न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में उन्हें शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति गवई ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का स्थान लिया है जो 13 मई सेवानिवृत्त हो गए.
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई इस पद तक पहुंचने वाले पहले बौद्ध न्यायाधीश हैं. वह पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बाला कृष्णन के बाद अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं.
जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 23 दिसंबर को 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे.
कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना 29 अप्रैल को जारी की थी.
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनका नाम 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना द्वारा केंद्र सरकार को सिफारिश के रूप में भेजा गया था.
सीजेआई की नियुक्ति की प्रक्रिया
संविधान के अनुच्छेद 124 भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करने की शक्ति प्रदान करता है.
केंद्रीय विधि मंत्रालय ने वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के अनुशंसा से सीजेआई की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करता है. केंद्रीय विधि मंत्रालय वर्तमान मुख्य न्यायाधीश द्वारा अनुशंसित नाम को प्रधानमंत्री के पास भेजता है.
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह के आधार पर भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-05-15 23:02:462025-05-15 23:02:46न्यायमूर्ति बीआर गवई ने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली