डेली कर्रेंट अफेयर्स
स्कूली शिक्षा में सूधार के लिए विश्व बैंक द्वारा समर्थित STARS परियोजना को मंजूरी दी गयी
सरकार ने हाल ही में STARS परियोजना को मंजूरी दी है. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी. इस परियोजना की कुल लागत 5,718 करोड़ रुपए है, जिसे विश्व बैंक के सहयोग से पूरा किया जायेगा.
STARS परियोजना क्या है?
STARS का पूरा रूप Strengthening Teaching-Learning and Results for States है. यह भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ‘स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग’, शिक्षा मंत्रालय के तहत केन्द्र सरकार की एक नई परियोजना है. यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा विश्वबैंक के सहयोग से चलाया जा रहा है.
STARS परियोजना के मुख्य बिंदु:
- STARS परियोजना की कुल लागत 5,718 करोड़ रुपए में लगभग 3700 करोड़ रुपए की सहायता राशि विश्व बैंक से प्राप्त होगी.
- ‘स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ के तहत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में ‘परख’ (PARAKH) नामक ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र’ की स्थापना की जाएगी. ‘परख’, ‘नई शिक्षा नीति (NEP)-2020’ में प्रस्तावित मूल्यांकन सुधारों में से एक है.
- यह परियोजना 6 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा में चलायी जाएगी. 15 लाख स्कूलों में पढ़ रहे छह से 17 वर्ष तक की उम्र के 25 करोड़ विद्यार्थी तथा एक करोड़ से अधिक शिक्षक इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे.
भारत को अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुना गया
भारत को फिर से अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुन लिया गया है. अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की 14 अक्टूबर को आयोजित वचुर्अल बैठक में 34 सदस्य देशों ने इसका फैसला किया. इस बैठक की अध्यक्षता भारत के ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने की थी. दोनों देशों का कार्यकाल दो साल का होगा.
बैठक में गठबंधन के चार क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले चार नये उपाध्यक्षों का भी चयन किया गया है. नए उपाध्यक्ष हैं:
- एशिया प्रशांत क्षेत्र — फिजी और नाउरू
- अफ्रीका क्षेत्र — मॉरीशस और नाइजर
- यूरोप और अन्य क्षेत्र — यूके और नीदरलैंड
- लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र — क्यूबा और गुयाना
जानिए क्या है अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन…»
मलयालम कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता अक्कितम अच्युतन नंबूदरी का निधन
जाने-माने मलयालम कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award) विजेता अक्कितम अच्युतन नंबूदरी का निधन हो गया है. वो 94 साल के थे. अक्कितम अच्युतन नंबूदरी का जन्म 8 मार्च 1926 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था.
पुरस्कार और सम्मान
अक्कितम को साहित्य अकादमी पुरस्कार, मूर्ति देवी पुरस्कार, कबीर सम्मान, वल्लतोल सम्मान समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें साल 2019 का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था. उन्हें 2017 में पद्म-श्री, 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1972 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1988 में कबीर सम्मान से भी सम्मानित किया गया है.
मशहूर पुस्तकें
अक्कितम युगद्रष्ट कवि थे. उनकी कविता, नाटक, उपन्यास और अनुवाद में उनकी 40 से अधिक किताबें छप चुकी हैं. उनकी सबसे मशहूर काव्य पुस्तक ‘इरुपदाम नूतनदीदे इतिहसम’ है, जो पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं.
अक्कितम की कुछ मशहूर पुस्तकें- खंड काव्य, कथा काव्य, चरित्र काव्य और गीत हैं. उनकी कुछ विख्यात रचनाओं में वीरवाडम, बालदर्शनम्, निमिषा क्षेतराम, अमृता खटिका, अक्चितम कवितातक्का, महाकाव्य ऑफ ट्वेंटीथ सेंचुरी और एंटीक्लेमम शामिल हैं.
16 अक्टूबर: विश्व खाद्य दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस विश्व में लोगों को खाद्यान्न की महत्ता समझने और उसकी बर्बादी रोकने को प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया है.
वर्ष 2020 के विश्व खाद्य दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Grow, Nourish, Sustain. Together’ है.
विश्व खाद्य दिवस, संयुक्त राष्ट्र संघ की खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के स्थापना दिवस के सम्मान में मनाया जाता है. इसकी स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को की गयी थी. FAO का मुख्यालय इटली के रोम में स्थित है.