24 सितम्बर 2022: हरिजन सेवक संघ का 90वां स्थापना दिवस मनाया गया

24 सितम्बर को 2022 को हरिजन सेवक संघ का 90वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर नई दिल्ली में सद्भावना सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड सहित संगठन के देशभर से एक हजार से अधिक कार्यकर्ता ने भाग लिया.

मुख्य बिन्दु

  • राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1932 में हरिजन सेवक संघ की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य अस्पृश्यता मिटाने तथा जाति, पंथ, लिंग और वर्ण आधारित सभी प्रकार के अन्याय, तिरस्कार और भेदभाव मुक्त समाज बनाना था.
  • पूना समझौते के बाद दलितों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सन 1932 में गांधी ने इस अखिल भारतीय संगठन की नींव रखी.
  • दिल्ली के किंग्सवे कैंप में स्थित इसका मुख्यालय छुआछूत के खिलाफ लड़ाई का प्रमुख केंद्र था. 1930 से 1940 के बीच बापू ने उनका एक लंबा समय यहाँ बीता.

23 सितम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस से संबंधित जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Day of Sign Languages) मनाया जाता है. जो लोग सुन या बोल नहीं सकते उनके हाथों, चेहरे और शरीर के हाव-भाव से बातचीत की भाषा को सांकेतिक भाषा (Sign Language) कहा जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस-2022 का विषय (थीम)– ‘सांकेतिक भाषा हमें एकजुट करते हैं!’ (Sign Languages Unite Us!) है.

इस दिवस को मनाए जाने का प्रस्ताव विश्व बधिर संघ (World Federation of the Deaf) ने रखा था. सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितम्बर 2018 को सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया था. 2018 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था.

21 सितम्बर: अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) मनाया जाता है. इस दिन को शांति के लिए समर्पित किया गया है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और झगड़ों पर विराम लगाना और शांति के आदर्शों को बढाना है.

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2022 का मुख्य विषय (थीम) ‘जातिवाद खत्म करो. शांति का निर्माण करें.’ (End racism. Build peace.) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्ष 1981 में अन्तर्राष्ट्रीय शांति दिवस का प्रस्ताव रखा गया था. शुरुआत में इस दिन को सितंबर के तीसरे मंगलवार को बनाने के लिए तय किय गया था, इसके बाद 2001 में इसको बदलकर 21 सितंबर को तय किया गया. पहला अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 1981 में मनाया गया था.

17 सितम्बर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया गया

17 सितम्बर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ (Hyderabad Mukti Divas) मनाया गया. यह दिवस हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में ऐतिहासिक विलय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. आज ही के दिन 1948 में निजाम के दमनकारी शासन का अंत हुआ था. ‘ऑपरेशन पोलो’ के नाम से प्रसिद्ध यह दिवस पुलिस कार्रवाई का द्योतक है.

इस वर्ष यानी 2022 में तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 17 सितम्बर से एक वर्ष के लिए ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह’ मनाया जा रहा है.

हैदराबाद मुक्ति दिवस: मुख्य बिंदु

  • 1947 में शेष भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी, हैदराबाद राज्य के लोगों को स्वाधीनता के लिए और 13 महीने की प्रतीक्षा करनी पड़ी थी.
  • तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय को वास्तविकता बना दिया. यह तभी संभव हुआ जब भारतीय सेना ने निजाम शासन और उनकी निजी सेना के राजाकारों के खिलाफ पांच दिनों तक पुलिस कार्रवाई की.
  • अभियान के अंत में आसफ जाह वंश के अंतिम निज़ाम, मीर उस्मान अली खान ने 1948 में आज ही के दिन विलय समझौते पर हस्ताक्षर किये.

16 सितम्बर: ओजोन परत संरक्षण दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 16 सितम्बर को विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस (International Day for the Preservation of the Ozone Layer) मनाया जाता है. इस दिवस के मनाने का उद्देश्य पूरे विश्व में इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाना है.

23 जनवरी, 1995 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में 16 सितंबर को अन्तर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था.

वर्ष 2022 का थीम

इस वर्ष यानी 2022 के ओज़ोन परत संरक्षण दिवस का थीम ‘Montreal Protocol@35’ (मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल@35) है.

ओजोन क्या है?

ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है. इस गैस की परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. ओजोन परत सामान्यत: धरातल से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है.

ओजोन परत की खोज साल 1913 में फ्रांस के वैज्ञानिक फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. इस गैस में आक्सीजन के तीन परमाणु (O3) होते हैं. यह सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर का काम करती है.

पराबैगनी किरणों (अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन) की बढ़ती मात्रा से चर्म कैंसर, मोतियाबिंद के अलावा शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. यही नहीं, इसका असर जैविक विविधता पर भी पड़ता है और कई फसलें नष्ट हो सकती हैं.

15 सितम्बर: अभियंता दिवस, एम विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि

प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को देश में अभियन्ता दिवस (Engineer’s Day) के रूप में मनाया जाता है. भारत सरकार द्वारा 1968 में विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया गया था.

विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि

यह दिवस भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है. इसी दिन उनका जन्मदिन है. उनका जन्म 15 सितम्बर को 1860 में मैसूर रियासत में हुआ था, जो आज कर्नाटक राज्य है. उन्हें ‘आधुनिक मैसूर के जनक’ के रूप में जाना जाता है.

एम विश्वेश्वरैया भारत के महान इंजिनियरों में से एक थे, इन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और भारत को नया रूप दिया. उन्हें आमतौर पर सर एम.वी. के नाम से जाना जाता है.

