शंघाई सहयोग संगठन का 23वां शिखर सम्मेलन भारत की मेजबानी में आयोजित किया गया

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 23वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को आयोजित किया गया था. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस सम्मेलन की मेजबानी भारत ने की थी. इस सम्मेलन में सभी सदस्य देशों (चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान) के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.

SCO शिखर सम्मेलन 2023: मुख्य बिन्दु

  • SCO राष्ट्राध्यक्षों ने नई दिल्ली घोषणा-पत्र का अनुमोदन किया. इनमें एक अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद की ओर ले जाने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने में सहयोग और दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग है.
  • सदस्य देशों ने युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के निर्माण पर बल दिया.
  • सदस्य देश वर्ष 2024 को एससीओ पर्यावरण वर्ष घोषित करने पर सहमत हुए. संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की अगली बैठक 2024 में कजाकिस्तान में होगी.
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेता शामिल हुए. ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया था.
  • इस शिखर सम्मेलन में ईरान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का नया स्थायी सदस्य बनाया गया.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी. जिसे रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने शंघाई में एक शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था.

साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बने. उससे पहले भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था.

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