अमेरिका और ब्रिटेन ने नए अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर किए

अमेरिका और ब्रिटेन ने एक नए अटलांटिक चार्टर (New Atlantic Charter) पर हस्ताक्षर किए हैं. ये हस्ताक्षर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक के दौरान किये. इसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों पर एक साथ काम करने है.

जी-7 लीडर्स समिट

अमेरिका और ब्रिटेन के शीर्ष नेताओं की यह बैठक ‘जी-7 लीडर्स समिट’ की पूर्व संध्या पर 10 जून को ब्रिटेन में कॉर्नवाल के कार्बिस बे के समुद्र तटीय रिसॉर्ट में हुई थी. जनवरी 2021 में सत्ता में आने के बाद बाइडन की यह पहली विदेश यात्रा थी.

नया अटलांटिक चार्टर

नए चार्टर में अवैध वित्त, हिंसक संघर्ष और उग्रवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य संकट जैसे कोविड-19 महामारी सहित आधुनिक समय के खतरों को रेखांकित किया गया है.

अटलांटिक चार्टर क्या है?

मूल अटलांटिक चार्टर पर 1941 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री विंस्टन चर्चिल और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था. इस चार्टर का मुख्य उद्देश्य मुक्त व्यापार, निरस्त्रीकरण आदि था. इस चार्टर पर 26 मित्र देशों के एक समूह ने अपना समर्थन दिया था.

इस चार्टर को 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. इस चार्टर ने ब्रिटिश साम्राज्य को समाप्त कर दिया और नाटो और टैरिफ एंड ट्रेड पर सामान्य समझौता (General Agreement on Tariffs and Trade – GATT) का गठन किया.

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