रूस का चंद्र मिशन लूना-25 अनियंत्रित होकर चन्द्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त
रूस द्वारा का चंद्र मिशन ‘लूना-25’ विफल हो गया है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के अनुसार यह मिशन अनियंत्रित होकर चन्द्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रूस ने 1 अगस्त 2023 को अपने चंद्र मिशन ‘लूना-25’ को प्रक्षेपित किया था.
लूना-25 मिशन: मुख्य बिन्दु
- रॉसकॉसमॉस के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि संचालन के वास्तविक और परिकलित मानदण्डों में अंतर के बाद अंतरिक्ष यान किसी अन्य कक्षा में चला गया और चन्द्रमा की सतह से टकराकर ध्वस्त हो गया.
- 19 अगस्त को रूस ने लूना-25 की भेजी ज़ीमन क्रेटर की तस्वीर शेयर की थी. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद क़रीब 20 गहरे गड्ढों में ज़ीमन क्रेटर तीसरा बड़ा क्रेटर है. ये क़रीब 190 किलोमीटर चौड़ा है और 8 किलोमीटर गहरा है.
- रूस की योजना चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इस मानवरहित यान की सॉफ्ट लैंडिग कराने की थी. चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने में रूस के लूना-25 का भारत के चंद्रयान- 3 से मुक़ाबला हो रहा था. चंद्रयान- 3 को 23 अगस्त को चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग किया जाना है.
- अब तक चांद के लिए जो भी सफल मिशन रहे हैं वो चांद के उत्तर या मध्य में हैं. यहां पर लैंडिंग के लिए जगह समतल है और सूरज की सही रोशनी भी आती है.
- चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी नहीं पहुंचती. साथ ही इस जगह पर चांद की सतह पथरीली, ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी है.
- दक्षिणी हिस्से में सूरज की रोशनी के कारण गड्ढों की परछाईं बहुत लंबी होती है. इस कारण यहां गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ ज़मीन की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है.
- चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी कम ही तस्वीरें उपलब्ध हैं जिस कारण वैज्ञानिक अब तक इस इलाक़े का विस्तार से अध्ययन नहीं कर पाए है.
- 1976 में रूस ने लूना-24 मिशन ने चांद पर लैंडिंग की थी. इसके 47 साल बाद लूना-25 को चांद के दक्षिणी हिस्से में भेजा गया था, जो नाकाम रहा.