उन्हें 1955 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. किंग जॉर्ज पंचम ने जनता की भलाई के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य (KCIE) के नाइट कमांडर के रूप में नाइट की उपाधि दी थी.

15 सितम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Day of Democracy) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस लोगों के लोकतंत्र को याद रखने का अवसर प्रदान करता है.

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2022 का मुख्य विषय (theme) “लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना (Protecting Press Freedom for Democracy)” है.

अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी सरकारें नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करे और लोगों को लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण और सार्थक भागीदारी का अवसर प्रदान करे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाने के लिए 15 सितंबर का दिन तय किया था. पहली बार वर्ष 2008 में अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया गया था.

14 सितंबर: हिंदी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष के 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मानया जाता है. 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था. पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था. हिन्दी दिवस को पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं.

भारत में आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है.

हिंदी दिवस: एक दृष्टि

  • संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला किया था.
  • हिन्दी भाषा को अनुच्छेद 343 के अंतर्गत देवनागरी लिपि में 1950 में राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया.
  • अनुच्छेद 343 (2) के अंतर्गत यह भी व्यवस्था की गई है कि संविधान के लागू होने के समय से 15 वर्ष की अवधि तक, अर्थात वर्ष 1965 तक संघ के सभी सरकारी कार्यों के लिए पहले की भांति अंग्रेजी भाषा का प्रयोग होता रहेगा.
  • संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.
  • 2011 की जनसँख्या के अनुसार 43.63% भारतीय हिंदी भाषा का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं.
  • भारत में हिंदी भाषा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बोला जाता है.
  • बिहार देश का पहला राज्य था, जिसने अपनी एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी को अपनाया.
  • हिन्दी भाषा विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. विश्व के कई अन्य देशों जैसे पाकिस्तान, मॉरिशस, त्रिनिदाद और सूरीनाम में भी हिंदी भाषा बोली जाती है.
  • अंग्रेजी और फीजियन के साथ हिंदी फिजी की भी राष्ट्रीय भाषा है.
  • हिन्दी की पहली कविता प्रख्यात कवि ‘अमीर खुसरो’ ने लिखी थी.
  • 1977 में विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को हिन्दी में संबोधित किया था.
  • ‘नमस्ते‘ शब्द हिन्दी भाषा में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला शब्द है.
  • अमेरिका के 45 विश्वविद्यालय सहित पूरे विश्व के लगभग 176 विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई जारी है.

12 सितंबर: दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस

संयुक्त राष्ट्र, प्रत्येक वर्ष 12 सितम्बर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for South-South Cooperation) मनाया जाता है. यह दिवस हाल के वर्षों में दक्षिण क्षेत्रों में स्थित देशों द्वारा किए गए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

1978 में ‘विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग’ (TCDC) पर वैश्विक दक्षिण (Global South) का सम्मेलन ब्यूनस आयर्स में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के मुख्य स्तंभों में से एक ‘ब्यूनस आयर्स कार्य योजना’ (BAPA) को अपनाया गया था. यह कार्य योजना विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और कार्यान्वित करने के लिए था.

10 सितम्बर: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 सितम्बर को दुनियाभर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है. आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोकथाम लगाने एवं इस समस्या के प्रति लोगों में जागरुकरता लाने के उद्देस्य से यह दिवस मनाया जाता है.

इसे पहली बार 10 सितंबर, 2003 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) की एक पहल के रूप में चिह्नित किया गया था. WHO ने 2004 में औपचारिक रूप से इसे दिवस के रूप मे मान्यता दी थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या से मर जाते हैं, यानि हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मरता है. इससे 25 गुना लोग आत्महत्या का प्रयास भी करते हैं.

8 सितंबर: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकरी

प्रत्येक वर्ष 8 सितम्बर को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है.

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022 का विषय (थीम) ‘ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस’ (Transforming Literacy Learning Spaces) है.

17 नवम्बर 1965 को युनेस्को ने 8 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी. पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितम्बर 1966 में मनाया गया था.

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में कुल 74.04% जनसँख्या साक्षर हैं. पिछले दशक (2001-11) की तुलना में इसमें 9.2% की वृद्धि हुई.

5 सितंबर: शिक्षक दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन का जन्मदिवस, राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में पर मनाया जाता है. यह दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन के जन्मदिवस के अबसर पर मनाया जाता है. शिक्षक दिवस मानाने की शुरुआत 1962 से हुई थी.

राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

  • शिक्षक दिवस के मौके पर देश में हर साल शिक्षकों को ‘राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार’ से सम्मानित करने की परंपरा है. इस मौके पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 46 शिक्षकों को राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार 2022 से सम्मानित किया.
  • राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार प्राथमिक, माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा मुहैया कराने वाले स्‍कूल के शिक्षकों को दिया जाता है. यह पुरस्‍कार उन श्रेष्‍ठ शिक्षकों को दिये गये हैं, जिन्‍होंने अपनी प्रतिबद्धता से न केवल स्‍कूली शिक्षा के स्‍तर में सुधार किये, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी बेहतर बनाया.
  • पुरस्‍कार स्‍वरूप एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र और पचास हजार रुपये प्रदान किया जाता है. शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार 1958 में शुरू किए गए थे.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: एक दृष्टि

  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को हुआ था. वे देश के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) रहे.
  • डॉ. राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी तथा सीवी रमण देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे. यह सम्मान 1954 में दिया गया था. उन्हें 1963 में ब्रिटिश रॉयल आर्डर ऑफ़ मेरिट से सम्मानित किया गया था.