संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया

सरकार ने संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक (ऑर्गेनिक) कृषि क्षेत्र घोषित किया है. यह घोषणा केंद्र सरकार की भागीदारी गारंटी प्रणाली (PGS) के तहत की गयी है.

भागीदारी गारंटी प्रणाली (PGS) क्या है?

भागीदारी गारंटी प्रणाली (Participatory Guarantee Systems) जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया है. यह सुनिश्चित करती है कि उनका उत्पादन निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार है. इसका कार्यान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है. PGS प्रमाणीकरण केवल उन किसानों या समुदायों के लिये है, जो एक गाँव अथवा आस-पास के अन्य क्षेत्रों के भीतर समूह के रूप में संगठित होकर कार्य कर सकते हैं.

जैविक कृषि क्या है?

जैविक या ऑर्गेनिक कृषि में सभी प्रकार की कृषि गतिविधियाँ पूर्णतः सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना की जाती हैं. इसमें भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाए रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है.

ऑर्गेनिक क्षेत्र बनने वाला देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश

लक्षद्वीप 100 प्रतिशत जैविक कृषि क्षेत्र बनने वाला देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश है. इससे पहले वर्ष 2016 में सिक्किम भारत का पहला 100 प्रतिशत जैविक राज्य बना था.

उल्लेखनीय है कि अक्तूबर 2017 में लक्षद्वीप प्रशासन ने सभी द्वीपों को रासायनिक मुक्त क्षेत्र बनाने के उद्देश्य से कृषि प्रयोजनों के लिये किसी भी प्रकार के सिंथेटिक रसायनों की बिक्री और उपयोग पर औपचारिक प्रतिबंध लगा दिया था.

लक्षद्वीप: एक दृष्टि

लक्षद्वीप, भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश है. इसका क्षेत्रफल लगभग 32 वर्ग किलोमीटर है. यह एक द्वीप समूह है जिसमें कुल 36 द्वीप शामिल हैं. लक्षद्वीप की राजधानी कवारत्ती यहाँ का सबसे प्रमुख शहर है.

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