मोर्गन स्टेनली ने भारतीय बाजार को ओवरवेट श्रेणी में रखा

विश्व की दो दिग्गज आर्थिक शोध व बाजार पर नजर रखने वाली एजेंसियां स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) और मोर्गन स्टेनली ने 3 अगस्त को भारत के सकारात्मक आर्थिक क्षमताओं पर एक रिपोर्ट जारी की थी.

मुख्य बिन्दु

  • मोर्गन स्टेनली की तरफ से जारी रिपोर्ट में भारतीय पूंजी बाजार को ‘ओवरवेट’ की श्रेणी में रखा गया है जिसका मतलब यह हुआ कि भारत की इकोनॉमी अपनी श्रेणी के दूसरे देशों से बेहतर करेगी. इसी रिपोर्ट में चीन का दर्जा घटा दिया गया है.
  • उक्त दोनों रिपोर्टों के पहले विश्व बैंक, एडीबी और कई दूसरी निजी वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत वर्ष 2023-24 और इसके बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी बना रहेगा.
  • आरबीआई की तरफ से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत अगले 25 वर्षों तक सात फीसद की आर्थिक विकास दर लगातार हासिल करे तो वह वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सकता है.
  • मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 6.2 फीसद रहेगी.

S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट

  • S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट में के मुताबिक, भारत ने कोविड महामारी के काल से काफी बेहतर तरीके से बाहर निकलने का हुनर दिखाया है.
  • वर्ष 2024 से वर्ष 2031 के बीच भारत की औसत आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रहेगी और इसकी वजह से भारत वर्ष मौजूदा 3.4 अरब डॉलर से बढ़कर 6.7 अरब डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगी. साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी 4500 डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी.
  • ऊर्जा के बारे में बताया गया है कि वर्ष 2050 तक भारत की ऊर्जा मांग दो गुनी बढ़ जाएगी. इसके लिए भारत को अपने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के बीच बेहतर तालेमल करना होगा.
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