उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित हुआ
उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फ़रवरी को राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) विधेयक पारित किया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक विधानसभा के पटल पर रखा था. इस विधेयक के पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
मुख्य बिन्दु
- इस विधेयक के पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल के दस्तखत होते ही यह कानून बन जाएगा.
- इस विधेयक का मकसद शादी, तलाक, विरासत, और गोद लेने से जुड़े मामलों में सभी धर्मों पर समान कानून लागू करना है. हालांकि, राज्य की कुछ जनजातियों को इससे अलग रखा गया है.
- नए कानून के लागू होने के बाद पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा.
- जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की तरह विवाह और विवाह विच्छेद का पंजीकरण कराया जा सकेगा. ये पंजीकरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा.
- पति-पति के विवाह विच्छेद या घरेलू झगड़े के समय में 5 साल तक के बच्चे की कस्टडी मां के पास होगी.
- नए कानून में जायज या नाजायज बच्चे में कोई भेद नहीं होगा. दोनों ही तरह के बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा.
- वयस्क पुरुष 21 वर्ष का, 18 साल की महिला लिव-इन में रह सकते हैं, इसके लिए उन्हें पंजीकरण कराना होगा.