डेली कर्रेंट अफेयर्स
22वां राष्ट्रमंडल खेल 2022 – बर्मिंघम, इंग्लैंड: मुख्य जानकारी
22वें राष्ट्रमंडल खेल 2022 (Birmingham 2022 Commonwealth Games) का आयोजन 27 जुलाई से 7 अगस्त 2022 तक इंग्लैंड के शहर बर्मिंघम में किया जा रहा है. इन खेलों के आठवें दिन 5 अगस्त को भारत ने 6 पदक जीते. ये सभी पदक कुश्ती में मिले. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता. अंशु मलिक ने रजत पदक देश के नाम किया. दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल ने कांस्य पदक जीता.
पदक तालिका में ऑस्ट्रेलिया पहले, इंग्लैंड दूसरे और कनाडा तीसरे स्थान पर है. भारत 9 स्वर्ण, 8 रजत और 9 कांस्य पदक सहित 20 पदक जीतकर सातवें पायदान पर है.
भारत में 10 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया
रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के तहत भारत के 10 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल (Ramsar Sites) सूची में शामिल किया गया है. सूची में शामिल किए गए 10 नए स्थलों में से तमिलनाडु के छह और गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा का एक-एक स्थल शामिल है. इन 10 स्थलों को शामिल किए जाने के बाद देश में कुल रामसर स्थलों की संख्या 64 हो गई है.
जिन आर्द्रभूमि को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया है उनमें शामिल हैं:
कोंथनकुलम पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु), 2. सतकोसिया गॉर्ज (ओडिशा), 3. नंदा झील (गोवा), 4. मन्नार की खाड़ी समुद्री जीवमंडल रिजर्व (तमिलनाडु), 5. रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य (कर्नाटक), 6. वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स (तमिलनाडु), 7. वेलोड पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु), 8. सिरपुर आर्द्रभूमि (मध्यप्रदेश), 9. वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु) और 10. उदयमर्थनपुरम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु
रामसर स्थल: एक दृष्टि
- अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि को रामसर स्थल कहा जाता है. रामसर स्थल पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं. इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं.
- आर्द्रभूमियां प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं.
- आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं. 1 बिलियन से अधिक लोग जीवनयापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं.
- रामसर स्थल का दर्ज उन आर्द्रभूमियों को दिया जाता है जो रामसर कन्वेंशन के मानकों को पूरा करते हैं. रामसर कन्वेंशन एक पर्यावरण संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है.
- रामसर स्थल नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है क्योंकि यहीं 02 फरवरी 1971 को रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
- भारत में अब कुल 64 रामसर स्थल हैं जो देश की कुल भूमि का 5% है. आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में गुजरात शीर्ष पर है (एक लंबी तटरेखा के कारण). इसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है.
- रामसर सूची के अनुसार, सबसे अधिक रामसर स्थलों वाले देश यूनाइटेड किंगडम (175) और मेंक्सिको (142) हैं. अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल (148,000 वर्ग किमी) सबसे अधिक बोलीविया में है.
भारत ऑस्ट्रेलिया के ‘पिच ब्लैक’ वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा.
भारतीय वायुसेना, पहली बार ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित ‘पिच ब्लैक’ वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा. इसका आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा 19 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा. भारत की भागीदारी की पुष्टि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने की है.
पिच ब्लैक: मुख्य बिन्दु
पिच ब्लैक 2022 अभ्यास में भारत समेत 17 देश भाग लेंगे. इस वर्ष प्रतिभागी राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका हैं.
अभ्यास “पिच ब्लैक” हर दो साल में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना (RAAF) द्वारा आयोजित किया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण “पिच ब्लैक” चार साल के अंतराल पर होने जा रहा है. पहला पिच ब्लैक अभ्यास 15-16 जून, 1981 में आयोजित किया गया था.
भारत 7 अगस्त को अंतरिक्ष में तिरंगा फहराएगा, आज़ादी-सैट का प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 7 अगस्त 2022 को अंतरिक्ष में तिरंगा फहराएगा. तिरंगा फहराने के लिए इसरो अपने सबसे छोटे व्यावसायिक रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजेगा. यह रॉकेट श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर छोड़ा जायेगा.
आज़ादी का अमृत महोत्सव
- 15 अगस्त, 2018 को प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि देश के 75वें स्वाधीनता दिवस (आज़ादी का अमृत महोत्सव) में अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा.
- 15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह देश में जारी आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होगा.
- आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान एक छोटा उपग्रह “आज़ादी-सैट” (Azaadi-SAT) भी भेजा जाएगा. इसमें 75 पेलोड लगे हैं.
