दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022 द्वारा तीनों नगर निगमों का विलय हुआ

दिल्ली में 22 मई से ‘दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022’ लागू हो गया. इस कानून के लागू होने के साथ ही तीनों नगर निगमों का विलय हो गया.

ज्ञानेश भारती को दिल्ली नगर निगम का आयुक्त बनाया गया

गृह मंत्रालय ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ज्ञानेश भारती को दिल्ली नगर निगम का आयुक्त बनाया गया है. मंत्रालय ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के ही एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी अश्विनी कुमार को दिल्ली नगर निगम का विशेष अधिकारी नियुक्त किया है.

दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022

  • संसद ने दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक को बजट सत्र में पारित कर अधिनियम का रूप दिया था. इसका अधिनियम का उद्देश्य अधिक पारदर्शिता, सुशासन और दिल्ली की जनता के लिए बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना है. यह अधिनियम दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संशोधन कर लाया गया है.
  • इस अधिनियम में दिल्ली के मौजूदा तीन नगर निगमों को मिलाकर केवल एक दिल्ली नगर निगम बनाने का प्रस्ताव है. वर्तमान में दिल्ली में तीन निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें (पार्षद) हैं. विधेयक में पार्षदों की संख्‍या 272 से घटाकर अधिकतम 250 करने की भी व्‍यवस्‍था है. वर्ष 2012 में दिल्‍ली नगर निगम को तीन नगर निगमों में विभाजित किया गया था.
  • एकीकृत नगर निगम करने से तीन मेयरों (महापौर) की जगह एक मेयर होगा, 75 समितियों की जगह 25 समितियां होगी, तीन मिंस‍िपल कमीशनर की जगह एक मिंसिपल कमीश्‍नर होगा, तीन मुख्‍यालय की जगह एक मुख्‍यालय होगा, निर्णयों में समानता रहेगी. एक ही शहर में दो प्रकार के कर के स्‍ट्रक्‍चर नहीं रहेंगे. वित्‍तीय स्‍थि‍ति भी अच्‍छी रहेगी और लगभग 150 करोड़ का खर्च सालाना इससे कम होगा.

संवैधानिक पहलू

यह विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA-3C के तहत लाया गया है. इस अनुच्छेद में देश की संसद को राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली की विधानसभा द्वारा बनाएं गए किसी भी कानून को संशोधित करने का, उसके स्‍वरूप बदलने का, या तो उसकों निरस्‍त करने का अधिकार देता है.

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