WWF की लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट: पांच दशक में 69 प्रतिशत वन्यजीवों की आबादी घटी

विश्व वन्यजीव कोष (WWF) ने हाल ही में ‘लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट’ (LPR) 2022 जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार साल 1970 से 2018 के बीच दुनियाभर में निगरानी वाली वन्यजीव आबादी में 69 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

LPR 2022 के मुख्य बिन्दु

  • यह रिपोर्ट कुल 5,230 नस्लों की लगभग 32,000 आबादी पर केंद्रित है. इसमें प्रदान किए गए ‘लिविंग प्लैनेट सूचकांक’ (LPI) के मुताबिक, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के भीतर वन्यजीवों की आबादी तेजी से घट रही है.
  • वैश्विक स्तर पर लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में वन्यजीवों की आबादी में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है. पांच दशकों में यहां औसतन 94 प्रतिशत की गिरावट आई है.
  • अफ्रीका में वन्यजीवों की आबादी में 66 प्रतिशत और एशिया प्रशांत में 55 प्रतिशत की कमी आई है.
  • अन्य नस्लों के समूहों की तुलना में ताजे पानी वाले क्षेत्रों में रह रहे वन्यजीवों की आबादी में औसतन 83 प्रतिशत अधिक गिरावट आई है.
  • साइकैड की आबादी पर सबसे ज्यादा खतरा है, जबकि कोरल (प्रवाल) सबसे तेजी से घट रहे हैं और उनके बाद उभयचर का स्थान आता है.
  • WWF ने कहा कि पर्यावास की हानि और प्रवास के मार्ग में आने वाली बाधाएं प्रवासी मछलियों की नस्लों के समक्ष आए लगभग आधे खतरों के लिए जिम्मेदार हैं.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीवों की आबादी में गिरावट के मुख्य कारण वनों की कटाई, आक्रामक नस्लों का उभार, प्रदूषण, जलवायु संकट और विभिन्न बीमारियां हैं.
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