सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ नया वेतन 1.24 लाख रुपये हुआ

  • केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय ने सांसदों के वेतन-भत्ते और पेंशन में वृद्धि की अधिसूचना 24 मार्च 2025 को जारी की थी. 2018 के बाद पहली बार यह बढ़ोतरी की गई है.
  • जारी अधिसूचना के अनुसार, सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. वेतन वृद्धि के बाद अब सांसदों का मूल वेतन 1 लाख से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है. जबकि, सांसदों का दैनिक संसदीय भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है.
  • पूर्व सांसदों का न्यूनतम पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है. पांच साल से अधिक की सेवा यानि एक टर्म से अधिक सदस्य रहे पूर्व सांसदों को प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह की जगह अब 2,500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से जोड़कर मिलेगा.
  • सांसदों को दैनिक भत्ता (संसद में भाग लेने के लिए), निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, मुफ्त यात्रा और सरकारी आवास के रूप में अतिरिक्त भत्ते भी मिलते हैं.
  • एक सांसद को निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपये प्रति माह और कार्यालय खर्च 60,000 रुपये प्रति माह मिलता है.

सांसदों के वेतन और भत्ते से संबंधित अधिनियमित

    • सांसदों को वेतन, भत्ते और पेंशन, संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत भारत सरकार की संघीय निधि (Consolidated Fund of India) से दिए जाते हैं.
    • इस अधिनियम को वर्ष 2018 में संशोधित कर प्रावधान किया गया था कि सांसदों के वेतन और दैनिक भत्ते में,1 अप्रैल 2023 से, हर पाँच साल में वृद्धि की जाएगी.