नासा ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के संचालन को 2030 तक बंद करने की घोषणा की

अमेरिकी स्पेस एजेंसी (नासा) ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के संचालन को वर्ष 2030 के अंत तक बंद करने की घोषणा की है. वर्ष 2031 में इसे कक्षा (ऑर्बिट) से बाहर निकाल दिया जाएगा. नासा ने ISS को धरती पर गिराने के लिए दक्षिण प्रशांत महासागरीय निर्जन क्षेत्र क्षेको चुना है, जिसे प्वाइंट निमो (Point Nemo) नाम से जाना जाता है.

नासा का कहना है कि ISS की सेवानिवृत्ति के बाद व्यावसायिक रूप से संचालित स्पेस प्लेटफॉर्म ISS की जगह लेंगे. नासा ने इसे विकसित करने के लिए तीन कंपनियों के साथ करार की घोषणा की है. इन तीन कंपनियों में जेफ बेज़ोस (Jeff Bezos) की ब्लू ओरिजिन (Blue Origin), नैनोरैक्स और नादर्न ग्रूममैन शामिल है.

ISS के संचालन को क्यों बंद किया जा रहा है?

रूस के अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS के एक सेगमेंट में नए दरारों की खोज की थी. अंतरिक्ष अधिकारीयों ने आने वाले समय में इन दरारों के और अधिक चौड़ी होने की चेतावनी दी थी. उन्होंने ने कहा था कि ISS के ज्यादातर उपकरण अब पुराने हो चुके हैं और 2025 के बाद ये उपकरण टूट सकते हैं.

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन क्या है?

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में मानव निर्मित उपग्रह है. इसे अनुसंधान और शोध के लिए बनाया गया है. इसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है.

ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है. इसे बनाने में संयुक्त राज्य की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) काम कर रही हैं.

ISS का इतिहास

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को 1998 में लॉन्च किया गया था. फुटबॉल के आकार की यह स्पेस लैब धरती से करीब 420 किमी की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है. यह लगभग आठ किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है इसमें 19 अलग-अलग देशों के 200 से अधिक अंतरिक्ष यात्री रिसर्च और मिशन के उद्देश्य से सवार हो चुके हैं.

लेटेस्ट कर्रेंट अफेयर्स 〉