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भारत नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा

भारत मार्च 2020 में नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा. इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को इसमें आमंत्रित किया गया है, जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं.

हिंद महासागर सहित अन्य इलाके के मित्र देशों के साथ सहयोग का संबंध बनाए के उद्देश्य से भारत सरकार इस सैन्य अभ्यास का आयोजन कर रही है.

इस सैन्य अभ्यास में जिन क्षेत्रों में सहयोग किया जाना है, उनमें क्षमता निर्माण, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, प्रशिक्षण, तकनीक, जल सर्वेक्षण और परिचालन अभ्यास आदि शामिल हैं.

जिन देशों को सैन्य अभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा गया है, उनमें इंडोनेशिया, फ्रांस, मोजांबिक, सूडान, इजरायल, कतर, थाईलैंड, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, सोमालिया, केन्या, मिस्र, श्रीलंका, वियतनाम, म्यांमार, न्यूजीलैंड, अमेरिका, तंजानिया, मालदीव, ब्रुनेई, फिलीपींस, जापान, यूनाइटेड किंग्डम, सऊदी अरब, ओमान, कंबोडिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, रूस, जिबूती और बहरीन आदि शामिल हैं.

INS खांदेरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया

INS खांदेरी को 28 सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका जलावतरण मुंबई में किया.
INS खांदेरी फ्रांस ऑरिजन की स्‍कॉर्पियन श्रेणी की दूसरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी (Submarine) है. यह भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट-75’ का हिस्‍सा है. इसके तहत मझगांंव डॉकयार्ड लिमिटेड फ्रांस के मैसर्स DCNS के साथ मिलकर छह पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है.

INS खांदेरी: एक दृष्टि

    • इस पनडुब्‍बी को खांदेरी का नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है. इसकी 17वीं सदी के अंत में समुद्र में मराठा बलों का सर्वोच्च अधिकार सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका थी.
    • 1615 टन वजनी INS खांदेरी पनडुब्‍बी INS कलावरी के बाद दूसरी पनडुब्‍बी है. INS कलावरी को दिसंबर 2017 में नौसेना में शामिल किया गया था.
    • इस पन्नडुब्बी की अधिकतम स्‍पीड करीब 37 किमी प्रतिघंटे की है. यह 1150 फीट (350 मीटर) की गहराई तक जा सकती है.
    • इसमें EXOCETSM 39 मिसाइल और टारपीडो दागने की सुविधा है. EXOCETSM 39 एंटीशिप मिसाइल है. इस पनडुब्‍बी की चुपके से प्रहार करने की अचूक क्षमता है.
    • खंडेरी पन्नडुब्बी 47 दिन पानी में रुक सकती है. स्किल टैक्नोलॉजी से रडार की पकड़ में यह नहीं आती और किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है.


समुद्री गश्‍ती पोत ‘वराह’ चेन्‍नई बंदरगाह में भारतीय तटरक्षक बेड़े में शामिल किया गया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 सितम्बर को चेन्‍नई बंदरगाह में समुद्री गश्‍ती पोत ‘वराह’ को भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल किया. यह बेड़े का चौथा गश्‍ती पोत है. इसे पश्चिमी कमान के तहत कर्नाटक के न्‍यू मंगलौर में तैनात किया जाएगा.

गश्‍ती पोत वराह: एक दृष्टि

  • 98 मीटर गश्‍ती पोत वराह का डिजाइन और निर्माण देश में ही किया गया है.
  • यह तलाश और बचाव कार्य तथा समुद्री गश्‍ती संचालन के लिए दो इंजन वाले हेलिकॉप्‍टर और तीव्र गति की चार नौकाओं को ले जाने में सक्षम है.
  • इसमें समुद्र में तेल फैलने जैसी घटनाओं से बचाव के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपकरण भी लगे हैं.


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