिए उपलब्ध कराये जायेंगे.
सोयाबीन की नई किस्म MACS-1407 का विकास अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI), पुणे के वैज्ञानिकों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली के सहयोग से किया है. ARI, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (MACS) के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है.
MACS-1407 का विकास पारंपरिक क्रॉस ब्रीडिंग तकनीक का उपयोग करके किया है, जो कि प्रति हेक्टेयर में लगभग 39 क्विंटल का पैदावार देते हुए इसे एक अधिक उपज देने वाली किस्म बनाता है. यह गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी है. यह पूर्वोत्तर भारत की वर्षा आधारित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है.
जाने-माने सितार वादक पदमभूषण पंडित देबू चौधरी का निधन
जाने-माने सितार वादक पदमभूषण पंडित देवव्रत चौधरी उर्फ देबू चौधरी का 1 मई को निधन हो गया. वे 85 साल के थे. उन्होंने सेनिआ संगीत घराना के पंचू गोपाल दत्ता और संगीत आचार्य उस्ताद मुश्ताक अली खान से संगीत की शिक्षा ली थी.
भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
जापान ने भारतीय शिक्षिका श्यामला गणेश को ‘ऑर्डर ऑफ राइजिंग सन’ से सम्मानित किया
जापान सरकार ने भारतीय शिक्षिका श्यामला गणेश को ‘ऑर्डर ऑफ राइजिंग सन’ (Order of Rising Sun) से सम्मानित किया है. उन्हें यह सम्मान भारत में जापान की बेहतर समझ को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच संबंध को प्रगाढ़ बनाने के लिए सम्मानित किया है.
ऑर्डर ऑफ राइजिंग सन: एक दृष्टि
‘ऑर्डर ऑफ राइजिंग सन’ जापान की संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण के प्रचार और अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों में उपलब्धि के लिए किसी व्यक्ति को दिया जाता है. जापान के बादशाह मेइजी ने 1875 में इस सम्मान को शुरू किया था. यह जापानी सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार है.
श्यामला गणेश
श्यामला गणेश, बेंगलुरु स्थित सेप्टुजेनिरेनियन संस्थान (Septuagenarian institution) में एक जापानी भाषा की शिक्षक हैं. श्यामला ने अपने पति गणेश के साथ 1983 में बेंगलुरु में जापानी भाषा स्कूल शुरू किया था.
1 मई 2021: महाराष्ट्र और गुजरात का 61वां स्थापना दिवस
महाराष्ट्र और गुजरात प्रत्येक वर्ष 1 मई को अपना स्थापना दिवस मनाते हैं. 1960 में इसी दिन मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य (बांबे स्टेट) का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई थी. इस वर्ष यानी 2021 में दोनों राज्यों ने 61वां स्थापना दिवस मनाया.
भारत के संसद ने बांबे स्टेट को गुजरात और महाराष्ट्र में विभाजित करने के लिए ‘बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960’ पारित किया था. यह अधिनियम 1 मई 1960 को लागू हुआ था. अधिनियम के तहत जहाँ लोग गुजराती और कच्छी बोलते थे उस क्षेत्र में गुजरात का गठन किया गया. दूसरे क्षेत्र का नाम महाराष्ट्र रखा गया था जहां लोग कोंकणी और मराठी बोलते थे.
भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन
- 1960 से महाराष्ट्र एवं गुजरात ‘बांबे स्टेट’ का हिस्सा हुआ करते थे. बॉम्बे में मराठी और गुजराती दोनों भाषाएं बोली जाती थीं. धीरे-धीरे दोनों भाषाओं के लोगों के बीच अलग राज्य की मांग उठने लगी.
- 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्यों का गठन किया गया. इस अधिनियम के अंतर्गत तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश, कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बना, वहीं मलयालम बोलने वालों के लिए केरल और तमिल भाषी लोगों के लिए तमिलनाडु बना.
