भारत और अमेरिका के बीच ‘टाइगर ट्रायम्फ’ अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और अमेरिका के बीच 18 से 20 अक्तूबर तक टाइगर ट्रायम्फ (Tiger Triumph) अभ्यास आयोजित किया गया था. यह अभ्यास आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में दोनों देशों के 50 सैनिकों ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने का प्रशिक्षण शामिल था. यह अमेरिका और भारत के बीच पहला त्रि-सेवा अभ्यास था.

अमरीका और भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अवर्गीकृत संस्करण 12 अक्तूबर को जारी किया गया था. इसके अनुसार अमरीका और भारत स्वतंत्र और मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र के अपने साझा दृष्टिकोण पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे.

मुख्य बिन्दु

  • अमरीका ने कहा है कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और प्रमुख रक्षा साझेदार है, इसलिए दोनों देश द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय तरीके से मिलकर कार्य करेंगे.
  • अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुसार चीन को प्रमुख खतरे के रूप में पहचाना गया है. अमरीका ने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ संबंध प्रगाढ़ बनाता रहेगा.
  • चीन दक्षिणी चीन सागर पर सभी विवादित स्थानों पर ताइवान, फिलीपीन्‍स, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम के माध्यम से अपना दावा करता रहा है.

प्रधानमंत्री, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितम्बर को जापान यात्रा पर थे. वे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के प्रयोजन से गए थे.

8 जुलाई 2022 को चुनाव प्रचार के दौरान शिंजो आबे की हत्या कर दी गई थी. भारत सरकार ने 9 जुलाई को उनके सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री की जापान यात्रा: मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की थी. इस दौरान भारत और जापान के बीच विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत-जापान सम्‍बंधों को मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
  • शिंजो आबे ने भारत में हाई स्‍पीड रेल के सपने को साकार करने में अहम योगदान दिया था. उनके योगदान से क्‍वाड, आसियान, इन्‍डो पैसिफिक ओसियन इनिशियेटिव और एशिया अफ्रिका ग्रोथ कॉरिडोर भी काफी फायदा हुआ.

भारत तथा लातिन अमरीकी और कैरेबियाई देशों के समूह ‘सेलेक’ की बैठक

भारत तथा लातिन अमरीकी और कैरेबियाई देशों के समूह ‘सेलेक’ (Community of Latin American and Caribbean States) की बैठक 19 सितंबर को न्‍यूयॉर्क में आयोजित की गई थी.

भारत-सेलेक बैठक

  • विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने भारतीय पक्ष का और सेलेक (CELAC) का प्रतिनिधित्व ग्‍वाटेमाला, त्रिनिदाद और टौबैगो और कोलम्बिया तथा अर्जेटीना के विदेश मंत्रियों ने किया था.
  • विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए अमेरिका गए हैं.
  • बैठक में व्‍यापार और वाणिज्‍य, कृषि, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्‍वास्‍थ, टीका उत्‍पादन, पारम्‍परिक औषधि और साजो-सामान क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति बनी.
  • दोनों पक्षों ने परस्‍पर हित के क्षेत्रीय और बहु-पक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया तथा संयुक्‍त राष्‍ट्र और अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

जापान और भारत के बीच समुद्री अभ्यास ‘जीमेक्स 22’ का आयोजन

जापान और भारत के बीच समुद्री अभ्यास ‘जीमेक्स 22’ (JIMEX 22) का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में किया था. यह दोनों देशों के बीच JIMEX का छठा संस्करण था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के तीन स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों सहित लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों  ने हिस्सा लिया. इन युद्धपोतों में एक स्टील्थ फ्रिगेट और दो एंटी-सबमरीन जहाज कदमत व कवरत्ती शामिल हैं.

यह संस्करण जीमेक्स की 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसकी शुरुआत 2012 में जापान में हुई थी. इस वर्ष भारत और जापान अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ माना रहे हैं.

इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के समुद्री बलों के बीच अंतर-संचालन में सुधार करना है.

विदेश मंत्री की सऊदी अरब यात्रा: परामर्श तंत्र विकसित करने पर सहमति

विदेश मंत्री 10 से 12 सितम्बर तक सऊदी अरब यात्रा पर थे. विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली सऊदी यात्रा थी.

मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच परामर्श तंत्र विकसित करने पर सहमति बनी. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव नाएफ फलह मुबारक अल-हजरफ के साथ इस सहमति-पत्र पर किए.
  • डॉक्‍टर जयशंकर ने द्विपक्षीय बैठक में वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति के संदर्भ में भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच सहयोग की प्रासंगिकता पर चर्चा की.
  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने रियाद में सउदी अरब के विदेश मंत्री फैज़ल बिन फरहान अल सउद के साथ बैठक की. उन्‍होंने वर्तमान वैश्विक राजनीतिक और आर्थि‍क मुद्दों पर चर्चा की और जी-20 तथा बहुपक्षीय संगठनों में मिलकर काम करने पर सहमति व्‍यक्‍त की.