- इनका निर्माण देशभर के 75 सरकारी ग्रामीण विद्यालयों की 750 युवा लड़कियों ने किया है. इस परियोजना की परिकल्पना स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में युवा लड़कियों में विज्ञान के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उन्हें अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए की गई है.
नौसेना की महिला अधिकारियों ने पहला स्वतंत्र समुद्री निगरानी मिशन पूरा किया
भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों के दल ने डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला स्वतंत्र समुद्री निगरानी मिशन पूरा कर इतिहास रच दिया है.
मिशन को गुजरात के पोरबंदर में नौसेना एयर एन्क्लेव स्थित नौसेना की एयर स्क्वाड्रन INAS-314 की पांच महिला अधिकारियों ने पूरा किया.
मिशन की कप्तानी लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की. इस दल में लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा, लेफ्टिनेंट शिवांगी, लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, लेफ्टिेनेंट पूजा पांडा और सब-लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत शामिल थीं.
भारत ने लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
भारत ने देश में निर्मित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइलों का 4 अगस्त को सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और सेना ने महाराष्ट्र में अहमद नगर के आर्मर्ड कोर सेंटर स्कूल के सहयोग से किया था.
- इस परीक्षण में मिसाइल ने दो अलग-अलग रेंज से सटीक निशाना लगाते हुये लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया.
- लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल में उच्च क्षमता का टैंक रोधी बारूद लगाया गया है, जो बख्तरबंद वाहनों को संरक्षण प्रदान करेगा.
- इस मिसाइल को मल्टी- प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
संसद ने ‘राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक-2021’ पारित किया
संसद ने ‘राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक-2021’ पारित किया है. राज्यसभा ने इस विधेयक को 3 अगस्त को मंजूरी दी जबकि लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल-कूद में भारत का प्रदर्शन बेहतर करना है. इस विधेयक से खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी.
भारत और अमरीका 18वां संयुक्त युद्धाभ्यास
भारत और अमरीका का 18वां संयुक्त युद्धाभ्यास 14 से 31 अक्तूबर तक उत्तराखंड के औली में आयोजित किया जाएगा. इसका उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाना है. पिछला युद्धाभ्यास अक्तूबर 2021 में अमरीका के अलास्का में हुआ था.
अमेरिकी सांसद अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे के बाद दक्षिण कोरिया पहुंची
अमरीका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान के ऐतिहासिक दौरे के बाद दक्षिण कोरिया पहुंच गई हैं. सुश्री पेलोसी 25 वर्ष से भी अधिक अवधि में ताइवान का दौरा करने वाली अमरीका की पहली स्पीकर हैं. ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात के दौरान सुश्री पेलोसी ने कहा कि अमरीका ताइवान सहित पूरे विश्व में लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
जी-7 ने ताइवान के आस-पास चीन के सैन्य अभ्यास की निंदा की
सात औद्योगिक देशों के समूह जी-7 ने ताइवान के आस-पास चीन के सैन्य अभ्यास की घोषणा की निंदा की है. अमरीकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे के बाद चीन ने इस सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी.
IOL ने पैट्रोलियम की आपातकालीन आपूर्ति के लिए बंगलादेश के साथ समझौता किया
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटे़ड (IOL) ने बंगलादेश के रास्ते भारत में पैट्रोलियम उत्पादों की आपातकालीन आपूर्ति के लिए बंगलादेश सडक और राजमार्ग विभाग के साथ समझौता किया है. पैट्रोलियम टैंकर मेघालय से बंगलादेश होते हुए त्रिपुरा जाएंगे.
चीन ने ताइवानी जल क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा मिसाइल परीक्षण किया
चीन ने ताइवानी जल क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा मिसाइल परीक्षण किया. चीनी सेना ने ताइवान के उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम तटों के पास जल क्षेत्र में 11 डोंगफेंग-श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 22 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवानी जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पार की.
वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक को लोकसभा में मंजूरी
लोकसभा ने 3 अगस्त को वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दी. यह वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम 1972 में संशोधन करता है. इसका उद्देश्य संरक्षित प्रजातियों की संख्या में वृद्धि करना है. इस विधेयक में “वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन” (CITES) को लागू करने का प्रावधान किया गया है.
2022-23 के सीजन के लिये गन्ने का मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2022-23 के गन्ना पिराई सीजन के लिये अब तक का सर्वाधिक मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल मंजूर किया गया है. यह वर्ष 2021-22 के मौजूदा मूल्य से 2.6 प्रतिशत अधिक है. गन्ना उत्पादक किसानों को निश्चित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य तय किया जाता है.