तुर्की ने उत्तरी सीरिया में ‘पीस स्प्रिंग’ नाम से अपना सैन्य अभियान शुरू किया
तुर्की ने उत्तरी सीरिया में ‘पीस स्प्रिंग’ नाम से अपना सैन्य अभियान शुरू किया है. इसकी वजह से अमरीका समर्थित कुर्द विद्रोहियों से उसके सीधे मुकाबले की आशंका बढ़ गई है. तुर्की का दावा है कि वह कुर्द बलों और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
क्या है मामला?
तुर्की सीरिया के कुर्द लड़ाकों को आतंकी मानता है. उसने अपनी सीमा से लगी उत्तरी सीरिया में यह सैन्य अभियान अमेरिका द्वारा उत्तरी सीरिया से अपनी सेना हटा लेने के बाद की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि सीरिया के कुर्दों ने ISIS के खिलाफ जंग में अमेरिका की कोई मदद नहीं की. इस बयान के जरिए उन्होंने अमेरिकी बलों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव किया है जिससे तुर्की को पूर्वोत्तर सीरिया पर हमला करने के लिए सैन्य अभियान शुरू करने का रास्ता मिल गया.
जब तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सीरिया पर हवाई हमले की घोषणा की तो अमेरिका ने इस कदम पर चेताते हुए कहा था कि अगर वह अपनी हद पार करेगा तो वह उसकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपातकालीन बैठक
उत्तरी सीरिया में कुर्द सेनाओं के खिलाफ तुर्की के सैन्य आक्रमण पर विचार-विमर्श करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज आपातकालीन बैठक करेगा. बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और पोलैंड के अनुरोध के पर परिषद की यह बैठक होनी है.
तुर्की सेना के हमले की कड़ी निंदा
भारत सहित कई देशों ने तुर्की के सीरिया में सैन्य अभियान की निंदा की है. भारत ने तुर्की से अपील की कि वह सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे.
अरब लीग ने तुर्की आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है.बैठक में भाग लेने वालें विदेश मंत्रियो ने चेतावनी दी कि इस हमले ने क्षेत्रिय सुरक्षा और शांति के लिए सीधा खतरा पैदा कर दिया है. सऊदी अरब और यूएई ने इस समस्या के राजनैतिक समाधान खोजने पर बल दिया.
फ्रांस और जर्मनी ने सीरिया में कुर्दों के खिलाफ तुर्की की सैन्य कार्रवाई के लिए उसे हथियारों का निर्यात रोक दिया है क्योंकि इसका इस्तेमाल सीरिया में हमले के लिए किया जा सकता है. कई यूरोपीय शहरों में तुर्की के खिलाफ रैलियां निकाली गई हैं.