भारत-जापान 2 प्लस 2 वार्ता जापान में आयोजित की गई

भारत और जापान के बीच 8 सितम्बर को ‘2 प्लस 2’ वार्ता जापान में आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने भाग लिया था. बैठक में जापान का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमादा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने किया.

मुख्य बिन्दु

  • दोनों देशों के बीच यह दूसरी टू प्‍लस टू वार्ता थी. इस वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों की समीक्षा की गई और भविष्य की योजना तय की गई.
  • भारत और जापान, विशेष रणनी‍तिक और वैश्विक साझेदारी की दिशा में कार्य कर रहें हैं. इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं.
  • टू प्‍लस टू वार्ता के अतिरिक्‍त रक्षामंत्री राजनाथ सिंह दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए जापान के रक्षामंत्री के साथ अलग से वार्ता भी की.
  • विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और जापान नियम-आधारित व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि भारत और जापान हिंद प्रशांत पहल, साझेदारी और आर्थिक कार्ययोजना को आगे बढ़ाने के लिए भी तैयार हैं.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच सात समझौते

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5-8 सितम्बर तक भारत की यात्रा पर थीं. अक्तूबर 2019 के बाद शेख हसीना की भारत की यह दूसरी यात्रा थी.

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री हसीना ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की. दोनों नेताओं के नेतृत्व में भारत-बांग्‍लादेश प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई जिसमें आपसी साझेदारी की समीक्षा की गई.

द्विपक्षीय वार्ता के मुख्य बिन्दु

  • बैठक में सम्‍पर्क, ऊर्जा, जल संसाधन, व्‍यापार और निवेश, सीमा प्रबंधन और सुरक्षा, विकास साझेदारी, क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ.
  • दोनों नेताओं ने मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट की पहली इकाई का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. परियोजना का निर्माण भारत रियायती वित्त पोषण योजना के अन्‍तर्गत किया जा रहा है.
  • दोनों देशों के बीच जल संसाधन, रेलवे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के संबंध में सात समझौते हुए. इनमें प्रसार भारती और बांग्‍लादेश टेलीविजन के बीच प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का समझौता शामिल है.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कुशियारा नदी जल बंटवारे पर एक महत्वपूर्ण समझौता होने की घोषणा की. इससे भारत में दक्षिण असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा.
  • बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को बांग्‍लादेश का मित्र बताते हुए बांग्‍लादेश मुक्ति संग्राम में भारत के योगदान को याद किया.

बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान छात्रवृत्ति

बंगलादेश की प्रधानमंत्री ने इस यात्रा के दौरान एक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान छात्रवृत्ति प्रदान की. यह छात्रवृत्ति पहली बार उन सैनिकों के वंशजों और भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को प्रदान की गई, जो 1971 के ऐतिहासिक मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद या गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

भारत और बांग्लादेश संबंध

  • बांग्लादेश और भारत के बीच चार हजार किलोमीटर से अधिक की अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगती है. भारत के पांच राज्य असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल बांग्‍लादेश की सीमा से लगे हुए हैं.
  • 2015 में भूमि सीमा समझौते के ऐतिहासिक प्रोटोकॉल के तहत दोनों पक्षों के बीच भूमि सीमा को सौहार्दपूर्ण ढ़ंग से सुलझा गया है.
  • भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन में सबसे बड़ा हिस्सा बांग्लादेश का है.
  • दक्षिण एशिया में बांग्लादेश अब भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और चौथा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य के रूप में उभरा है.
  • पिछले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच  द्विपक्षीय व्यापार नौ अरब से बढ़कर अठारह अरब डॉलर का हो गया है.

भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का आयोजन

भारत और अमेरिका के विशेष बलों के बीच हाल ही में संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ (Vajra Prahar) 2022 का आयोजन 8 से 28 अगस्त तक किया गया था. यह आयोजन हिमाचल के चंबा जिले के बकलोह में किया गया था. यह ‘वज्र प्रहार’ का यह 13वां संस्करण था.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त मिशन योजना और परिचालन रणनीति जैसे क्षेत्रों में अनुभव साझा करना था. इस अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से अमेरिका और भारत में किया जाता है.

भारतीय सेना का विशेष बल 1966 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनाया गया था. पैराशूट रेजिमेंट, भारतीय सेना के विशेष बल की पहली इकाई थी. विशेष बल ऑपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन कैक्टस और कारगिल युद्ध में शामिल थे.

विदेश मंत्री ने ब्राजील, पैराग्‍वे और अर्जेंटीना की यात्रा संपन्न की

विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर 22 से 27 अगस्त तक ब्राजील, पैराग्‍वे और अर्जेंटीना की सरकारी यात्रा पर थे. विदेश मंत्री की यह दक्षिण अमरीकी क्षेत्र की पहली यात्रा थे.

