भारत ने पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान के निर्माण को मंजूरी दी है. यह मंजूरी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 मई को दी है.
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) इसके AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) मॉडल के डिजाइन पर पहले से काम कर रहा है.
पहली बार निजी कंपनियां भी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण में भाग ले सकती हैं. अब तक, भारत में लड़ाकू विमानों के निर्माण केवल सरकारी स्वामित्व वाली HAL ही करती थी.
पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान उन्नत लड़ाकू विमान हैं, जो स्टेल्थ, सुपरक्रूज और डिजिटल तकनीकों से लैस होते हैं.
इनमें रडार से बचने की क्षमता होती है, जिससे इन्हें दुश्मन आसानी से नहीं देख सकता.
भारत का पहला पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान: एक दृष्टि
भारत का पहला पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान सिंगल सीट और दो इंजन वाला होगा. यह एडवांस्ड स्टील्थ कोटिंग और इंटरनल वेपन बेज से लैस होगा.
स्टील्थ क्षमता से लैस विमान, पनडुब्बी या मिसाइल रडार या सोनार की पकड़ में नहीं आते हैं.
इंटरनल वेपन बेज में लगाए गए हथियार बाहर से दिखते नहीं हैं. अमेरिका के एफ-22 और रूस के एसयू-57 लड़ाकू विमान में ये फीचर्स हैं.
AMCA के दो वर्जन होंगे. पहले वर्जन में अमेरिका में बना जीइ 414 इंजन लगेगा. दूसरे वर्जन में स्वदेशी जेट इंजन लगेगा, जो जीइ 414 से ज्यादा ताकतवर होगा.
किन देशों के पास हैं पांचवीं पीढ़ी के विमान
वर्तमान में सिर्फ तीन देशों अमेरिका, रूस और चीन के पास पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं.
अमेरिका के पास F-22 रैप्टर (दुनिया का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान) और F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें अमेरिका में लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है.
चीन के पास J-20 माइटी ड्रैगन है, जिसे चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन ने बनाया है. वह इससे उन्नत J-35 विमान भी विकसित कर रहा है.
रूस के पास SU-57 है, जिसे रूस के सुखोई डिज़ाइन ब्यूरो ने विकसित किया है.
लड़ाकू विमान के मामले में भारत की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में भारतीय वायु सेना का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान राफेल है, जो 4.5-पीढ़ी का है. इसका विकास फ्रांस के डसॉल्ट एविएशन ने किया है.
स्वदेशी रूप से विकसित तेजस MK-1A को भी 4.5-पीढ़ी का बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान होने का दावा किया जाता है.
4.5 और 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बीच मुख्य अंतर उनकी स्टेल्थ है. स्टेल्थ दुश्मन के सेंसर द्वारा पता लगाने से बचने या कम करने की क्षमता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-05-31 16:02:002025-06-01 16:53:32भारत ने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने को मंजूरी दी