प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अध्यक्षता में अंतर्राज्यीय परिषद का पुनर्गठन किया गया

सरकार ने हाल ही में अंतर्राज्यीय परिषद (ISC) का पुनर्गठन किया है. इस परिषद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अध्यक्ष और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और 16 केंद्रीय मंत्री सदस्य हैं.

राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र कुमार, हरदीप सिंह पुरी, नितिन गडकरी, एस जयशंकर, अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रल्हाद जोशी, अश्विनी वैष्णव, गजेंद्र सिंह शेखावत, किरेन रिजिजू और भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्रियों में शामिल हैं.

सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित की अध्यक्षता में अंतर्राज्यीय परिषद की स्थायी समिति का भी पुनर्गठन किया है. आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस समिति के सदस्य होंगे. सदस्यों में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र कुमार और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल होंगे.

अंतर्राज्यीय परिषद: एक दृष्टि

  • न्यायमूर्ति आरएस सरकारिया की अध्यक्षता में वर्ष 1988 में गठित आयोग ने अंतर्राज्यीय परिषद स्थापित किये जाने की सिफारिश की थी.
  • अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य होते हैं. विधानसभा नहीं रखने वाले केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं. इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट रैंक के छह मंत्री भी इसके सदस्य होते हैं.
  • अंतर्राज्यीय परिषद का कार्य देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने के लिये एक मज़बूत संस्थागत ढाँचा तैयार करना है. अंतर्राज्यीय परिषद में केंद्र-राज्य तथा अंतर-राज्य संबंधों के सभी लंबित मुद्दों पर विचार किया जाता है. परिषद की एक वर्ष में कम-से-कम तीन बार बैठक हो सकती है.
  • अंतर्राज्यीय परिषद का एक स्थायी समिति भी होता है. स्थायी समिति की स्थापना वर्ष 1996 में परिषद के विचारार्थ मामलों के निरंतर परामर्श और प्रसंस्करण के लिये की गई थी. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अध्यक्ष और पांच केन्द्रीय मंत्री सदस्य होते हैं.
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