यूनेस्को (UNESCO) ने तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व स्थल की मान्यता दी है. 800 साल पुराने इस मंदिर को रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. 25 जुलाई, 2021 को यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें बैठक में यह निर्णय लिया गया. वहीं इस मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2019 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में एकमात्र नामांकन के लिए प्रस्तावित किया गया था.
यूनेस्को की बैठक में आस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के विश्व धरोहर दर्जे को बरकरार रखा गया है. यूनेस्को ने रीफ को विश्व धरोहर से बाहर करने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण उसे काफी नुकसान हुआ है. आस्ट्रेलिया ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि इसे वर्ष 2023 तक टाल दिया जाए. ग्रेट बैरियर रीफ उत्तरपूर्वी आस्ट्रेलिया तट पर स्थित दुनिया का सबसे बड़ा बड़े प्रवाल भित्ति पारिस्थितिकी तंत्र है.
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर: एक दृष्टि
इस मंदिर का निर्माण काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव के आदेश पर सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था.
मार्को पोलो ने काकतीय वंश के दौरान बने इस मंदिर को तमाम मंदिरों में सबसे चमकता तारा कहा था.
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में मुख्य रूप से रामलिंगेश्वर स्वामी की पूजा होती है. इस मंदिर में शिव, श्री हरि और सूर्य देवता की प्रतिमाएं स्थापित हैं.
इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था. मंदिर को शिल्पकार रामप्पा का नाम दिया गया, जिसने 40 वर्षों के अथक प्रयास के बाद इसका निर्माण किया था.
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
1983 में पहली बार भारत के चार ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर स्थल’ में शामिल किया था. ये चार स्थल थे – ताज महल, आगरा किला, अजंता और एलोरा गुफाएं. वर्तमान में, भारत की कुल 39 साइटें विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें से 28 को सांस्कृतिक श्रेणी में, 7 प्राकृतिक और मिश्रित श्रेणी में 1 स्थान दिया गया है. भारत दुनिया की धरोहरों में छठे स्थान पर है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-07-27 16:47:312021-07-27 16:47:31यूनेस्को ने तेलंगाना का काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल किया
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सिरीशा बंदला ने हाल ही में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा की थी. वह कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला हैं. एस्कवड्रन लीडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले एकमात्र भारतीय नागरिक हैं.
सिरीशा बंदला 11 जुलाई को ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन और चार अन्य लोगों के साथ वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) के स्पेस शिप यूनिटी-22 में शामिल होकर अमरिकी राज्य न्यू मैक्सिको से अंतरिक्ष की यात्रा पूरी की थी. इस यात्रा पर जाने वाले छह लोगों में दो महिलाएं थीं. सिरीशा के अलावा एक अन्य महिला बेश मोसिस थीं.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में पैदा हुई और अमरीका के ह्यूस्टन में पली-बढी सुश्री सिरिशा एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-07-13 16:56:482021-07-13 16:56:48सिरीशा बंदला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बनीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के वैरिएंट्स (स्ट्रेन) का नामकरण किया है. WHO के मुख्य वैरिएंट्स को आसानी से याद रखने के लिए इसका नाम रखा गया है. WHO ने कोरोना वेरिएंट्स के नामकरण के लिए ग्रीक भाषा के अल्फाबेट्स का इस्तेमाल किया है.
मुख्य बिंदु
भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस वैरिएंट B.1.617.2 (Corona Virus Variants B.1.617.2) का नाम ‘डेल्टा’ (Delta Strain) रखा है. वहीं, भारत में ही मिले वायरस के दूसरे स्ट्रेन (B.1.617.1) का नाम ‘कप्पा’ दिया गया है.
WHO ने ब्रिटेन में पाए गये कोरोना वायरस के वैरिएंट का नाम ‘अल्फा’, दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट का नाम ‘बीटा’, अमेरिका में मिले वेरिएंट का नाम ‘एप्सिलॉन’, ब्राजील में मिले स्ट्रेन का नाम ‘गामा’ और फिलीपींस में मिले स्ट्रेन का नाम ‘थीटा’ रखा है.
उल्लेखनीय है कि, कोरोना के B.1.617.2 स्ट्रेन ‘डेल्टा’ को भारतीय वैरिएंट का नाम दिए जाने पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था. डेल्टा कोरोना वायरस भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-06-01 17:03:022021-06-01 17:03:02WHO ने भारत में पाए गये कोरोना वायरस वैरिएंट्स का नाम ‘डेल्टा’ दिया
भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड (United Nations Trust Fund for Counter-Terrorism) में 500,000 अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त योगदान दिया है.