मुख्य बिन्दु

  • डॉक्‍टर जयशंकर ने इस यात्रा की शुरुआत पेराग्‍वे से की थी. पराग्‍वे में वहां के विदेश मंत्री जुलियो सिजर एरियोला के साथ आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया. विदेश मंत्री ने पराग्वे में महात्मा गांधी की एक आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया.
  • उन्होंने ऐतिहासिक ‘कासा डी ला इंडिपेंडेंशिया’ की यात्रा की, जहां से दो सदी से भी अधिक समय पहले दक्षिण अमेरिकी देश की आजादी का आंदोलन शुरू हुआ था.
  • विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर ने 24 अगस्त को ब्रासीलिया में ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रैंका के साथ बैठक में व्यापार और निवेश, पेट्रोलियम, जैव ईंधन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा की.
  • डॉक्‍टर जयशंकर ने ब्राजील और अर्जेंटीना में वे इन देशों के विदेश मंत्रियों के साथ संयुक्‍त आयोग की आठवीं बैठक की सह-अध्‍यक्षता की.

भारत और वियतनाम के बीच ‘एक्स विनबैक्स 2022’ सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और वियतनाम के बीच 1 से 20 अगस्त तक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘एक्स विनबैक्स – 2022’ (Ex VINBAX – 2022) आयोजित किया गया था. यह इस अभ्यास का तीसरा संस्करण था जिसका आयोजन भारतीय सेना की पश्चिमी कमांड चंडीमंदिर (हरियाणा) में किया गया था.

इस अभ्यास में दोनों देशों की थल सेनाओं ने हिस्सा लिया. यह संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में सेना के इंजीनियर और चिकित्सा टीमों की तैनाती पर केंद्रित था.

‘यह अभ्यास इस मायने में विशेष था कि पहली बार वियतनाम पीपल्स आर्मी ने किसी दूसरे देश की सेना के साथ फिल्ड प्रशिक्षण अभ्यास किया.

भारत और वियतनाम ‘विनबैक्स’: एक दृष्टि

  • भारत और वियतनाम के बीच ‘विनबैक्स’ द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास वर्ष 2019 में शुरू हुआ था.
  • दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के महत्वपूर्ण सदस्य देश वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है.
  • दक्षिण चीन सागर के वियतनामी जलक्षेत्र में भारत की तेल उत्खनन परियोजनाएं हैं. भारत और वियतनाम साझा हितों की रक्षा के लिए पिछले कुछ वर्ष से समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

चीनी पोत ‘युवान वांग-5’ श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर, भारत के लिए चिंता

चीनी अनुसंधान पोत ‘युवान वांग-5’ 16 अगस्त को श्रीलंका का हम्बनटोटा बंदरगाह (Hambantota Port) पहुंचा. श्रीलंका ने इस पोत को अपने हम्‍बनटोटा बंदरगाह पर 16 से 22 अगस्त तक ठहरने की अनुमति दी थी. चीन के इस पोत को आमतौर पर जासूस पोत माना जाता है जिसे लेकर भारत ने अपनी चिंता जाहिर की थी.

भारत की चिंता

  • ‘युवान वांग-5’ चीन का एक उपग्रह और मिसाइल निगरानी पोत है. इस जहाज के हम्बनटोटा बंदगाह पर उतारे जाने पर भारत ने श्रीलंका से अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता जताई थी, जिसके कारण श्रीलंका को चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर उतरने की अनुमति देने में देरी हुई. इससे पहले यह जहाज 11 अगस्त को आने वाला था.
  • भारत के अनुसार यह एक जासूसी जहाज है. जासूसी जहाज समुद्र के तल का नक्शा बना सकता है जो चीनी नौसेना के पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है.
  • यह पोत, हिंद महासागर क्षेत्र के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में उपग्रह अनुसंधान कर सकता है, जिससे भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं.

हंबनटोटा बंदरगाह

हंबनटोटा बंदरगाह, कोलंबो से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. श्रीलंका ने यह बंदरगाह चीन को कर्ज के बदले में लीज पर दिया है. श्रीलंका सरकार ने चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए काफी संघर्ष किया जिसके बाद बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीनियों को सौंप दिया गया.

भारत ने श्रीलंका को डोर्नियर समुद्री टोही विमान उपहार में दिया

भारत ने श्रीलंका को डोर्नियर समुद्री टोही विमान उपहार में दिया है. 15 अगस्त को कातुनायके में श्रीलंका के वायुसेना अड्डे पर विशेष कार्यक्रम में यह विमान सौंपा गया. इसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा मजबूत करना है.

  • श्रीलंका की नौसेना और वायुसेना के सदस्य  चार महीने तक इस विमान के संचालन का प्रशिक्षण भारत में ले चुके हैं.
  • यह विमान बहुमुखी सुरक्षा का काम करेगा और श्रीलंका को समुद्र तटीय क्षेत्र में मानव तथा मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य संगठित अपराधों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में अधिक सक्रिय रूप से मदद करेगा.