‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट होने वाला पहला हिंदी उपन्यास बना

लेखिका गीतांजलि श्री द्वारा लिखित उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ को बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. यह बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट होने वाला पहला हिंदी उपन्यास बन गया है. अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार समारोह 26 मई को लंदन में आयोजित होगा.

  • गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुई थी. इसका अंग्रेजी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ डेजी रॉकवेल ने किया है.
  • ‘रेत समाधि’ उत्तर भारत की एक 80 साल की महिला की कहानी है जो अपने पति की मौत के बाद तनाव में चली जाती है और एक नया जीवन शुरू करना चाहती है.
  • इस पुरस्कार के लिए पांच अन्य किताबों को भी शॉर्टलिस्ट किया है. पुरस्कार विजेता को 50,000 पाउंड (करीब 49.57 लाख रुपए) की राशि प्रदान की जाएगी, जो लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से विभाजित होगी.

गीतांजलि श्री: मुख्य तथ्य

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मी गीतांजलि जानी-मानी उपन्यासकार हैं. ‘वैराग्य’ और ‘यहां हाथी रहते थे’ जैसे कहानी संग्रहों में उनके द्वारा लिखी गयी मुख्य कहानियां हैं. गीतांजलि श्री का पहला उपन्यास ‘माई’ था. ‘हमारा शहर उस बरस’, ‘तिरोहित’ और ‘खाली जगह’ उनके द्वारा लिखित अन्य मुख्य उपन्यास हैं.

लेटेस्ट कर्रेंट अफेयर्स 〉