भारत और जापान की 14वीं शिखर वार्ता, भारत में 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य
भारत और जापान की 14वीं शिखर वार्ता (14th India Japan Annual Summit) 19 मार्च को नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो (Fumio Kishida) ने हिस्सा लिया था. यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी. दोनों देशों के बीच पिछली वार्षिक शिखर वार्ता अक्तूबर 2018 में तोक्यो में हुई थी.
मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दो प्रमुख शक्तियां बताते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग से जुड़े कई क्षेत्रों पर चर्चा की. इनमें आर्थिक, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास, डिजिटल और कौशल विकास शामिल हैं.
- भारत और जापान ने शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए. ये समझौते साइबर सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचा विकास और शहरी विकास से संबंधित हैं.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री किशिदा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जापान अगले पांच वर्ष में भारत में 3.20 लाख करोड रुपए का निवेश करेगा.
- मुम्बई-अहमदाबाद हाईट्रेक रेल प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है, दोनों देश इस पर ‘वन टीम- वन प्रोजेक्ट’ के साथ काम कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट भारत-जापान पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है.
- जापान ने 2014 में निर्धारित 3.5 ट्रिलियन जापानीज़ येन का निवेश लक्ष्य पार कर लिया है और आने वाले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन मतलब करीब 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश का नया लक्ष्य तय किया है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त करना और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि भारत-जापान स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी इस दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी.
- भारत और जापान ने यूक्रेन में संघर्ष और मानवीय संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की. संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि दोनों नेता यूक्रेन में मानवीय संकट के समाधान के लिए समुचित कदम उठाएंगे.
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने परमाणु प्रसार और परमाणु आतंक की चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग सुदृढ़ किए जाने पर भी बल दिया.