विश्व बैंक ‘ग्लोबल इकनॉमिक प्रोस्पेक्ट’ रिपोर्ट, वैश्विक GDP 4 फीसद रहने का अनुमान
विश्व बैंक ने मौजूदा वर्ष (2021) के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी एक अनुमानित रिपोर्ट ‘ग्लोबल इकनॉमिक प्रोस्पेक्ट’ (Global Economic Prospects) जारी की है. इस रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यस्था की वृद्धि दर 4 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है. इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि पूरी दुनिया में छाई महामारी के प्रभावों की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था के बाहर आने की प्रक्रिया कुछ धीमी रहेगी.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- इस रिपोर्ट में कहा गया है यदि महामारी को जल्द खत्म नहीं किया गया तो इसका असर न सिर्फ इस साल बल्कि अगले साल तक बना रह सकता है और वैश्विक वृद्धि की रफ्तार सुस्त हो सकती है.
- इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में दुनिया की अर्थव्यवस्था में 4.3 फीसद की कमी आई थी, लेकिन अब ये एक बार फिर से बढ़ोतरी की तरफ अग्रसर है.
- कोविड-19 महामारी की वजह से गरीब लोग और अधिक गरीब हुए हैं. रोजगार पहले की अपेक्षा कम हुए हैं और बेरोजगारी में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
- चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है.
- रिपोर्ट के मुताबिक महामारी की वजह से अमेरिका की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) मौजूदा वर्ष में 3 फीसद से अधिक की दर से बढ़ने का अनुमान है. वर्ष 2020 में इसमें 3.6 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी.
- जापान में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार करीब ढाई फीसद रहने की उम्मीद है. चीन की अर्थव्यवस्था में करीब आठ फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है.
ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स क्या है?
ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (Global Economic Prospects-GEP), विश्व बैंक समूह की एक रिपोर्ट है. यह वर्ष में दो बार जनवरी और जून में जारी की जाती है. इस रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विकास एवं संभावनाओं से संबंधित तथ्य जारी किये जाते हैं.