अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, यूएई UNSC का अस्थायी सदस्य चुना गया

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) में गैर स्थायी सदस्यों के तौर पर 2022-23 के कार्यकाल के लिए अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को निर्विरोध चुना गया है.

UNSC के पांच गैर-स्थायी सदस्यों को चुनने के लिए चुनाव हुआ था. अस्थायी सदस्य के तौर पर इन देशों का कार्यकाल एक जनवरी 2022 से शुरू होगा. सभी पांचों देश निर्वरोध चुनाव जीत गए क्योंकि परिषद में आवंटित सीट के लिए अपने संबंधित क्षेत्र समूहों में वे इकलौते उम्मीदवार थे.

अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए तीन सीटें उपलब्ध थी और इन सीटें पर गैबॉन, घाना और UAE ने जीत हासिल की. लातिन अमेरिका और कैरेबियाई समूह की सीट पर ब्राजील और पूर्वी यूरोप समूह की सीट पर अल्बानिया ने जीत हासिल की.

UNSC में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में एस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेडाइंस, ट्यूनीशिया और वियतनाम का दो साल का कार्यकाल 2021 में पूरा हो रहा हैं. इन सीटों को के लिए ये चुनाव कराये गये थे.

संयुक्त राष्ट्र संघ: एक दृष्टि

  • संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर हस्ताक्षर कर किया था. भारत शुरुआती दिनों से ही इसका सदस्य है.
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग हैं- 1. सुरक्षा परिषद्, 2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, 3. महासभा, 4. सचिवालय, 5. आर्थिक और सामाजिक परिषद् और 6. न्यायसिता परिषद्.
  • संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं- अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पैनिश. आधिकारिक भाषाएं छह हैं, लेकिन यहां पर संचालन भाषा केवल अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है. अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए इसका गठन किया गया है.
  • सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं- पांच स्थाई और दस अस्‍थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके स्थाई सदस्य हैं. दस अस्‍थायी सदस्य क्षेत्रीय आधार पर सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है.
  • सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पॉवर मिली हुई है, जबकि अस्थायी सदस्य के पास वीटो का अधिकार नहीं होता.

वीटो क्या है?

वीटो (veto) का शाब्दिक अर्थ है- ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं’. मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका के पास वीटो पावर है. स्थायी सदस्यों के फैसले से अगर कोई भी सदस्य सहमत नहीं है तो वह वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है.

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