इस योगदान के बाद आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत का योगदान 1 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. इस राशि के साथ, भारत का अब तक का कुल योगदान 1.05 मिलियन डॉलर है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-04-09 23:51:432021-04-10 08:58:48आतंकवाद से निपटने के लिए भारत का संयुक्त राष्ट्र को 0.5 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त योगदान
भारतीय रेलवे ने अपने सभी हेल्पलाइन नम्बरों को एक ही हेल्पलाइन नंबर ‘139’ में एकीकृत कर दिया है. इसके बाद अब रेलवे यात्रा से जुड़ी किसी भी पूछताछ, शिकायत या मदद के लिए अलग-अलग नंबर डायल नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही पहले जारी 182, 138 जैसे हेल्पलाइन नंबर बंद कर दिए गए हैं.
जोनल रेलवे भी 139 के अलावा कोई और नंबर जारी नहीं करेंगे. इसी नंबर पर विभिन्न भाषाओं में खानपान, सुरक्षा, शिकायतें, सहायता, सतर्कता से जुड़ी सभी जानकारी मिलेंगी.
हेल्पलाइन 139 IVRS यानी इंटरऐक्टिव वायस रिस्पॉन्स सिस्टम पर आधारित होगा. इसमें ट्रेन से जुड़ी पूछताछ, PNR, ट्रेन की स्थिति, ट्रेन की आवाजाही के समय को SMS भेजकर पता लगाया जा सकता है. ट्रेन में सीट मौजूद है या नहीं, टिकट कैंसल कराना, ऑनबोर्ड सेवाएं जैसी सुविधाएं भी मिल सकेंगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-09 23:11:582021-03-10 11:16:17भारतीय रेलवे ने सभी सेवाओं के लिए एक ही हेल्पलाइन नंबर 139 जारी किया
भारतीय संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध करने के लिए छह देशों के 40 लोगों को फेलोशिप दी गई है. विज्ञान एवं प्रैाद्योगिकी विभाग ने इन शोधार्थियों का चयन भारत विज्ञान एवं शोध फेलोशिप (ISRF) के लिए किया गया है. शोध प्रस्ताव, अनुभव और अकादमिक मेधा तथा प्रकाशन रिकार्ड के आधार पर उनका चयन किया गया है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पड़ोसी देशों को शामिल करने की भारत की पहल के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के शोधार्थियों के भारतीय विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थानों में काम करने के लिए ISRF कार्यक्रम शुरू किया है.
भारत विज्ञान एवं शोध फेलोशिप (ISRF) ISRF का क्रियान्वयन 2015 से किया जा रहा है. यह कार्यक्रम पड़ोसी देशों के युवा शोधार्थियों को भारतीय संस्थानों व विश्वविद्यालयों में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-07 08:23:462021-03-08 09:35:32विज्ञान प्रौद्योगिकी में शोध के लिए छह देशों के 40 लोगों को फेलोशिप
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र ने यह घोषणा भारत की पहल पर किया है.
अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष: एक दृष्टि
‘अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023’ का प्रस्ताव भारत ने बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, रूस और सेनेगल के साथ रखा था. इसका समर्थन 70 देशों ने किया. 193 सदस्यीय आम सभा ने सर्वसम्मति से इसकी स्वीकृति दे दी.
बाजरा स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के दौरान विश्वभर में बाजरे के फायदे का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. साथ ही जलवायु परिवर्तन के दौर में इसकी पैदावार को बढ़ावा दिया जाएगा.
प्रस्ताव के पारित होने के साथ ही भारत के स्थायी मिशन ने बाजरा से बने ‘मुरुक्कू’ का सभी सदस्यों में वितरण किया. यह नाश्ते में खाए जाने वाला एक भारतीय व्यंजन है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-05 11:30:062021-03-05 11:30:06संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया
केंद्र सरकार ने 19 फरवरी को ‘गो-इलैक्ट्रिक’ (Go Electric) अभियान शुरू किया. इसका उद्देश्य देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस अभियान का मकसद बिजली से चलने वाले वाहनों और खाना पकाने के उपकरणों को प्रोत्साहन देना है.
गो-इलैक्ट्रिक अभियान: मुख्य बिंदु
गो इलेक्ट्रिक अभियान एक अनूठी पहल साबित हो सकता है क्योंकि यह उन उत्पादों को अपनाने पर बल देगा जो अक्षय ऊर्जा की मदद से संचालित होते हैं.
सरकार बिजली से चलने वाले वाहनों और खाना पकाने वाले उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, ताकि आयातित जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम की जा सके और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सके.
यह अभियान लोगों को जागरूक करेगा ताकि लोग पारंपरिक ईंधनों से संचालित होने वाले वाहनों को छोड़कर बिजली से चलले वाले वाहनों को अपनाए, साथ ही खाना बनाने के पारंपरिक तरीकों की बजाए बिजली से चलने वालों उपकरणों के ज़रिए खाना पकाएं.
इसकी मदद से जहां एक ओर कार्बन के उत्सर्जन में कमी आएगी, वहीं पेरिस समझौते के तहत किए गए वायदों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-02-19 21:55:462021-02-21 16:05:13ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘गो-इलैक्ट्रिक’ अभियान
12 फरवरी 1921 को भारतीय संसद भवन के 100 साल पूरे हो गये. 1921 में इसी दिन मौजूदा संसद भवन की आधारशिला रखी गयी थी. 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र होने के बाद यह इमारत संसद भवन कहलाई.
