राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम परिवर्तित कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया गया

भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ के नाम में परिवर्तन किया गया है. अब इसका नाम हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद के नाम पर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया गया है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को की.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव अर्जित किया.

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (पुराना नाम राजीव गान्धी खेल रत्न पुरस्कार) देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है.  इस पुरस्कार की शुरुआत 1991–92 में हुई थी. यह पुरस्कार युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के विजेता को ₹25 लाख रुपये पुरस्कार राशि के रूप में दिए जाते हैं.

मेजर ध्यानचंद

मेजर ध्यानचंद हॉकी के सबसे महान खिलाड़ी थे. उनका जन्म 29 अगस्त, 1905 को प्रयागराज में हुआ था. उन्हें हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है. ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

उन्होंने 1926 से 1949 तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला था और 185 मैचों में 550 से अधिक गोल किए थे. उनके सहयोग से भारतीय टीम ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही थी. उन्हें 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

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