भारत में 5G नेटवर्क के परीक्षण की अनुमति दी गयी

दूरसंचार विभाग (DoT) ने देश में 5G नेटवर्क के परीक्षण की अनुमति दी है. दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदन को इसके लिए मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रही है.

दूरसंचार विभाग ने 5G परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजीज को शामिल किया है. रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5G तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी.

इस परीक्षण में किसी भी चीनी कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है. भारत के अलाबे अमेरिका, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीनी कंपनियों को 5G नेटवर्क सेवाएं प्रदान करने पर प्रतिबंध लगाया है.

दूरसंचार विभाग ने परीक्षणों की अवधि छह महीने तय की है. ऑपरेटर्स को परीक्षण करने के लिए 2500 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज और 800 मेगाहर्ट्ज के अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी गयी है.

दूरसंचार कंपनियों को 5G परिक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5G तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके.

5G तकनीक

दूरसंचार विंभाग के अनुसार 5G तकनीक (5G Technology) 4G के मुकाबले में दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड देने और स्पेक्ट्रम क्षमता में तीन गुना तक बेहतर रिजल्ट्स देने में सक्षम है.

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