भारतीय संसद भवन: एक दृष्टि
12 फरवरी, 1921 को मौजूदा संसद भवन की आधारशिला ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी थी. उन्होंने इस बनने वाली इमारत को भारत के पुनर्जन्म के साथ-साथ उज्जवल भविष्य का प्रतीक बताया था.
मौजूदा संसद भवन का नक्शा प्रख्यात डिजायनर सर हरबर्ट बेकर ने सर एडविन लुटियंस के साथ मिलकर तैयार किया था. सर लुटियंस ने ही रायसीना हिल के आसपास की नई दिल्ली की बसावट का खाका खींचा था.
इस इमारत की आधारशिला रखने वाले ड्यूक ऑफ कनाट प्रिंस आर्थर के पदनाम पर ही नजदीक का कनाट प्लेस मार्केट बना.
प्रिंस आर्थर ब्रिटिश साम्राज्य के किंग जॉर्ज पंचम के चाचा थे. भारत के महत्व को समझते हुए ही उन्होंने कहा था- भारत की राजधानी को रोम की राजधानी एथेंस जैसा ही महत्व मिलना चाहिए. यह पूर्व के महत्वपूर्ण शहरों में शुमार होना चाहिए, जो अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए जाना जाए. भारत खुद बहुमूल्य परंपराओं वाला देश है.
इसलिए इसकी राजधानी में सम्राट अशोक से जुड़ी कुछ चीजें समाहित की जानी चाहिए, कुछ समानताएं मुगलकालीन शासन वाली भी होनी चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-02-13 23:59:192021-02-15 18:08:55भारतीय संसद भवन के सौ साल पूरे, मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 फरवरी को प्रबुद्ध भारत पत्रिका के 125वें वार्षिक समारोह को संबोधित किया. यह कार्यक्रम उत्तराखंड के मायावती स्थित अद्वैत आश्रम ने आयोजित किया है.
प्रबुद्ध भारत एक मासिक पत्रिका है. इसका प्रकाशन रामकृष्ण मिशन करता है. इसे 1896 में स्वामी विवेकानंद ने शुरू किया था. यह पत्रिका भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा के संदेश का प्रचार-प्रसार करने का महत्वपूर्ण माध्यम है.
प्रबुद्ध भारत का प्रकाशन मद्रास से आरंभ किया गया था, जहां से यह दो वर्षों तक प्रकाशित होता रहा. इसके बाद इसे अल्मोड़ा से प्रकाशित किया गया. बाद में अप्रैल 1899 से इस पत्रिका का प्रकाशन ‘अद्वैत आश्रम’ स्थानान्तरित कर दिया गया और तब से यह लगातार प्रकाशित हो रही है.
प्रबुद्ध भारत में सुभाष चन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, सिस्टर निवेदिता, श्री अरविंदो, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसी महान विभूतियां लेख लिखते रहे हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-02-02 10:00:572021-02-04 10:18:56प्रधानमंत्री ने प्रबुद्ध भारत पत्रिका के वार्षिक समारोह को संबोधित किया
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ‘बाइक एम्बुलेंस’ विकसित किया है. इस बाइक एम्बुलेंस का नाम ‘रक्षिता’ दिया गया है. इसे DRDO की ‘इनमास’ (इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज) प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है. DRDO ने इस ‘बाइक एम्बुलेंस’ को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को सौंपी है.
यह बाइक एम्बुलेंस दूरदराज और संकरी गलियों में रहने वालों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है. संघर्षरत क्षेत्रों में घायल व्यक्तियों का जीवन बचाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकेगा.
बाइक एम्बुलेंस ‘रक्षिता’ में एक स्वनिर्धारित रिक्लाइनिंग कैजुअल्टी इवैक्यूएशन सीट (CES) लगाई गई है. इसमें ड्राइवर के लिए वायरलेस मॉनिटरिंग क्षमता और ऑटो चेतावनी प्रणाली के साथ फ़िज़ियोलॉजिकल पैरामीटर मापने वाले उपकरण भी लगाये गये हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-19 23:19:382021-01-20 10:01:57DRDO ने बाइक एम्बुलेंस ‘रक्षिता’ विकसित की
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इस संबंध में 9 जनवरी को अधिसूचना जारी की गई. उच्च स्तरीय समिति 23 जनवरी 2021 से एक वर्ष तक चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी.
अधिसूचना के अनुसार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस समिति के अध्यक्ष होंगे. समिति के सदस्यों में प्रतिष्ठित नागरिक, इतिहासकार, लेखक, विशेषज्ञ, और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ आजाद हिंद फौज से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे.
यह समिति दिल्ली और कोलकाता के अलावा नेताजी तथा आजाद हिंद फौज से जुड़े देश-विदेश के अन्य स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का मार्गदर्शन करेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-09 21:38:092021-01-10 21:45:45नेताजी की 125वीं जयंती मनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन