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हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021: भारत 85वें स्थान पर, जापान शीर्ष स्थान पर
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021 रिपोर्ट 12 जनवरी को जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 85वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में जनवरी 2020 में जारी पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से एक स्थान की गिरावट आई है. इस सूचकांक में शीर्ष तीन स्थानों पर एशियाई देश हैं. ये तीन देश जापान, सिंगापुर, जर्मनी व कोरिया हैं.
हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?
- हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर प्रतिवर्ष हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
- यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
- जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.
भारत के पासपोर्ट पर 58 देशों में बिना वीजा यात्रा
रैंकिंग में भारत 85 वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 58 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021: एक दृष्टि
- हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021 में जापान पहले स्थान पर है. जापान के पासपोर्टधारक 191 देशों की यात्रा बिना वीजा के यात्रा कर सकते है.
- रिपोर्ट में सिंगापुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है. सिंगापुर क़े पासपोर्टधारक 190 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते हैं.
- शक्तिशाली पासपोर्ट की इस रैंकिंग में तीसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया और जर्मनी हैं. इन दोनों देशों के पासपोर्टधारक 189 देशों में वीजा के बिना यात्रा कर सकते हैं.
- अमेरिका इस रैंकिंग में 7वें स्थान पर है. अमेरिका के पासपोर्टधारक को 185 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते है.
- पड़ोसी देश चीन के पासपोर्ट का रैंकिंग में 70वां स्थान है. चीन के पासपोर्ट का 75 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है और पाकिस्तान का पासपोर्ट जो 107वें स्थान पर है, उसका 32 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है.
- इस रैंकिंग में सीरिया, इराक और अफगानिस्तान सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए. अफगानिस्तान अंतिम 110वें स्थान पर है.
उच्चतम न्यायालय ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगायी, विशेषज्ञों की एक समिति का गठन
उच्चतम न्यायालय ने तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला 12 जनवरी को सुनाया. उच्चतम न्यायालय की यह पीठ संसद द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
विशेषज्ञों की एक समिति का गठन
उच्चतम न्यायालय की यह पीठ ने इन कानूनों के गुण और दोषों पर सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया है. गठित की गई समिति कोई आदेश पारित नहीं करेगी और न ही किसी को दंड देगी, बल्कि वह अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को प्रस्तुत करेगी. यह समिति न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा होगी. जब तक इस समिति की रिपोर्ट नहीं आती है तब तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक रहेगी. विशेषज्ञों समिति में चार सदस्य होंगे. ये सदस्य हैं:
- भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन)
- डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान)
- अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री)
- अनिल धनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र)
तीन कृषि कानूनों का विरोध
उल्लेखनीय है की संसद ने किसानों की आय को बढाने के लिए तीन कृषि कानूनों को पारित किया था. इन कानूनों में मौजूदा विकल्पों को जारी रखते हुए किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए कई और विकल्प दिए गये हैं. इन्हीं कानूनों के विरोध में मुख्य रूप से पंजाब के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ जारी किया गया
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 12 जनवरी को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा विकसित नये पेंट को जारी किया. इस पेंट को ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ नाम दिया गया है जो अपनी तरह का पहला पेंट है. किसानों की आमदनी बढ़ाने की प्रधानमंत्री की सोच से प्रेरित होकर इस पेंट का उत्पादन किया जा रहा है.
खादी प्राकृतिक पेंट: एक दृष्टि
- यह पेंट किफायती तथा गंधहीन है. पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और विषाक्तता से मुक्त है.
- इसे बनाने में सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसे भारी धातुओं का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसमें मुख्य रूप से गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है.
- इस पेंट को कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर में विकसित किया गया है. इसका परीक्षण देश की तीन प्रयोगशालाओं- National Test House, Mumbai, Shri Ram Institute for Industrial Research और National Test House, Ghaziabad में किया गया है.
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2021 का समापन
दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2021 का 12 जनवरी को समापन हो गया. इसकी शुरुआत 23 दिसम्बर 2020 को हुई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महोत्सव 2021 के समापन समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया. प्रधानमंत्री के संबोधन से पूर्व तीन राष्ट्रीय विजेताओं को अपने विचार साझा करने का अवसर मिला था. महोत्सव का प्रथम पुरस्कार उत्तर प्रदेश की मुदिता मिश्रा ने जीता.
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2021 का अंतिम सत्र 11 जनवरी को आयोजित किया गया था. इस सत्र के लिए देश के 84 युवाओं को विजेता घोषित किया गया था. इस सत्र में इन 84 विजेताओं को संसद के केन्द्रीय कक्ष में उपस्थित होने और अपनी बात रखने का अवसर प्राप्त हुआ था. केन्द्रीय कक्ष में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, राज्यसभा के उपसभापति, युवा कार्य और खेल मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2021 की प्रक्रिया
- सबसे पहले जिला युवा संसद का आयोजन किया गया था. इसमें देश के सभी 698 जिलों के 2.34 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया था.
- इसके बाद राज्य युवा संसद का आयोजन 5 जनवरी को किया गया. इसमें लगभग सभी जिलों के पहले और दूसरे स्थान पर रहे 1345 नौजवानों ने भाग लिया.
- जिला और राज्य युवा संसद के दौरान प्रतिभागियों ने किसी निश्चित विषय पर चार मिनट तक अपने विचार व्यक्त किये. पांच सदस्यों वाले निर्णायक मंडल ने इनके भाषणों का मूल्यांकन किया.
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव: एक दृष्टि
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का लक्ष्य 18 से 25 वर्ष के युवाओं के विचारों को सुनना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले वर्षो में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री की सोच से प्रेरित होकर पहला महोत्सव 2019 में जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया था. इसका विषय था- ‘नये भारत की आवाज बने, समाधान तलाशें और नीति में योगदान करें’ इसमें करीब 88 हजार युवाओं ने हिस्सा लिया था.
12 जनवरी 2021: स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस
12 जनवरी 2021 को भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती थी. इस दिन को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) के रुप में मनाता जाता है. स्वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से अवगत कराया था. उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत… स्वामी विवेकानंद का ये संदेश सदा सर्वदा देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा.
स्वामी विवेकानंद: एक दृष्टि
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद को भारत में हिन्दू धर्म के पुनर्जागरण व राष्ट्रवाद का प्रेरणा-श्रोत माना जाता है. वे प्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था.
स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
भारतीय नौसेना का तट रक्षक अभ्यास सी-विजिल-21 की शुरुआत
भारतीय नौसेना का दो दिन का तट रक्षक अभ्यास सी-विजिल-21 12-13 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले जनवरी 2019 में यह अभ्यास आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में समुद्री तट की 7516 किलोमीटर सीमा को कवर किया जाएगा. अभ्यास में देश का विशेष आर्थिक क्षेत्र भी शामिल होगा. इसमें अन्य समुद्री हितधारकों के साथ वह सभी 13 तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे जिनकी सीमाएं समुद्र के साथ लगी हैं.