- 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम में बॉम्बे के मराठी और गुजराती लोगों को अलग राज्य नहीं मिला. गुजराती और मराठी लोगों ने अलग राज्य की मांग के लिए बॉम्बे में आंदोलन करना शुरू कर दिया.
- 1 मई 1960 को बॉम्बे को बांटकर दो राज्य महाराष्ट्र और गुजरात बना दिए गए. अब दोनों राज्य बॉम्बे को अपने राज्य का हिस्सा बनाना चाहते थे. काफी खींचातान के बाद बॉम्बे को महाराष्ट्र की राजधानी बना दिया गया.
1 मई: अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस
प्रत्येक वर्ष 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे मई दिवस (May Day) या मजदूर दिवस (Labour Day) के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन को मजदूरों के योगदान के सम्मान के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संघों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देना है.
मजदूर दिवस का इतिहास
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़दूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई, 1886 को हुई थी. उस दिन अमरीका के मज़दूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे रोज़ाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए मज़दूर संघों ने हड़ताल की. इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम विस्फोट के बाद पुलिस की गोलीबारी में कई मज़दूरों की जान गई.
1889 में अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में घोषणा की गई कि हेमार्केट में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों तथा श्रमिकों का अवकाश रहेगा.
भारत के सन्दर्भ में मजदूर दिवस
भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई, 1923 को इसकी शुरूआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन अब दुनिया के अन्य देशों की तरह इसे मई दिवस के रूप में ही मनाया जाता है.
मई माह का प्रथम रविवार: विश्व हास्य दिवस
प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहले रविवार को ‘विश्व हास्य दिवस’ (World Laughter Day) मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2021 में यह दिवस 2 मई को मनाया गया. विश्व हास्य दिवस का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और भाई-चारे और सदभाव के उद्देश्य से हुई.
विश्व हास्य दिवस की शुरुआत डॉ. मदन कटारिया ने 11 जनवरी 1998 को मुंबई में की थी. मदन कटारिया विश्व हास्य-योग आंदोलन के संस्थापक थे.
हास्य-योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं. यह व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
अप्रैल में GST संग्रह 1.41 लाख करोड़ रुपये
अप्रैल के महीने में वस्तु और सेवा कर (GST) के का कुल संग्रह 1 लाख 41 हजार 384 करोड़ रुपये रहा जो रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है. मार्च 2021 के मुकाबले अप्रैल में GST संग्रह 14 प्रतिशत बढ़ा है.
अभिनेता बिक्रमजीत कँवरपाल का 1 मई निधन
हिंदी फिल्म और सीरियल अभिनेता बिक्रमजीत कँवरपाल का 1 मई को निधन हो गया, वे 52 वर्ष के थे. वे कोविड-19 से संक्रमित थे. उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों, टीवी शो और वेब सीरीज में काम किया था.
म्यांमार में करेन विद्रोहियों ने एक सैन्य पोस्ट पर कब्ज़ा किया
म्यांमार में करेन विद्रोहियों (Karen Rebels) ने एक सैन्य पोस्ट पर कब्ज़ा कर लिया है. यह पोस्ट उत्तर पश्चिमी थाईलैंड की सीमा के करीब स्थित है. करेन म्यांमार में सबसे पुराने विद्रोही समूह हैं. वे एक स्वतंत्र राज्य के लिए 1949 से म्यांमार सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. करेन म्यांमार का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं.
भारत-रूस ‘2+2’ संवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘2+2’ संवाद (2+2 Dialogue) स्थापित करने के लिए सहमति व्यक्त की है. यह संवाद दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच होगा. भारत मौजूदा समय में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ 2+2 संवाद का आयोजन करता है.
ख्यातिप्राप्त शूटर चंद्रो तोमर का निधन
ख्यातिप्राप्त शूटर चंद्रो तोमर का 30 अप्रैल को निधन हो गया. वह शूटर दादी नाम से जानी जाती थीं. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पदक जीतकर कामयाबी हासिल की थी. उनके जीवन पर ‘सांड की आँख’ नामक फिल्म भी बनाई गयी थी.